
भारतीय सेना
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (Indian National Congress) मुख्य रूप से भारत की स्वतंत्रता के लिए लड़ने और सभी भारतीयों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए स्थापित हुई थी। यह विभिन्न वर्गों के लोगों के पक्ष में बोल रही थी, जिनमें शामिल हैं:
- किसान और श्रमिक: कांग्रेस ने किसानों और श्रमिकों के अधिकारों की वकालत की, भूमि सुधारों और बेहतर काम करने की परिस्थितियों की मांग की।
- मध्यम वर्ग: शिक्षित मध्यम वर्ग, जिसमें वकील, शिक्षक और पत्रकार शामिल थे, कांग्रेस के मुख्य समर्थक थे। कांग्रेस ने इस वर्ग के लोगों के लिए राजनीतिक प्रतिनिधित्व और अवसरों की वकालत की।
- दलित और पिछड़े वर्ग: महात्मा गांधी और अन्य कांग्रेस नेताओं ने दलितों (अछूतों) और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए काम किया, सामाजिक समानता और न्याय की वकालत की।
- अल्पसंख्यक: कांग्रेस ने सभी धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने की बात कही, धर्मनिरपेक्षता और समावेशी राजनीति पर जोर दिया।
- महिलाएं: कांग्रेस ने महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया और उन्हें राजनीतिक प्रक्रिया में शामिल करने की वकालत की।
कुल मिलाकर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक व्यापक संगठन था जो विभिन्न सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि के लोगों के हितों का प्रतिनिधित्व करने का प्रयास कर रहा था, जिसका मुख्य लक्ष्य भारत को स्वतंत्र कराना और एक न्यायपूर्ण और समतापूर्ण समाज की स्थापना करना था।
भारतीय ज्ञान परंपरा (Bharatiya Gyan Parampara) भारत की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति से विकसित ज्ञान, विचारों, और प्रथाओं का एक समग्र संग्रह है। यह ज्ञान पीढ़ी-दर-पीढ़ी मौखिक और लिखित रूप में हस्तांतरित होता रहा है। इसमें दर्शन, विज्ञान, कला, साहित्य, योग, आयुर्वेद, और बहुत कुछ शामिल हैं।
भारतीय ज्ञान परंपरा की मुख्य विशेषताएं:
- समग्र दृष्टिकोण: यह ज्ञान को खंडों में नहीं देखता, बल्कि सभी विषयों को आपस में जुड़ा हुआ मानता है।
- अनुभव पर आधारित: यह केवल सैद्धांतिक नहीं है, बल्कि अनुभव और अभ्यास पर भी जोर देता है।
- नैतिकता और मूल्यों पर बल: ज्ञान का उपयोग केवल भौतिक लाभ के लिए नहीं, बल्कि नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिए भी किया जाता है।
- विविधता और समावेश: यह विभिन्न विचारों और दृष्टिकोणों का सम्मान करता है।
- स्थिरता और परिवर्तन: यह प्राचीन ज्ञान को बनाए रखता है, लेकिन नए विचारों को भी स्वीकार करता है।
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भारतीय ज्ञान परम्परा (Bharatiya Gyan Parampara) भारत की प्राचीन ज्ञान प्रणाली है, जिसमें वे सभी ज्ञान, कौशल और प्रथाएँ शामिल हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होती रही हैं। यह केवल सूचना का संग्रह नहीं है, बल्कि यह जीवन को समग्र रूप से देखने और समझने का एक तरीका है।
भारतीय ज्ञान परम्परा की मुख्य विशेषताएँ:
- समग्र दृष्टिकोण: यह ज्ञान को विभाजित नहीं करता है, बल्कि सभी विषयों को एक दूसरे से जुड़ा हुआ मानता है। इसमें विज्ञान, कला, दर्शन, और अध्यात्म सभी शामिल हैं।
- अनुभव पर आधारित: यह केवल सैद्धांतिक ज्ञान पर निर्भर नहीं है, बल्कि अनुभव और अभ्यास को भी महत्व देता है।
- नैतिकता और मूल्यों पर जोर: यह ज्ञान को नैतिकता और मूल्यों के साथ जोड़ता है, ताकि इसका उपयोग समाज के कल्याण के लिए किया जा सके।
- प्रकृति के साथ तालमेल: यह प्रकृति को सम्मान देता है और मानता है कि मनुष्य इसका एक अभिन्न अंग है।
- लचीलापन: यह समय के साथ बदलती परिस्थितियों के अनुसार अनुकूल होने की क्षमता रखता है।
- विविधता: यह विभिन्न विचारों और दृष्टिकोणों को स्वीकार करता है और उन्हें प्रोत्साहित करता है।
- गुरु-शिष्य परम्परा: ज्ञान का हस्तांतरण गुरु और शिष्य के बीच एक व्यक्तिगत संबंध के माध्यम से होता है।
भारतीय ज्ञान परम्परा में वेद, उपनिषद, पुराण, रामायण, महाभारत, आयुर्वेद, योग, ज्योतिष, वास्तुशास्त्र, और विभिन्न कलाएँ शामिल हैं। यह भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और आज भी प्रासंगिक है।
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भारत में मतदान की आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष करने का मुख्य कारण युवाओं को राजनीतिक प्रक्रिया में अधिक भागीदारी देना था। 1988 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नेतृत्व में संविधान में 61वां संशोधन किया गया, जिसके तहत यह परिवर्तन हुआ।
प्रमुख कारण:
- युवाओं को सशक्तिकरण: यह माना गया कि 18 वर्ष की आयु के युवा देश के प्रति अधिक जागरूक और जिम्मेदार होते हैं, और उन्हें अपने मताधिकार का प्रयोग करने का अधिकार होना चाहिए।
- राजनीतिक जागरूकता: शिक्षा और सूचना के प्रसार के साथ, युवाओं में राजनीतिक जागरूकता बढ़ी थी, और वे देश के भविष्य को आकार देने में सक्षम थे।
- अंतर्राष्ट्रीय मानदंड: कई देशों में मतदान की आयु 18 वर्ष थी, और भारत में भी इसे अपनाने का दबाव था।
इस परिवर्तन से युवाओं को लोकतंत्र में सीधे भाग लेने का अवसर मिला, और यह भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
स्रोत:
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