
त्यौहार
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1 मई को कई चीजें होती हैं:
- अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस: इसे श्रमिक दिवस, लेबर डे, कामगार दिन या इंटरनेशनल वर्कर डे के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन श्रमिकों और कामगारों के योगदान, संघर्ष और अधिकारों के सम्मान में समर्पित है। कई देशों में इस दिन को राष्ट्रीय अवकाश के रूप में भी मनाया जाता है। लिंक
- मई दिवस: यह जनसाधारण को नए समाज के निर्माण में श्रमिकों के योगदान और ऐतिहासिक श्रम आंदोलन का स्मरण कराता है। लिंक
- महाराष्ट्र दिवस: महाराष्ट्र में 1 मई को महाराष्ट्र दिवस भी मनाते हैं। लिंक
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हिंदू पंचांग के अनुसार, बुद्ध पूर्णिमा वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है।
वर्ष 2024:
- 23 मई, गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा मनाई गई।
वर्ष 2025:
- 12 मई, सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी।
बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह दिन भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण की स्मृति में मनाया जाता है।
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कुमुद वतना नदी की पूजा कई कारणों से की जाती है, जिनमें शामिल हैं:
- पवित्रता: नदियों को हिंदू धर्म में पवित्र माना जाता है और वेदों में उनका उल्लेख किया गया है। कुमुद वतना नदी को भी पवित्र माना जाता है और इसकी पूजा करने से पापों से मुक्ति मिलती है।
- जीवनदायिनी: नदियाँ जीवन का स्रोत हैं, वे पानी प्रदान करती हैं जिसका उपयोग पीने, सिंचाई और अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है। कुमुद वतना नदी भी इस क्षेत्र के लोगों के लिए जीवन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, इसलिए इसकी पूजा की जाती है।
- आर्थिक महत्व: नदियाँ मछली पकड़ने, परिवहन और पर्यटन जैसे आर्थिक गतिविधियों के लिए भी महत्वपूर्ण हैं। कुमुद वतना नदी भी इस क्षेत्र के लोगों के लिए आर्थिक महत्व रखती है, इसलिए इसकी पूजा की जाती है।
- सांस्कृतिक महत्व: नदियाँ अक्सर सांस्कृतिक महत्व रखती हैं और उनसे जुड़ी कई लोककथाएँ और किंवदंतियाँ होती हैं। कुमुद वतना नदी भी इस क्षेत्र के लोगों के लिए सांस्कृतिक महत्व रखती है, इसलिए इसकी पूजा की जाती है।
कुल मिलाकर, कुमुद वतना नदी की पूजा पवित्रता, जीवनदायिनी, आर्थिक महत्व और सांस्कृतिक महत्व जैसे कई कारणों से की जाती है।
अधिक जानकारी के लिए, आप निम्न लिंक देख सकते हैं:
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आज, 4 अप्रैल, 2025, चैत्र नवरात्रि का छठा दिन है। चैत्र नवरात्रि 30 मार्च, 2025 को शुरू हुई और 7 अप्रैल, 2025 को समाप्त होगी।
यह त्योहार देवी दुर्गा और उनके नौ अवतारों को समर्पित है। प्रत्येक दिन एक विशिष्ट देवी को समर्पित होता है, और भक्त प्रार्थना, उपवास और अन्य धार्मिक गतिविधियों के माध्यम से उनका सम्मान करते हैं।