
युद्ध
विश्व के इतिहास में कई महत्वपूर्ण लड़ाइयाँ हुई हैं, जिन्होंने दुनिया के नक्शे और राजनीतिक परिदृश्य को बदल दिया। यहाँ कुछ प्रमुख लड़ाइयों का उल्लेख किया गया है:
- मैराथन की लड़ाई (490 ईसा पूर्व): यह लड़ाई ग्रीक और फ़ारसी साम्राज्य के बीच हुई थी, जिसमें ग्रीक सेना ने फ़ारसी सेना को हराया था। यह लड़ाई ग्रीक सभ्यता के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ थी। ब्रिटानिका पर और जानें
- गौगामेला की लड़ाई (331 ईसा पूर्व): इस लड़ाई में सिकंदर महान ने फ़ारसी राजा डेरियस तृतीय को हराया था, जिससे सिकंदर के साम्राज्य का विस्तार हुआ। विश्व इतिहास विश्वकोश पर और जानें
- टूर्स की लड़ाई (732 ईस्वी): इस लड़ाई में फ्रैंकिश साम्राज्य के चार्ल्स मार्टेल ने उमय्यद खलीफा के अब्द अल-रहमान अल-गफीकी को हराया था, जिससे यूरोप में इस्लामी साम्राज्य का विस्तार रुक गया। ब्रिटानिका पर और जानें
- हेस्टिंग्स की लड़ाई (1066): इस लड़ाई में नॉर्मन ड्यूक विलियम ने इंग्लैंड के राजा हेरोल्ड द्वितीय को हराया था, जिससे इंग्लैंड पर नॉर्मन विजय की शुरुआत हुई। ब्रिटानिका पर और जानें
- क्रेसी की लड़ाई (1346): यह लड़ाई सौ साल के युद्ध का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी, जिसमें अंग्रेजी सेना ने फ्रांसीसी सेना को हराया था। ब्रिटानिका पर और जानें
- कुस्तुंतुनिया का पतन (1453): इस घटना में ओटोमन साम्राज्य ने कुस्तुंतुनिया (इस्तांबुल) पर कब्ज़ा कर लिया, जिससे बाइज़ेंटाइन साम्राज्य का अंत हो गया। ब्रिटानिका पर और जानें
- पानीपत की पहली लड़ाई (1526): इस लड़ाई में बाबर ने दिल्ली सल्तनत के अंतिम सुल्तान इब्राहिम लोदी को हराया था, जिससे भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना हुई। ब्रिटानिका पर और जानें
- लेपैंटो की लड़ाई (1571): इस लड़ाई में यूरोपीय ईसाई सेनाओं ने ओटोमन नौसेना को हराया था, जिससे भूमध्य सागर में ओटोमन साम्राज्य का विस्तार रुक गया। ब्रिटानिका पर और जानें
- प्लासी की लड़ाई (1757): इस लड़ाई में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला को हराया था, जिससे भारत में ब्रिटिश शासन की शुरुआत हुई। ब्रिटानिका पर और जानें
- वाटरलू की लड़ाई (1815): इस लड़ाई में ब्रिटिश और प्रशिया की सेनाओं ने नेपोलियन बोनापार्ट को हराया था, जिससे नेपोलियन के साम्राज्य का अंत हो गया। ब्रिटानिका पर और जानें
- गेटीसबर्ग की लड़ाई (1863): यह लड़ाई अमेरिकी गृहयुद्ध का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थी, जिसमें उत्तरी सेना ने दक्षिणी सेना को हराया था। ब्रिटानिका पर और जानें
- प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918): यह एक वैश्विक युद्ध था जिसमें कई देश शामिल थे, और इसने दुनिया के राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य को बदल दिया। ब्रिटानिका पर और जानें
- द्वितीय विश्व युद्ध (1939-1945): यह इतिहास का सबसे बड़ा और सबसे घातक युद्ध था, जिसमें दुनिया के अधिकांश देश शामिल थे। ब्रिटानिका पर और जानें
यह सूची केवल कुछ प्रमुख लड़ाइयों का उल्लेख करती है। इतिहास में और भी कई महत्वपूर्ण लड़ाइयाँ हुई हैं जिन्होंने दुनिया को आकार दिया है।
भारत के इतिहास में कई महत्वपूर्ण लड़ाइयाँ हुई हैं, जिन्होंने देश की दिशा और स्वरूप को प्रभावित किया है। इनमें से कुछ प्रमुख लड़ाइयाँ निम्नलिखित हैं:
- कलिंग की लड़ाई (261 ईसा पूर्व): यह लड़ाई मौर्य सम्राट अशोक और कलिंग राज्य के बीच हुई थी। इस लड़ाई में भारी रक्तपात हुआ, जिसके बाद अशोक ने बौद्ध धर्म अपना लिया। और जानकारी
- तराइन की पहली लड़ाई (1191): यह लड़ाई पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गोरी के बीच हुई थी, जिसमें पृथ्वीराज चौहान विजयी रहे। और जानकारी
- तराइन की दूसरी लड़ाई (1192): यह लड़ाई भी पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गोरी के बीच हुई थी, लेकिन इस बार मुहम्मद गोरी विजयी रहे और भारत में मुस्लिम शासन की स्थापना हुई। और जानकारी
- पानीपत की पहली लड़ाई (1526): यह लड़ाई बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच हुई थी, जिसमें बाबर ने लोदी को हराकर मुगल साम्राज्य की स्थापना की। और जानकारी
- खानवा की लड़ाई (1527): यह लड़ाई बाबर और मेवाड़ के राणा सांगा के बीच हुई थी, जिसमें बाबर विजयी रहे। और जानकारी
- पानीपत की दूसरी लड़ाई (1556): यह लड़ाई अकबर और हेमू के बीच हुई थी, जिसमें अकबर विजयी रहे। और जानकारी
- हल्दीघाटी की लड़ाई (1576): यह लड़ाई अकबर और महाराणा प्रताप के बीच हुई थी, जिसमें मुगल सेना विजयी रही, लेकिन महाराणा प्रताप ने मुगलों की अधीनता स्वीकार नहीं की। और जानकारी
- प्लासी की लड़ाई (1757): यह लड़ाई ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच हुई थी, जिसमें ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी विजयी रही और भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना की नींव रखी गई। और जानकारी
- बक्सर की लड़ाई (1764): यह लड़ाई ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और मुगल, अवध और बंगाल के शासकों की संयुक्त सेना के बीच हुई थी, जिसमें ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी विजयी रही और भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना को और मजबूत किया। और जानकारी
- भारत-पाकिस्तान युद्ध (1947-48, 1965, 1971, 1999): भारत और पाकिस्तान के बीच कई युद्ध हुए हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख युद्ध 1947-48, 1965, 1971 और 1999 में हुए थे। इन युद्धों ने दोनों देशों के संबंधों को प्रभावित किया है।
यह सूची केवल कुछ प्रमुख लड़ाइयों को दर्शाती है। भारत के इतिहास में और भी कई महत्वपूर्ण लड़ाइयाँ हुई हैं।
भारत के राजाओं ने समय-समय पर कई महत्वपूर्ण लड़ाइयाँ लड़ीं। इनमें से कुछ प्रमुख लड़ाइयाँ इस प्रकार हैं:
- कलिंग की लड़ाई (261 ईसा पूर्व): यह लड़ाई मौर्य सम्राट अशोक और कलिंग राज्य के बीच हुई थी। इस लड़ाई में भारी रक्तपात हुआ था, जिसके बाद अशोक ने बौद्ध धर्म अपना लिया था। विकिपीडिया
- तराइन की पहली लड़ाई (1191): यह लड़ाई पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गोरी के बीच हुई थी, जिसमें पृथ्वीराज चौहान विजयी रहे थे। विकिपीडिया
- तराइन की दूसरी लड़ाई (1192): यह लड़ाई भी पृथ्वीराज चौहान और मुहम्मद गोरी के बीच हुई थी, लेकिन इस बार मुहम्मद गोरी विजयी रहा और पृथ्वीराज चौहान को बंदी बना लिया गया। विकिपीडिया
- पानीपत की पहली लड़ाई (1526): यह लड़ाई बाबर और इब्राहिम लोदी के बीच हुई थी, जिसमें बाबर ने इब्राहिम लोदी को हराया और भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना की। विकिपीडिया
- खानवा की लड़ाई (1527): यह लड़ाई बाबर और मेवाड़ के राणा सांगा के बीच हुई थी, जिसमें बाबर विजयी रहा था। विकिपीडिया
- पानीपत की दूसरी लड़ाई (1556): यह लड़ाई अकबर और हेमू के बीच हुई थी, जिसमें अकबर विजयी रहा था। विकिपीडिया
- हल्दीघाटी की लड़ाई (1576): यह लड़ाई मेवाड़ के महाराणा प्रताप और अकबर की सेना के बीच हुई थी, जिसमें कोई स्पष्ट विजेता नहीं रहा था, लेकिन यह लड़ाई महाराणा प्रताप के साहस और देशभक्ति के लिए जानी जाती है। विकिपीडिया
- प्लासी की लड़ाई (1757): यह लड़ाई ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी और बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के बीच हुई थी, जिसमें ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी विजयी रही और भारत में ब्रिटिश शासन की नींव पड़ी। विकिपीडिया
- पानीपत की तीसरी लड़ाई (1761): यह लड़ाई अहमद शाह अब्दाली और मराठा साम्राज्य के बीच हुई थी, जिसमें अहमद शाह अब्दाली विजयी रहा था। विकिपीडिया
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यह एक जटिल प्रश्न है जिसके कई दृष्टिकोण हैं। हिंदू धर्म में, ईश्वर की अवधारणा निराकार (बिना आकार) और साकार (आकार के साथ) दोनों रूपों में मानी जाती है।
निराकार रूप:
- ब्रह्म: यह ईश्वर का परम, निराकार रूप है जो सभी चीजों से परे है। इसे अक्सर 'अव्यक्त' कहा जाता है, जिसका अर्थ है 'जो व्यक्त नहीं है'।
साकार रूप:
- अवतार: जब ईश्वर किसी विशेष उद्देश्य को पूरा करने के लिए भौतिक रूप में प्रकट होता है, तो उसे अवतार कहा जाता है।
- श्री कृष्ण: महाभारत के युद्ध में, श्री कृष्ण को भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है। वे अर्जुन के सारथी बने और उन्होंने भगवत गीता का उपदेश दिया।
इसलिए, यह माना जाता है कि यद्यपि ईश्वर निराकार है, वे आवश्यकतानुसार साकार रूप में भी प्रकट हो सकते हैं। श्री कृष्ण का अवतार धर्म की स्थापना और अधर्म का नाश करने के लिए हुआ था।
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- देश की रक्षा के लिए तत्परता: देशभक्ति का मतलब हमेशा बाहरी हमलों से देश की रक्षा के लिए लड़ना, हिंसक होना और अपने प्राणों की आहुति देना नहीं होता है। इसमें देशवासियों के लिए भावुक काम, सच्चा प्यार और देश के प्रति ईमानदार भावनाओं को दिखाना भी शामिल है।
- देश के प्रति प्रेम और समर्पण: देशभक्ति को देश के प्रति व्यक्ति के प्रेम और समर्पण के रूप में माना जाता है। देशभक्त वह है जो अपने राष्ट्र के प्रति सम्मान, निष्ठा और भक्ति रखता है और मातृभूमि के लिए मजबूत समर्थन करता है। देशभक्त अपने देश के प्यार और स्नेह के लिए जाने जाते थे, और नागरिक होने पर उन्हें बहुत गर्व महसूस होता है।
- देश के विकास में योगदान: देशभक्ति के गुण रखने वाला व्यक्ति अपने देश से बेहद प्यार और स्नेह करता है और हमेशा देश के विकास की बात करता है। हर देश में ऐसे देशभक्त लोग होते हैं जो हमेशा दुनिया के सामने अपनी मातृभूमि का बेहतरीन तरीके से प्रतिनिधित्व करते हैं।
- एकजुटता और राष्ट्रीय भावना: हम सांस्कृतिक रूप से, राजनीतिक रूप से, या ऐतिहासिक रूप से उसी आदर्श और कई अन्य चीजों के आधार पर अपनी मातृभूमि से जुड़े हो सकते हैं। लोग कभी-कभी इस भावनात्मक लगाव को "राष्ट्रीय भावना" या "राष्ट्रीय गौरव" के रूप में संदर्भित करते हैं क्योंकि यह उनके देश के साथ उनके भावनात्मक जुड़ाव का परिणाम है।
- देश की संस्कृति और धरोहर का सम्मान: भारत, विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का अद्वितीय उदाहरण है, जिसमें हर दिन देशभक्ति की भावना का उद्घाटन होता है।