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उर्वरक

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खेत में धान की फसल में यूरिया के साथ शैम्पू मिलाकर छिड़कने से कोई वैज्ञानिक रूप से सिद्ध फायदा नहीं होता है। यूरिया एक नाइट्रोजन युक्त उर्वरक है जो पौधों को नाइट्रोजन प्रदान करता है, जिससे उनकी वृद्धि और विकास में मदद मिलती है। शैम्पू, दूसरी ओर, एक सफाई उत्पाद है जिसमें सर्फेक्टेंट होते हैं।

कुछ लोगों का मानना है कि शैम्पू मिलाने से यूरिया का बेहतर अवशोषण होता है, लेकिन इस दावे का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। वास्तव में, शैम्पू में मौजूद रसायन पौधों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

इसलिए, धान की फसल में यूरिया के साथ शैम्पू मिलाकर छिड़कने की अनुशंसा नहीं की जाती है। यदि आप अपनी फसल को बेहतर बनाने के लिए उर्वरकों का उपयोग करना चाहते हैं, तो किसी कृषि विशेषज्ञ से सलाह लें।

फसलों में उर्वरकों के उपयोग के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप निम्नलिखित स्रोतों को देख सकते हैं:

उत्तर लिखा · 28/7/2025
कर्म · 680
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धान की फसल में कल्ले बढ़ाने और उन्हें मोटा करने के लिए डीएपी (DAP), यूरिया और पोटाश के साथ कुछ अन्य चीजें मिलाकर डालने से बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं:
  • जिंक सल्फेट (Zinc Sulphate): जिंक सल्फेट धान में जिंक की कमी को दूर करता है, जिससे कल्ले बढ़ते हैं और पौधे स्वस्थ होते हैं। इसे डीएपी के साथ मिलाकर प्रयोग करने से पहले मिश्रण को कुछ देर के लिए छोड़ दें, ताकि प्रतिक्रिया हो सके।
  • सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrients): धान की फसल को बोरॉन, मैग्नीशियम, और आयरन जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की भी आवश्यकता होती है। इनकी पूर्ति के लिए आप सूक्ष्म पोषक तत्वों के मिश्रण का उपयोग कर सकते हैं।
  • समुद्री शैवाल अर्क (Seaweed Extract): समुद्री शैवाल अर्क में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पोषक तत्व और वृद्धि हार्मोन होते हैं, जो पौधों के विकास को बढ़ावा देते हैं।
  • ह्यूमिक एसिड (Humic Acid): ह्यूमिक एसिड मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है और पोषक तत्वों को पौधों तक पहुंचाने में मदद करता है।
उपयोग की विधि:
  • डीएपी, यूरिया और पोटाश को खेत में डालने से पहले, जिंक सल्फेट और सूक्ष्म पोषक तत्वों के मिश्रण को अच्छी तरह मिला लें।
  • समुद्री शैवाल अर्क और ह्यूमिक एसिड को पानी में घोलकर उर्वरकों के साथ मिलाकर खेत में डालें।
ध्यान रखने योग्य बातें:
  • मिट्टी परीक्षण के आधार पर उर्वरकों की मात्रा निर्धारित करें।
  • उर्वरकों को सही समय पर और सही तरीके से डालें।
  • खेत में नमी बनाए रखें।
विभिन्न उत्पादों और उनकी उपयोग विधि के बारे में अधिक जानकारी के लिए, आप कृषि विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं।
स्रोत: कृषि जागरण
उत्तर लिखा · 12/7/2025
कर्म · 680
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एक एकड़ खेत में डीएपी, यूरिया और पोटाश खाद की कितनी मात्रा डालनी चाहिए, यह जानने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जैसे कि मिट्टी का प्रकार, फसल की जरूरत और खाद में पोषक तत्वों की मात्रा। यहां कुछ सामान्य सिफारिशें दी गई हैं: * **डीएपी (DAP):** 50-150 किलो प्रति एकड़। कुछ स्रोत 52 किलो प्रति एकड़ की सलाह देते हैं। डीएपी में नाइट्रोजन और फास्फोरस दोनों होते हैं, इसलिए इसे डालते समय यूरिया की मात्रा को कम करना चाहिए। * **यूरिया:** यूरिया की मात्रा डीएपी की मात्रा पर निर्भर करती है, क्योंकि डीएपी में भी नाइट्रोजन होती है। यदि आप 52 किलो डीएपी डालते हैं, तो आपको 15 किलो यूरिया प्रति एकड़ डालना चाहिए। यदि आप डीएपी नहीं डालते हैं, तो आपको लगभग 94 किलो यूरिया प्रति एकड़ डालना चाहिए। कुछ स्रोत फसल के प्रकार के आधार पर 24 किलोग्राम यूरिया प्रति एकड़ की सलाह देते हैं। * **पोटाश:** पोटाश की मात्रा भी फसल पर निर्भर करती है। कुछ स्रोत 24 किलोग्राम पोटाश प्रति एकड़ की सलाह देते हैं। अन्य स्रोत 27 किलोग्राम प्रति एकड़ की सलाह देते हैं यदि आप डीएपी का उपयोग कर रहे हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये केवल सामान्य सिफारिशें हैं। अपनी मिट्टी और फसल के लिए सही मात्रा निर्धारित करने के लिए, आपको अपनी मिट्टी का परीक्षण करवाना चाहिए और कृषि विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए। यहां कुछ अतिरिक्त सुझाव दिए गए हैं: * खाद को बुवाई के समय या पहली सिंचाई के समय डालना चाहिए। * खाद को समान रूप से फैलाना चाहिए ताकि पौधे को नुकसान न हो। * खाद डालने के बाद, पौधों को अच्छी तरह से पानी देना चाहिए ताकि खाद घुल जाए और मिट्टी में मिल जाए।
उत्तर लिखा · 12/7/2025
कर्म · 680
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8 डिसमिल खेत में डीएपी (DAP) और यूरिया खाद की मात्रा निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करती है:
  • मिट्टी की उर्वरता: यदि मिट्टी पहले से ही उपजाऊ है, तो कम खाद की आवश्यकता होगी।
  • फसल: फसल के प्रकार के आधार पर खाद की आवश्यकता अलग-अलग होती है।
  • सिंचाई: सिंचाई की उपलब्धता भी खाद की मात्रा को प्रभावित करती है।
सामान्य तौर पर, 8 डिसमिल खेत के लिए डीएपी और यूरिया की अनुमानित मात्रा इस प्रकार है:
  • डीएपी (DAP): 8-10 किलोग्राम
  • यूरिया: 4-5 किलोग्राम
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल एक अनुमानित मात्रा है। अपनी मिट्टी की जांच करवाकर और अपनी फसल की आवश्यकताओं के अनुसार खाद की मात्रा को समायोजित करना सबसे अच्छा है।
अधिक जानकारी के लिए, आप निम्नलिखित स्रोतों से परामर्श कर सकते हैं:
  • कृषि विभाग की वेबसाइट (https://agricoop.nic.in/)
  • अपने स्थानीय कृषि विशेषज्ञ से सलाह लें।
उत्तर लिखा · 12/7/2025
कर्म · 680
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धान की पैदावार 25 से 30 टन बढ़ाने वाले किसी विशिष्ट टॉनिक का नाम बताना मुश्किल है, क्योंकि पैदावार कई कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि मिट्टी की उर्वरता, जलवायु, सिंचाई, और कीट प्रबंधन। हालांकि, कुछ ऐसे उपाय और उत्पाद हैं जो धान की पैदावार बढ़ाने में मदद कर सकते हैं:
  • उर्वरक (Fertilizers): संतुलित उर्वरकों का उपयोग करके धान की पैदावार बढ़ाई जा सकती है। नाइट्रोजन, फास्फोरस, और पोटेशियम जैसे तत्वों की सही मात्रा में आपूर्ति करना महत्वपूर्ण है। IFFCO जैसी संस्थाएं इस बारे में जानकारी और उत्पाद प्रदान करती हैं।
  • जैव उर्वरक (Biofertilizers): एजोटोबैक्टर और एजोस्पिरिलम जैसे जैव उर्वरक मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाते हैं और पैदावार में सुधार करते हैं।
  • पौध विकास नियामक (Plant Growth Regulators): कुछ पौध विकास नियामक जैसे कि ऑक्सिन और जिबरेलिन पौधों की वृद्धि को बढ़ावा देते हैं।
  • माइक्रोन्यूट्रिएंट्स (Micronutrients): जस्ता (Zinc) और लोहा (Iron) जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने से भी पैदावार में सुधार हो सकता है।
यदि आप किसी विशिष्ट उत्पाद के बारे में जानकारी चाहते हैं, तो मैं आपको कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेने की सलाह दूंगा। वे आपकी मिट्टी और क्षेत्र के अनुसार सबसे उपयुक्त समाधान बता सकते हैं।
उत्तर लिखा · 11/7/2025
कर्म · 680
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नींबू के पौधे में फल नहीं लगने के कई कारण हो सकते हैं, और उसी के अनुसार खाद डालने की आवश्यकता होती है। कुछ सामान्य कारण और उनके उपाय इस प्रकार हैं:
  • उम्र: नींबू के पौधे को फल देना शुरू करने में कुछ साल लग सकते हैं। ग्राफ्टेड नींबू के पौधे आमतौर पर बीज से उगाए गए पौधों की तुलना में जल्दी फल देना शुरू कर देते हैं। यदि आपका पौधा अभी भी छोटा है, तो आपको फल लगने का इंतजार करना पड़ सकता है।
  • पोषक तत्वों की कमी: नींबू के पौधे को फलने के लिए पर्याप्त पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। यदि आपके पौधे को पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल रहे हैं, तो यह फल नहीं दे सकता है।
    • उपाय: नींबू के पौधे को संतुलित उर्वरक दें जिसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम हो। आप जैविक खाद जैसे कि खाद, वर्मीकम्पोस्ट, या हड्डी का भोजन भी डाल सकते हैं। ध्यान रखें कि बहुत अधिक नाइट्रोजन से पत्तियों का विकास तो अच्छा होगा, लेकिन फल कम लगेंगे।
  • पानी की कमी या अधिकता: नींबू के पौधे को नियमित रूप से पानी की आवश्यकता होती है, लेकिन इसे ज़्यादा पानी भी नहीं देना चाहिए। यदि आपके पौधे को पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है, या यदि इसे बहुत अधिक पानी मिल रहा है, तो यह फल नहीं दे सकता है।
    • उपाय: नींबू के पौधे को नियमित रूप से पानी दें, लेकिन मिट्टी को जलभराव न होने दें। मिट्टी को सूखने दें और फिर अच्छी तरह से पानी दें।
  • प्रकाश की कमी: नींबू के पौधे को फलने के लिए पर्याप्त धूप की आवश्यकता होती है। यदि आपके पौधे को पर्याप्त धूप नहीं मिल रही है, तो यह फल नहीं दे सकता है।
    • उपाय: नींबू के पौधे को ऐसे स्थान पर रखें जहाँ उसे प्रतिदिन कम से कम 6-8 घंटे धूप मिले।
  • परागण की समस्या: नींबू के फूल को फल बनने के लिए परागण की आवश्यकता होती है। यदि आपके पौधे के फूलों का परागण नहीं हो रहा है, तो यह फल नहीं दे सकता है।
    • उपाय: नींबू के फूलों को हाथ से परागित करें। एक छोटे ब्रश का उपयोग करके, एक फूल से पराग को दूसरे फूल में स्थानांतरित करें। आप मधुमक्खियों और अन्य परागणकों को आकर्षित करने के लिए अपने बगीचे में फूल भी लगा सकते हैं।
  • तापमान: नींबू के पौधे को फलने के लिए उपयुक्त तापमान की आवश्यकता होती है। यदि आपके क्षेत्र में तापमान बहुत गर्म या बहुत ठंडा है, तो आपका पौधा फल नहीं दे सकता है।
    • उपाय: यदि आपके क्षेत्र में तापमान बहुत गर्म है, तो अपने पौधे को दोपहर की धूप से बचाएं। यदि आपके क्षेत्र में तापमान बहुत ठंडा है, तो अपने पौधे को घर के अंदर ले जाएं या उसे ठंढ से बचाएं।
  • रोग या कीट: नींबू के पौधे रोगों और कीटों से प्रभावित हो सकते हैं, जिससे फल उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
    • उपाय: पौधे का निरीक्षण करें और किसी भी रोग या कीट का इलाज करें। नीम का तेल एक अच्छा विकल्प है।
यदि आपको संदेह है कि आपके नींबू के पौधे में पोषक तत्वों की कमी है, तो मिट्टी परीक्षण कराने से यह निर्धारित करने में मदद मिल सकती है कि किन पोषक तत्वों की कमी है। इससे आपको सही उर्वरक चुनने में मदद मिलेगी।
अधिक जानकारी के लिए, आप इन वेबसाइटों पर जा सकते हैं:
  • एग्रोस्टार [https://www.agrostar.in/hi/blog/lemon-tree-care-in-hindi]
  • कृषि जागरण [https://krishijagran.com/horticulture/how-to-get-flowering-in-lemon-plant-follow-these-easy-steps/17119/]
उत्तर लिखा · 10/7/2025
कर्म · 680
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धान का रोपा लगाने के बाद डीएपी, पोटाश और यूरिया डालने की विधि इस प्रकार है:
  • डीएपी (DAP): रोपाई के समय डीएपी की पूरी मात्रा डालें। इसे खेत में समान रूप से बिखेर दें और फिर रोपाई करें। डीएपी में फास्फोरस होता है, जो जड़ों के विकास के लिए आवश्यक है।
  • पोटाश (Potash): पोटाश की आधी मात्रा रोपाई के समय डालें और बाकी आधी मात्रा पहली सिंचाई के बाद डालें। पोटाश पौधे को रोगों से लड़ने और तने को मजबूत बनाने में मदद करता है।
  • यूरिया (Urea): यूरिया को तीन भागों में बांटकर डालें। पहली बार रोपाई के 20-25 दिन बाद, दूसरी बार पहली खुराक के 20-25 दिन बाद और तीसरी बार धान में बालियां निकलने से पहले डालें। यूरिया में नाइट्रोजन होता है, जो पौधे के विकास के लिए आवश्यक है।
ध्यान दें:
  • उर्वरकों की मात्रा मिट्टी परीक्षण के आधार पर निर्धारित करें।
  • उर्वरकों को हमेशा नमी वाली मिट्टी में डालें।
  • उर्वरकों को डालने के बाद सिंचाई करें।
स्रोत:
उत्तर लिखा · 12/6/2025
कर्म · 680