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ज्योतिष

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भारतीय संस्कृति में कुछ ऐसे दिन माने जाते हैं जिनमें किसी और को पैसा देने से बचना चाहिए। माना जाता है कि इन दिनों में पैसा देने से लक्ष्मी घर से चली जाती हैं या आर्थिक नुकसान हो सकता है। ये दिन इस प्रकार हैं:

  • रविवार: रविवार सूर्य देव का दिन माना जाता है। इस दिन किसी को भी उधार देने से आर्थिक स्थिति कमजोर हो सकती है।
  • मंगलवार: मंगलवार हनुमान जी का दिन है और इसे उग्र माना जाता है। इस दिन उधार देने से धन वापस मिलने में परेशानी हो सकती है और रिश्तों में खटास आ सकती है।
  • बुधवार: कुछ लोग बुधवार को भी उधार देने के लिए अच्छा नहीं मानते हैं।

हालांकि, यह मान्यताएं व्यक्तिगत विश्वास और क्षेत्रीय परंपराओं पर निर्भर करती हैं।

अधिक जानकारी के लिए आप इन वेबसाइटों पर जा सकते हैं:

उत्तर लिखा · 7/8/2025
कर्म · 680
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24 जुलाई 2025 को तुला और मिथुन राशि वालों के लिए शुभ रंग और पंचांग इस प्रकार है:
  • तुला राशि:
    • शुभ रंग: गुलाबी
    • आज का दिन: काम का दबाव कम होगा, पारिवारिक समस्या हल होगी, धन लाभ के योग हैं।
  • मिथुन राशि:
    • शुभ रंग: हरा और धानी
    • आज का दिन: आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा, उपहार-सम्मान का लाभ मिलेगा।
24 जुलाई 2025 का पंचांग:
  • तिथि: श्रावण मास, कृष्ण पक्ष, अमावस्या (25 जुलाई को सुबह 12:40 बजे तक)
  • नक्षत्र: पुनर्वसु नक्षत्र सायं 04:43 तक, तत्पश्चात पुष्य नक्षत्र
  • योग: हर्षण योग प्रातः 09:51 तक
  • करण: चतुष्पद करण अपराह्न 01:35 तक
  • सूर्योदय: 05:38
  • सूर्यास्त: 07:17
  • राहुकाल: दोपहर 01:30 बजे से 03:00 बजे तक या 12:27 PM से 2:10 PM
  • शुभ मुहूर्त:
    • अभिजीत मुहूर्त: 11:57 − 12:51 मिनट तक या 12:19 पी एम से 01:11 पी एम
    • ब्रह्म मुहूर्त: 04:15 मिनट से 4:57 मिनट तक या 04:45 ए एम से 05:29 ए एम
    • गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:17 मिनट से 7:38 मिनट तक या 07:17 पी एम से 07:39 पी एम
    • अमृत काल: 02:26 पी एम से 03:58 पी एम
    • निशिता मुहूर्त: 12:23 ए एम, जुलाई 25 से 01:07 ए एम, जुलाई 25
  • अशुभ मुहूर्त:
    • राहुकाल: 2:12 पी एम – 3:51 पी एम
    • यम गण्ड: 5:58 ए एम – 7:37 ए एम
    • गुलिक: 9:15 ए एम – 10:54 ए एम
    • दुर्मुहूर्त: 10:21 ए एम – 11:14 ए एम, 03:37 पी एम – 04:30 पी एम
    • वर्ज्यम्: 05:19 ए एम – 06:50 ए एम, 12:28 ए एम – 02:01 ए एम
  • आज का योग: गुरु पुष्य योग दोपहर 04:43 पी एम से 25 जुलाई को सुबह 06:13 तक
उत्तर लिखा · 24/7/2025
कर्म · 680
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मुझे माफ़ करना, मैं आपकी अनुरोध को पूरा करने में असमर्थ हूँ। मैं वर्तमान में विशिष्ट राशियों के लिए दैनिक पंचांग प्रदान करने के लिए सुसज्जित नहीं हूँ। मैं आपको किसी ज्योतिषी या ऑनलाइन पंचांग स्रोत से जानकारी प्राप्त करने का सुझाव देता हूँ।
उत्तर लिखा · 13/7/2025
कर्म · 680
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यहाँ 13 जुलाई, 2025 के पंचांग और मिथुन राशि के जातकों के लिए राशिफल की जानकारी दी गई है:
13 जुलाई 2025 का पंचांग:
  • तिथि: श्रावण, कृष्ण पक्ष, तृतीया (13-14 मध्य रात 1:03 तक)
  • नक्षत्र: श्रवण नक्षत्र सुबह 6:53 बजे तक, फिर धनिष्ठा नक्षत्र
  • चंद्रमा: मकर में शाम 18:53 बजे तक, फिर कुंभ में
  • सूर्य: मिथुन में
  • अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:59 बजे से दोपहर 12:54 बजे तक
  • राहुकाल: शाम 17:38 बजे से शाम 19:21 बजे तक
  • दिशा शूल: पश्चिम
शुभ और अशुभ मुहूर्त:
  • सूर्योदय: 5:32 प्रातः
  • सूर्यास्त: 19:22 सायं
  • चंद्रोदय: रात 09:22 पर
  • चंद्रास्त: प्रात: काल 07:41 पर (14 जुलाई 2025)
  • गुलिक काल: 15:52 - 17:34
  • यमगण्ड: 12:26 - 14:09
  • राहु काल: 17:34 - 19:17
मिथुन राशि का राशिफल (13 जुलाई 2025):
  • आज का दिन थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है। निजी जीवन और कार्यक्षेत्र दोनों में संयम और धैर्य से काम लेना होगा।
  • कोई भी बात कहने या निर्णय लेने में जल्दबाजी न करें, नहीं तो स्थिति और उलझ सकती है।
  • पेशेवर प्रयासों में साधारण स्थिति बनी रहेगी। व्यापार में सहजता और सजगता रखें।
  • धूर्तों से सावधानी बरतें और सीख सलाह से कार्य करें।
  • शारीरिक रूप से थकान महसूस हो सकती है, इसलिए पर्याप्त आराम करें।
  • आज का दिन कुछ खास अनुकूल नहीं है, कोई बड़ा फैसला करने से बचें।
  • शाम से स्थितियों में सुधार होगा।
4 सितंबर 1996 को जन्म लेने वाले मिथुन राशि के जातकों के लिए कुछ अतिरिक्त जानकारी:
  • ऐसे व्यक्ति में अहंकार और प्रतिशोध के प्रति एक मजबूत नापसंदगी होती है।
  • वे दयालुता, प्रेम और उदारता प्रदर्शित करने वालों की ओर आकर्षित होते हैं।
  • 4 सितंबर 2025 को आपका जन्मदिन गुरुवार को है।
उत्तर लिखा · 13/7/2025
कर्म · 680
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स्फटिक की माला एक शांत और सकारात्मक ऊर्जा वाली मानी जाती है, जो कई राशियों के लिए फायदेमंद हो सकती है। हालांकि, कुछ राशियां ऐसी हैं जिनके लिए यह विशेष रूप से अनुकूल मानी जाती है:

  • वृषभ (Taurus): वृषभ राशि के जातकों के लिए स्फटिक की माला शुभ मानी जाती है। यह उनके जीवन में सुख और समृद्धि ला सकती है।
  • मिथुन (Gemini): मिथुन राशि के लोगों के लिए भी स्फटिक की माला धारण करना अच्छा माना जाता है। यह उनके आत्मविश्वास को बढ़ाती है और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार करती है।
  • कर्क (Cancer): कर्क राशि के जातकों के लिए स्फटिक की माला मानसिक शांति और भावनात्मक स्थिरता ला सकती है।
  • तुला (Libra): तुला राशि के लोगों के लिए स्फटिक की माला प्रेम और सद्भाव को बढ़ाती है। यह उनके रिश्तों को मजबूत करने में मदद कर सकती है।
  • मकर (Capricorn): मकर राशि के जातकों के लिए स्फटिक की माला करियर में सफलता और स्थिरता ला सकती है।
  • कुंभ (Aquarius): कुंभ राशि के लोगों के लिए स्फटिक की माला नए विचारों को प्रोत्साहित करती है और रचनात्मकता को बढ़ाती है।

हालांकि, किसी भी रत्न या माला को धारण करने से पहले किसी ज्योतिषी से परामर्श करना हमेशा बेहतर होता है। वे आपकी व्यक्तिगत कुंडली और ग्रहों की स्थिति के आधार पर आपको सही सलाह दे सकते हैं।

उत्तर लिखा · 13/7/2025
कर्म · 680
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भोजपत्र में कुछ विशेष चीजें लिखकर गले में धारण करने से बुरी नजर से बचने की मान्यता है। आमतौर पर, लोग निम्नलिखित चीजें लिखकर धारण करते हैं:
  • मंत्र: कुछ विशेष मंत्रों को भोजपत्र पर लिखकर धारण किया जाता है। यह मंत्र आमतौर पर सुरक्षा और बुरी शक्तियों से रक्षा करने वाले होते हैं।
  • यंत्र: कुछ विशेष यंत्र जैसे कि श्री यंत्र या हनुमान यंत्र को भोजपत्र पर बनाकर धारण किया जाता है। यंत्रों को शक्तिशाली माना जाता है और वे बुरी नजर से बचाने में सहायक होते हैं।
  • नाम: कुछ लोग भगवान या देवी के नाम को भोजपत्र पर लिखकर धारण करते हैं। यह उनके प्रति अपनी श्रद्धा और सुरक्षा की भावना को दर्शाता है।

यह मान्यता है कि इन चीजों को भोजपत्र पर लिखकर धारण करने से नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचाव होता है।

उत्तर लिखा · 2/7/2025
कर्म · 680
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कृष्ण को भगवान विष्णु का पूर्ण अवतार माना जाता है। श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार, विष्णु के 24 अवतार हैं, जिनमें से कृष्ण 22वें अवतार हैं। कुछ अन्य ग्रंथों में उनकी संख्या अलग-अलग बताई गई है, लेकिन कृष्ण को हमेशा महत्वपूर्ण अवतारों में गिना जाता है।

यहाँ कुछ प्रमुख अवतारों के नाम दिए गए हैं:

  • मत्स्य
  • कूर्म
  • वराह
  • नृसिंह
  • वामन
  • परशुराम
  • राम
  • कृष्ण
  • बुद्ध
  • कल्कि

कृष्ण को पूर्णावतार इसलिए माना जाता है क्योंकि उनमें विष्णु के सभी गुण पूर्ण रूप से विद्यमान थे।

अधिक जानकारी के लिए, आप इन वेबसाइटों पर जा सकते हैं:

उत्तर लिखा · 10/6/2025
कर्म · 680