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संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रमुख अंग निम्नलिखित हैं:
- महासभा (General Assembly): यह संयुक्त राष्ट्र का मुख्य deliberative, policymaking और representative अंग है।
- सुरक्षा परिषद (Security Council): अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने की जिम्मेदारी इसी पर है।
- आर्थिक और सामाजिक परिषद (Economic and Social Council): यह सतत विकास के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के केंद्र में है।
- न्यासी परिषद (Trusteeship Council): इसकी स्थापना गैर-स्वशासी प्रदेशों के प्रशासन के लिए की गई थी, लेकिन 1994 में इसका काम पूरा हो गया।
- अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (International Court of Justice): यह संयुक्त राष्ट्र का मुख्य न्यायिक अंग है।
- सचिवालय (Secretariat): यह संयुक्त राष्ट्र के कार्यों का संचालन करता है।
मेरी दृष्टि से, सुरक्षा परिषद सबसे प्रमुख अंग है, क्योंकि इसके पास अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने की प्राथमिक जिम्मेदारी है। सुरक्षा परिषद के पास यह अधिकार है कि वह शांति भंग के खतरे का निर्धारण करे और अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने या बहाल करने के लिए उपाय करे। इसके निर्णय सभी सदस्य राष्ट्रों के लिए बाध्यकारी होते हैं।
सुरक्षा परिषद की शक्ति और जिम्मेदारी इसे संयुक्त राष्ट्र के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक बनाती है।
अधिक जानकारी के लिए आप संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक वेबसाइट देख सकते हैं: संयुक्त राष्ट्र संघ
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निम्नलिखित में से कौन सा मनुष्य किस सन में शामिल होता है? लसीका नोड, अस्थि पिंजर, केशिकाएं, डायफ्राम
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दुनिया की कितनी भाषाएं हैं इसका ठीक-ठीक उत्तर देना संभव नहीं है। एक अनुमान के अनुसार दुनिया में कुल भाषाओं की संख्या 6809 है, इनमें से 90 फीसदी भाषाओं को बोलने वालों की संख्या 1 लाख से भी कम है। लगभग 200 से 150 भाषाएं ऐसी हैं जिनको 10 लाख से अधिक लोग बोलते हैं। लगभग 357 भाषाएं ऐसी हैं जिनको मात्र 50 लोग ही बोलते हैं। इतना ही नहीं, 46 भाषाएं ऐसी भी हैं जिनको बोलने वालों की संख्या मात्र 1 है।
दुर्भाग्यवश, संचार के माध्यमों में वृद्धि के साथ ही कई ऐसी छोटी भाषाएं हैं जो लुप्तप्राय हैं। इन भाषाओं के लुप्त होने के साथ ही इन्हें बोलने वालों की संस्कृति भी समाप्त हो जाएगी।
दुर्भाग्यवश, संचार के माध्यमों में वृद्धि के साथ ही कई ऐसी छोटी भाषाएं हैं जो लुप्तप्राय हैं। इन भाषाओं के लुप्त होने के साथ ही इन्हें बोलने वालों की संस्कृति भी समाप्त हो जाएगी।
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अंग्रेजी बोलना कैसे सीखें
यहाँ पर कुछ आसान रास्ते दिए जा रहे है जिस पर अमल करके आप आसानी से अंग्रेजी बोलना सीख सकते हैं.
अंग्रेजी सीखने की कठिनाइयों को स्वीकार करें :
सबसे पहले आपको अंग्रेजी बोलने के दौरान होने वाली कठिनाइयों को स्वीकार करने की आवश्यकता होती है. दरअसल जब तक आप अपनी कमजोरियों को स्वीकारेंगे नहीं तब तक आप उसे हल नहीं कर सकेंगे. अतः इस भाषा सम्बंधित अपनी कठिनाइयों पर ध्यान देना आरम्भ करें कि कहाँ पर आपको सबसे अधिक परेशानी होती है. अंग्रेजी भाषा में कई ऐसे शब्द हैं, जिसे बोलते समय आपको बस हल्का सा परिवर्तन ध्यान में रखना होता है. उदाहरण के तौर पर रीड की स्पेलिंग read है और रेड के लिए red लिखा जाता है. इन दोनों के उच्चारण के समय सावधानी बरतनी होती है. साथ ही ऐसे ही आपको ध्यान देने की ज़रुरत होती है कि mouse का बहुवचन mice किन्तु house का बहुबचन houses होता है. अतः अंग्रेजी में कई अपवाद सरीखे उदाहरण हैं, जिसे समझने के लिए अंग्रेजी पढ़ना अतिआवश्यक है.
अंग्रेजी नियमित रूप से पढ़ें :
आपको यदि फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने का मन हो, तो इसके अभ्यास के लिए आपको नियमित रूप से अंग्रेजी का अध्ययन करने की आवश्यकता होती है. यदि आपके पास समय है, तो रोज़ ही कम से कम आधे घंटे के लिए अंग्रेजी किताबों के साथ बिताएं. इससे आपके पास शब्दों में काफ़ी वृद्धि होगी जिसका प्रयोग आप अंग्रेजी कहते हुए कर सकेंगे. अंग्रेजी पढ़ते हुए कई शब्द आपके सामने ऐसे आयेंगे जिनका उच्चारण मुश्किल लगेगा, किन्तु नियमित अभ्यास से आपको उच्चारण आदि स्वयं ही समझ आने लगेंगे.
महत्वपूर्ण वाक्यांशों (phrase) को याद रखें :
अंग्रेजी बोलते समय अपने वाक्यों को प्रभावशाली बनाने के लिए आपको विशेष वाक्यांशों को जानने की आवश्यकता होती है. अतः आप अच्छी किताबों की सहायता से अच्छे अच्छे phrase याद कर सकते हैं. ध्यान दें कि आपको पूरा वाक्य याद नही करना होता है. आपको सिर्फ और सिर्फ विशेष वाक्यांश ही ध्यान में रखने होते हैं, जो कि विभिन्न वाक्यों में ज्यों के त्यों प्रयोग किये जाते हैं.
व्याकरण पर बहुत अधिक जोर न दें :
व्याकरण का अभ्यास अंग्रेजी के लिए बहुत आवश्यक है, किन्तु सिर्फ अभ्यास के ही समय. जब आप अंग्रेजी बोल रहे हैं तब व्याकरण पर अधिक ध्यान देने की ज़रुरत नहीं हती है. आप किसी के सामने अंग्रेजी बोलते समय पूरी तरह से कॉंफिडेंट रहें और अंग्रेजी बोलते समय किसी तरह की व्याकरण सम्बंधित ग़लती हो जाने पर घबराने की आवश्यकता नहीं है. आप हालाँकि अपने अभ्यास के समय अपनी ग़लतियों पर ध्यान देकर उसे सुधार सकते हैं.
सीखने में हिचकिचाएं नहीं :
आज अंग्रेजी कमोबेश लगभग हर व्यक्ति बोलता है. अतः आप अपनी किताबों और अपने शिक्षक के अलावा अन्य लोगों से भी अंग्रेजी बोलने के गुण सीख सकते हैं. इसमें आपको किसी तरह की हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए. आप अपनी टीवी में देने वाले अंग्रेजी फ़िल्मों के सहारे भी अपनी अंग्रेजी को बेहतर बना सकते हैं. ध्यान दें कि कई ऐसे चैनल्स हैं, जिनमे अंग्रेजी फ़िल्में सबटाइटल के साथ देता है. यह सबटाइटल भी अंग्रेजी सीखने में काफ़ी कारगर होता है.
अंग्रेजी बोलते हुए अपनी बातों को अनुवाद न करें :
कई बार ऐसा भी देखा गया है कि कई लोग पहले अपने द्वारा कही जाने वाली बात अपनी मातृभाषा में सोचते हैं और इसके बाद वे उसका अनुवाद अंग्रेजी में करते हैं, यह प्रक्रिया बहुताधिक समय लेती है और कई बार अनुवाद के लिए सटीक शब्द न मिलने पर झिझक का सामना करना पड़ता हैं. अतः अंग्रेजी बोलते समय आप स्वयं अपने अंग्रेजी डिक्टेशन का प्रयोग करके ही अंग्रेजी बोलें. इससे आप आसानी से अपनी बात अंग्रेजी में रख सकेंगे.
उच्चारण का अभ्यास करें :
केवल अंग्रेजी पढ़ना और सुनना ही काफ़ी नहीं है, क्योंकि आखिर में आपको अंग्रेजी बोलनी है. अतः जो शब्द पढ़ अथवा सुन रहे हैं, उसका सटीक उच्चारण भी आवश्यक है. उच्चारण सही करने के लिए आपको लगातार अंग्रेजी के शब्दों को अभ्यास के दौरान दोहराना होगा. आप देखेंगे कि कई ऐसे शब्द हैं, जिनके स्पेल्लिंग अलग हैं, किन्तु उसका उच्चारण अलग तरह से होता है. उदाहरण के तौर पर knife में k का उच्चारण नहीं होता है. इसे कहते हुए सिर्फ नाइफ कहा जाता है किन्तु लिखते हुए knife लिखा जाता है. ऐसे और भी उदाहरण हैं, जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है.
यहाँ पर कुछ आसान रास्ते दिए जा रहे है जिस पर अमल करके आप आसानी से अंग्रेजी बोलना सीख सकते हैं.
अंग्रेजी सीखने की कठिनाइयों को स्वीकार करें :
सबसे पहले आपको अंग्रेजी बोलने के दौरान होने वाली कठिनाइयों को स्वीकार करने की आवश्यकता होती है. दरअसल जब तक आप अपनी कमजोरियों को स्वीकारेंगे नहीं तब तक आप उसे हल नहीं कर सकेंगे. अतः इस भाषा सम्बंधित अपनी कठिनाइयों पर ध्यान देना आरम्भ करें कि कहाँ पर आपको सबसे अधिक परेशानी होती है. अंग्रेजी भाषा में कई ऐसे शब्द हैं, जिसे बोलते समय आपको बस हल्का सा परिवर्तन ध्यान में रखना होता है. उदाहरण के तौर पर रीड की स्पेलिंग read है और रेड के लिए red लिखा जाता है. इन दोनों के उच्चारण के समय सावधानी बरतनी होती है. साथ ही ऐसे ही आपको ध्यान देने की ज़रुरत होती है कि mouse का बहुवचन mice किन्तु house का बहुबचन houses होता है. अतः अंग्रेजी में कई अपवाद सरीखे उदाहरण हैं, जिसे समझने के लिए अंग्रेजी पढ़ना अतिआवश्यक है.
अंग्रेजी नियमित रूप से पढ़ें :
आपको यदि फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने का मन हो, तो इसके अभ्यास के लिए आपको नियमित रूप से अंग्रेजी का अध्ययन करने की आवश्यकता होती है. यदि आपके पास समय है, तो रोज़ ही कम से कम आधे घंटे के लिए अंग्रेजी किताबों के साथ बिताएं. इससे आपके पास शब्दों में काफ़ी वृद्धि होगी जिसका प्रयोग आप अंग्रेजी कहते हुए कर सकेंगे. अंग्रेजी पढ़ते हुए कई शब्द आपके सामने ऐसे आयेंगे जिनका उच्चारण मुश्किल लगेगा, किन्तु नियमित अभ्यास से आपको उच्चारण आदि स्वयं ही समझ आने लगेंगे.
महत्वपूर्ण वाक्यांशों (phrase) को याद रखें :
अंग्रेजी बोलते समय अपने वाक्यों को प्रभावशाली बनाने के लिए आपको विशेष वाक्यांशों को जानने की आवश्यकता होती है. अतः आप अच्छी किताबों की सहायता से अच्छे अच्छे phrase याद कर सकते हैं. ध्यान दें कि आपको पूरा वाक्य याद नही करना होता है. आपको सिर्फ और सिर्फ विशेष वाक्यांश ही ध्यान में रखने होते हैं, जो कि विभिन्न वाक्यों में ज्यों के त्यों प्रयोग किये जाते हैं.
व्याकरण पर बहुत अधिक जोर न दें :
व्याकरण का अभ्यास अंग्रेजी के लिए बहुत आवश्यक है, किन्तु सिर्फ अभ्यास के ही समय. जब आप अंग्रेजी बोल रहे हैं तब व्याकरण पर अधिक ध्यान देने की ज़रुरत नहीं हती है. आप किसी के सामने अंग्रेजी बोलते समय पूरी तरह से कॉंफिडेंट रहें और अंग्रेजी बोलते समय किसी तरह की व्याकरण सम्बंधित ग़लती हो जाने पर घबराने की आवश्यकता नहीं है. आप हालाँकि अपने अभ्यास के समय अपनी ग़लतियों पर ध्यान देकर उसे सुधार सकते हैं.
सीखने में हिचकिचाएं नहीं :
आज अंग्रेजी कमोबेश लगभग हर व्यक्ति बोलता है. अतः आप अपनी किताबों और अपने शिक्षक के अलावा अन्य लोगों से भी अंग्रेजी बोलने के गुण सीख सकते हैं. इसमें आपको किसी तरह की हिचकिचाहट नहीं होनी चाहिए. आप अपनी टीवी में देने वाले अंग्रेजी फ़िल्मों के सहारे भी अपनी अंग्रेजी को बेहतर बना सकते हैं. ध्यान दें कि कई ऐसे चैनल्स हैं, जिनमे अंग्रेजी फ़िल्में सबटाइटल के साथ देता है. यह सबटाइटल भी अंग्रेजी सीखने में काफ़ी कारगर होता है.
अंग्रेजी बोलते हुए अपनी बातों को अनुवाद न करें :
कई बार ऐसा भी देखा गया है कि कई लोग पहले अपने द्वारा कही जाने वाली बात अपनी मातृभाषा में सोचते हैं और इसके बाद वे उसका अनुवाद अंग्रेजी में करते हैं, यह प्रक्रिया बहुताधिक समय लेती है और कई बार अनुवाद के लिए सटीक शब्द न मिलने पर झिझक का सामना करना पड़ता हैं. अतः अंग्रेजी बोलते समय आप स्वयं अपने अंग्रेजी डिक्टेशन का प्रयोग करके ही अंग्रेजी बोलें. इससे आप आसानी से अपनी बात अंग्रेजी में रख सकेंगे.
उच्चारण का अभ्यास करें :
केवल अंग्रेजी पढ़ना और सुनना ही काफ़ी नहीं है, क्योंकि आखिर में आपको अंग्रेजी बोलनी है. अतः जो शब्द पढ़ अथवा सुन रहे हैं, उसका सटीक उच्चारण भी आवश्यक है. उच्चारण सही करने के लिए आपको लगातार अंग्रेजी के शब्दों को अभ्यास के दौरान दोहराना होगा. आप देखेंगे कि कई ऐसे शब्द हैं, जिनके स्पेल्लिंग अलग हैं, किन्तु उसका उच्चारण अलग तरह से होता है. उदाहरण के तौर पर knife में k का उच्चारण नहीं होता है. इसे कहते हुए सिर्फ नाइफ कहा जाता है किन्तु लिखते हुए knife लिखा जाता है. ऐसे और भी उदाहरण हैं, जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है.
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आज को अंग्रेजी में कहते है टुडे (Today)।
कल मैं गांव जाऊंगा।
इस वाक्य में प्रयोग होने वाले कल को यानी भविष्य दर्शाने वाले कल शब्द को अंग्रेजी में कहते है टुमारो (Tomorrow)।
कल मैं गांव गया था।
इस वाक्य में प्रयोग होने वाले कल को यानी भूतकाल दर्शाने वाले कल शब्द को अंग्रेजी में कहते है येस्टरडे (Yesterday)।
परसो को अंग्रेजी में कहते है डे आफ्टर टुमारो (Day after tomorrow)।
कल मैं गांव जाऊंगा।
इस वाक्य में प्रयोग होने वाले कल को यानी भविष्य दर्शाने वाले कल शब्द को अंग्रेजी में कहते है टुमारो (Tomorrow)।
कल मैं गांव गया था।
इस वाक्य में प्रयोग होने वाले कल को यानी भूतकाल दर्शाने वाले कल शब्द को अंग्रेजी में कहते है येस्टरडे (Yesterday)।
परसो को अंग्रेजी में कहते है डे आफ्टर टुमारो (Day after tomorrow)।
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My pleasure यह एक Thank You शब्द का रिस्पॉन्स है..
सामान्यतः यह शब्द संवाद करते समय अंतिम वाक्य मे परिस्थितीनुसार बोला जाने वाला शब्द है...
यह खुद्द एक प्रतिक्रिया है...
अगर आपको लगता है की सामने वाला किसीं कारणवश आपको My pleasure कहे तो आपको इसका जवाब क्या देना चाहीये...
आपको कोई यह शब्द कहे तो आप सिर्फ प्यारी सी छोटी मुस्कान देकर अपना जिक्र कर सकते है... या फिर आप धन्यवाद भी कह सकते है...!
सामान्यतः यह शब्द संवाद करते समय अंतिम वाक्य मे परिस्थितीनुसार बोला जाने वाला शब्द है...
यह खुद्द एक प्रतिक्रिया है...
अगर आपको लगता है की सामने वाला किसीं कारणवश आपको My pleasure कहे तो आपको इसका जवाब क्या देना चाहीये...
आपको कोई यह शब्द कहे तो आप सिर्फ प्यारी सी छोटी मुस्कान देकर अपना जिक्र कर सकते है... या फिर आप धन्यवाद भी कह सकते है...!
ऐसी मुस्कान देना यह body language कहलाती है..!