
भारत
उन्होंने 1952 से 1962 तक इस पद पर कार्य किया।
स्रोत:
दरगाह के बारे में कुछ अतिरिक्त जानकारी:
- ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती, जिन्हें गरीब नवाज के नाम से भी जाना जाता है, एक प्रसिद्ध सूफी संत थे।
- उन्होंने 13वीं शताब्दी में भारत में चिश्ती संप्रदाय की स्थापना की।
- उनकी दरगाह सभी धर्मों के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है।
पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद, ब्रिटिश भारत (वर्तमान में प्रयागराज, उत्तर प्रदेश, भारत) में हुआ था।
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अगर हिमालय पर्वत श्रृंखला भारत के उत्तर में नहीं होती, तो भारत की भौगोलिक, जलवायु और सांस्कृतिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ता। कुछ संभावित प्रभाव निम्नलिखित हो सकते थे:
- जलवायु परिवर्तन: हिमालय, उत्तरी हवाओं को रोकता है, जिससे भारत की जलवायु अपेक्षाकृत गर्म रहती है। इसके अभाव में, भारत एक ठंडा और शुष्क क्षेत्र होता। (pmfias.com)
- वर्षा में कमी: हिमालय मानसून हवाओं को भारतीय उपमहाद्वीप की ओर मोड़ने में मदद करता है, जिससे वर्षा होती है। इसके बिना, भारत में वर्षा बहुत कम होती, जिससे कृषि और जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता। (drishtiias.com)
- नदियों का अभाव: हिमालय से निकलने वाली नदियाँ, जैसे गंगा, सिंधु और ब्रह्मपुत्र, भारत की जीवन रेखा हैं। हिमालय के बिना, इन नदियों का अस्तित्व नहीं होता, जिससे पानी की कमी होती और कृषि प्रभावित होती। (mapsofindia.com)
- सांस्कृतिक प्रभाव: हिमालय ने भारतीय संस्कृति और इतिहास को गहराई से प्रभावित किया है। यह कई तीर्थस्थलों का घर है और इसने कई धार्मिक परंपराओं को जन्म दिया है। इसके अभाव में, भारत की सांस्कृतिक विविधता कम हो जाती।
- सुरक्षा: हिमालय ने भारत को प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान की है, जिससे आक्रमणकारियों के लिए भारत में प्रवेश करना मुश्किल हो गया। इसके बिना, भारत अधिक असुरक्षित होता।
संक्षेप में, हिमालय भारत के लिए एक महत्वपूर्ण भौगोलिक विशेषता है, और इसके अभाव में भारत की जलवायु, अर्थव्यवस्था, संस्कृति और सुरक्षा पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव पड़ता।
भारत की विदेश नीति हमेशा से ही शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के सिद्धांतों पर आधारित रही है। यह नीति विश्व में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई गई है।
भारत की विदेश नीति के कुछ प्रमुख पहलू जो इसे शांति की विश्व नीति बनाते हैं:
- पंचशील सिद्धांत: भारत ने हमेशा पंचशील सिद्धांतों का पालन किया है, जो शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, अहस्तक्षेप, समानता और आपसी लाभ पर आधारित हैं।
- गुटनिरपेक्षता: शीत युद्ध के दौरान, भारत ने किसी भी गुट में शामिल न होने का फैसला किया और गुटनिरपेक्ष आंदोलन का नेतृत्व किया। यह दर्शाता है कि भारत विश्व शांति के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी सैन्य गठबंधन का हिस्सा नहीं बनना चाहता।
- निरस्त्रीकरण: भारत परमाणु हथियारों के पूर्ण निरस्त्रीकरण का समर्थन करता है और इस दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है।
- अंतर्राष्ट्रीय सहयोग: भारत संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में सक्रिय रूप से भाग लेता है और विश्व शांति और सुरक्षा को बनाए रखने में योगदान देता है।
- द्विपक्षीय संबंध: भारत सभी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने का प्रयास करता है और विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने का समर्थन करता है।
भारत की विदेश नीति शांति, सद्भाव और सहयोग पर आधारित है, और यह विश्व में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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उत्तर AI में आपका स्वागत है! यहाँ भारत के आयात-निर्यात पर एक संक्षिप्त विवरण दिया गया है:
भारत का आयात:
- मुख्य आयात: कच्चा तेल, सोना, मशीनरी, रसायन, उर्वरक, प्लास्टिक।
- आयात के स्रोत: चीन, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका।
भारत का निर्यात:
- मुख्य निर्यात: पेट्रोलियम उत्पाद, रत्न और आभूषण, दवाएं, लोहा और इस्पात उत्पाद, रसायन, वस्त्र, कृषि उत्पाद।
- निर्यात के गंतव्य: अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, चीन, बांग्लादेश।
आयात-निर्यात का महत्व:
- आयात देश की जरूरतों को पूरा करने और औद्योगिक उत्पादन को समर्थन देने में मदद करते हैं।
- निर्यात विदेशी मुद्रा अर्जित करने, रोजगार सृजित करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
नवीनतम रुझान: भारत सरकार "मेक इन इंडिया" और "आत्मनिर्भर भारत" जैसी पहलों के माध्यम से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता कम करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
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