
सरकार
- महतारी वंदन योजना की 15वीं किस्त 1 मई 2025 को जारी कर दी गई है।
- कुछ सूत्रों के अनुसार, यह संभावना है कि 10 मई 2025 के आसपास यह राशि सभी महिलाओं के खाते में भेज दी जाएगी।
- आमतौर पर, इस योजना के तहत सहायता राशि हर महीने की 1 से 10 तारीख के बीच जारी की जाती है।
- आप आधिकारिक वेबसाइट पर या SMS के माध्यम से सूचना प्राप्त कर सकते हैं कि आपके खाते में पैसे आ गए हैं।
- इस योजना के माध्यम से, छत्तीसगढ़ राज्य सरकार महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करके सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना चाहती है।
- इस योजना के तहत, राज्य की 23 से 60 वर्ष की महिलाओं को लाभ मिलता है।
- हालांकि सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक तारीख घोषित नहीं की है।
- पिछली किस्तों के आधार पर, यह अनुमान है कि भुगतान 10 मई 2025 के आसपास किया जा सकता है।
- यह भी संभावना है कि मई के पहले सप्ताह में राशि आपके खाते में पहुँच जाएगी।
छत्तीसगढ़ में तमनार और लैलूंगा क्षेत्र में डिलीवरी होने पर 20,000 रुपये मिलने की जानकारी के लिए, आपको जन स्वास्थ्य सहयोग (JSS) गनियारी या स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से संपर्क करना चाहिए। वे आपको इस योजना के बारे में सटीक जानकारी दे सकते हैं और यह भी बता सकते हैं कि आपको यह राशि मिली है या नहीं।
आप चाहें तो इस बारे में जानकारी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट भी देख सकते हैं।
यदि आपको अभी तक यह राशि नहीं मिली है, तो आप संबंधित अधिकारियों से संपर्क करके अपनी स्थिति की जांच कर सकते हैं।
संपर्क करने के लिए कुछ संभावित स्रोत:
- जन स्वास्थ्य सहयोग (JSS) गनियारी: JSS Ganiyari Website
- स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता (Local Health Workers): आपके गांव या क्षेत्र में कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ता।
भारत सरकार ने वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:
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वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972: यह अधिनियम वन्यजीवों के संरक्षण और अवैध शिकार को रोकने के लिए बनाया गया है। इसके तहत, लुप्तप्राय प्रजातियों को सुरक्षा प्रदान की जाती है और उनके आवासों को संरक्षित किया जाता है।
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राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य: सरकार ने देश भर में कई राष्ट्रीय उद्यान और वन्यजीव अभयारण्य स्थापित किए हैं। ये क्षेत्र वन्यजीवों के लिए सुरक्षित आवास प्रदान करते हैं और उनके संरक्षण में मदद करते हैं।
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बाघ परियोजना (Project Tiger): यह परियोजना बाघों की घटती संख्या को रोकने और उनके संरक्षण के लिए 1973 में शुरू की गई थी। इसके तहत, बाघों के आवासों को सुरक्षित किया गया है और उनकी आबादी को बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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हाथी परियोजना (Project Elephant): यह परियोजना हाथियों के संरक्षण के लिए 1992 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य हाथियों के आवासों को सुरक्षित करना और मानव-हाथी संघर्ष को कम करना है।
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वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (Wildlife Crime Control Bureau): यह ब्यूरो वन्यजीवों से जुड़े अपराधों को रोकने और उनका मुकाबला करने के लिए स्थापित किया गया है।
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अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: भारत वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और सम्मेलनों के साथ मिलकर काम करता है।
इन कदमों के अलावा, सरकार वन्यजीवों के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए भी कई कार्यक्रम चलाती है।