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धान का थरहा कैसे डालें?
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धान का थरहा (नर्सरी) डालने की विधि इस प्रकार है:
1. **खेत का चुनाव और तैयारी:**
* दोमट और चिकनी दोमट मिट्टी धान की नर्सरी के लिए उपयुक्त होती है।
* नर्सरी लगाने से पहले खेत की दो से तीन जुताई करके मिट्टी को समतल और भुरभुरा बना लेना चाहिए।
* खेत में पानी की निकासी के लिए उचित इंतजाम होना चाहिए।
2. **नर्सरी का समय:**
* मध्यम से देर से पकने वाली किस्मों की रोपाई जून के दूसरे सप्ताह में करना उचित होता है।
* देर से पकने वाली किस्मों की रोपाई जून के दूसरे से तीसरे सप्ताह तक करना चाहिए।
3. **क्यारियां तैयार करना:**
* धान की नर्सरी क्यारियां बनाकर तैयार की जाती है।
* इसके लिए एक से डेढ़ मीटर चौड़ी तथा चार से पांच मीटर लंबी क्यारियां तैयार करना पड़ती है।
4. **बीज की मात्रा:**
* क्यारियां तैयार करने के बाद उपचारित धान के बीज का प्रति वर्ग मीटर 50 से 80 ग्राम बीज का छिड़काव करना चाहिए।
* विभिन्न किस्मों के अनुसार प्रति हेक्टेयर 25 से 35 किलोग्राम बीज की जरूरत पड़ती है।
* नर्सरी में तय दर के हिसाब से बीज डालना चाहिए, इससे पौधे की ग्रोथ अच्छी होती है और पौधे खराब होने की संभावना कम हो जाती है।
5. **बीजोपचार:**
* धान की फसल को विभिन्न रोगों से बचाने के लिए नर्सरी लगाने से पहले बीज को अनुशंसित दवाईयों से उपचारित कर लेना चाहिए।
* थोथे बीज को हटाने के लिए 2 फीसदी नमक के घोल में बीजों को डालें और अच्छी तरह से मिलाएं।
6. **बुवाई की विधि:**
* धान की बीजाई करने से पहले बीजों को अंकुरित कर लेना चाहिए।
* इसके लिए बीजों को जूट के बोरे में भर लें, इसके बाद इसको 15 से 20 घंटों के लिए पानी में भीगने दें।
* इसके बाद बीजों को अच्छी तरह सुखा लें और फिर बिजाई करें।
* बुवाई के बाद पक्षियों से दो-तीन दिनों तक बचाव करें जब तक कि बीज उग न आए।
7. **खाद व उर्वरक का उपयोग:**
* पौधे के अच्छे विकास के लिए धान नर्सरी में प्रति 100 वर्ग मीटर में 2-3 किलोग्राम यूरिया, 3 किलोग्राम सुपर फास्फेट तथा 1 किलोग्राम पोटाश का प्रयोग करना चाहिए।
* कुछ दिनों बाद यदि पौधों में पीलापन दिखाई दे, तो 1 किलोग्राम जिंक सल्फेट तथा आधा किलोग्राम चूना लेकर 50 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए।
8. **सिंचाई:**
* पौधों के अच्छे अंकुरण के लिए पानी की बेहद जरूरत होती है।
* बीजाई के समय क्यारियों में पानी नहीं होना चाहिए, लेकिन तीन से चार दिनों बाद क्यारियों को तर रखना चाहिए।
* जब पौधा 5 सेंटीमीटर तक बढ़ जाए तब खेत में एक से दो सेंटीमीटर पानी भरकर रखना चाहिए।