
कीटनाशक
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मूंग और उड़द की फसल में इल्ली को मारने के लिए कई तरह की दवाएं उपलब्ध हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख दवाएं निम्नलिखित हैं:
- ईएमए 5 (इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी): यह दवा 10 से 40 दिन की अवस्था में लगने वाली इल्ली को मारने के लिए बहुत अच्छी है। इसकी डोज़ 80-100 ग्राम प्रति एकड़ है।
- चक्रवीर (क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी): यह दवा कांटेक्ट और सिस्टमिक एक्शन से इल्ली को तुरंत मारती है, और विशेष रूप से फली छेदक पर प्रभावी है।
- क्विनालफॉस 25% ईसी: बालदार सुंडी के नियंत्रण के लिए क्यूनॉलफॉस 25% ईसी @ 600 मिली० प्रति एकड़ 200 से 400 लीटर पानी में घोलकर फसल पर छिड़काव करें।
- इंडोक्साकार्ब 14.5 एससी: यदि धब्बेदार फली छेदक इल्ली लोबिया में देखा जाता है, तो इंडोक्साकार्ब 14.5 एससी @3.5 मिली प्रति 10 लीटर पानी में 50% फूल आने के दौरान पौधों में छिड़काव करें और 7 दिन के बाद दूसरा छिड़काव करें।
- फ्लूबेंडायमाइड 480 एससी: जब यह कीट मूंग में देखा जाता है, तो क्लोरेंट्रानिलिप्रोएल 18.5 एससी @3 मिली या फ्लूबेंडायमाइड 480 एससी @2 मिली प्रति 10 लीटर पानी में 50% पौधों पर फूल आने के समय छिड़काव करें।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि किसी भी दवा का उपयोग करने से पहले, लेबल को ध्यान से पढ़ें और सभी निर्देशों का पालन करें।
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मूंग और उड़द में इल्ली मारने के लिए कुछ दवाएं निम्नलिखित हैं:
- ईएमए 5 इमामेक्टिन बेंजोएट 5% एसजी: यह 10 से 40 दिन की अवस्था में लगने वाले इल्ली को मारने के लिए बेस्ट दवा है। डोज़: 80-100 ग्राम प्रति एकड़।
- चक्रवीर क्लोरेंट्रानिलिप्रोल 18.5 एससी: यह दवा इल्ली और फली छेदक दोनों के लिए उपयोगी है। डोज़: 60 मिली प्रति एकड़।
- क्विनालफॉस 25 ईसी: 20 मिली प्रति 10 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।
- ट्राईजोफोस 40% + साइपरमेथ्रिन 4%: 10 मिली प्रति 10 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।
- मोनोक्रोटोफॉस 36 एसएल: 10 मिली प्रति 10 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।
- थायोडाइकार्ब 75 डब्ल्यूपी: 10 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।
- क्लोरैंट्रानिलिप्रोएल 18.5 एससी: 3 मिली प्रति 10 लीटर पानी के साथ छिड़काव करें।
- इमामैक्टिन बेंजोएट 5 डब्ल्यूजी: 5 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी में उपयोग करें।
- फ्लूबेंडामाइड 480 एससी: 2 मिली प्रति 10 लीटर पानी में उपयोग करें।
- इंडोक्साकार्ब 14.5 एससी: 3.5 मिली प्रति 10 लीटर पानी में 50% फूल आने के दौरान पौधों में छिड़काव करें और 7 दिन के बाद दूसरा छिड़काव करें।
- स्पिनोसैड 45 एससी: 1.6 मिली प्रति 10 लीटर पानी में उपयोग करें।
यह भी ध्यान रखें कि दवा का उपयोग करते समय सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।
स्रोत:
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धान में चूसक कीट लगने पर आप निम्नलिखित दवाइयों का स्प्रे कर सकते हैं:
- Cartap hydrochloride + imamectin benzoate: यह तना छेदक और पत्ता लपेट की तितली, अंडे और सुंडी को कंट्रोल करने में मदद करता है।
- Chlorantraniliprole + deltamethrine: यह भी तना छेदक और पत्ता लपेट की तितली, अंडे और सुंडी को कंट्रोल करने में कारगर है।
- Flubendiamide + thiocloprid (बेल्ट एक्सपर्ट): यह दवा भी बेहतर परिणाम देती है। स्रोत 4
- Pymetrozine या dinotifuran: तेला (jassids) के लिए इनका प्रयोग करें। स्रोत 4
- Azoxystrobin + difenoconazole या azoxystrobin + tebuconazole: ये दवाइयाँ सस्ती हैं और रोगों से बचाव करती हैं। स्रोत 4
- Endosulfan 35 EC: 1.0 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें। स्रोत 3
- Monocrotophos 36 SL: 1.0 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें। स्रोत 3
- Phenthoate 50 EC: 1.0 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें। स्रोत 3
- Dimethoate 30 EC: 500 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करें। स्रोत 3
- Dantop: डेनटॉप का उपयोग 50 ग्राम प्रति एकड़ प्रति 150 लीटर पानी की दर से करें। इसे रोपाई के 50 से 80 दिनों के बाद प्रयोग करें, जब 2-3 प्रति पौधा तेला दिखाई दे। स्रोत 10
यह सुनिश्चित करें कि आप दवा का प्रयोग करते समय सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।
बुवाई से पहले बीजों को उपचारित करें। यूपीएल कंपनी का जो इलेक्ट्रॉन आता है इससे बीज उपचार कर सकते हैं या फिर सिंजेंटा कंपनी का वाइब्रें इंटिगर के नाम से जो दबा आती है इससे भी बीज उपचार कर सकते हैं। स्रोत 6
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कोराजन (Coragen) कीटनाशक का उपयोग मुख्य रूप से फसलों को कीटों से बचाने के लिए किया जाता है। यह विभिन्न प्रकार की फसलों में लगने वाले कीटों, जैसे कि तना छेदक (stem borer), फल छेदक (fruit borer), और पत्ती खाने वाले कीटों (leaf feeders) को नियंत्रित करने में मदद करता है।
मुख्य उपयोग:
- यह धान, गन्ना, कपास, मक्का, सोयाबीन, और विभिन्न सब्जियों और फलों की फसलों में इस्तेमाल होता है।
- यह लेपिडोप्टेरा (Lepidoptera) वर्ग के कीटों को नियंत्रित करने में विशेष रूप से प्रभावी है, जिसमें तितलियाँ और पतंगे शामिल हैं।
कार्य करने का तरीका:
- कोराजन कीटनाशक कीटों की मांसपेशियों को लकवाग्रस्त (paralyze) कर देता है, जिससे वे फसल को नुकसान पहुंचाने से पहले मर जाते हैं।
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