
उपन्यास
बाणभट्ट 7वीं शताब्दी के एक भारतीय कवि और लेखक थे। वे राजा हर्षवर्धन के दरबार में थे। कादंबरी के अतिरिक्त, उन्होंने हर्षचरित भी लिखा, जो हर्षवर्धन का जीवन चरित्र है।
कुमुद, 'गोदान' उपन्यास में, मेहता के साथ अपने प्रेम में निराशा के कारण वेतना नदी में कूद जाती है। मेहता, जो उससे प्रेम करते थे, उससे विवाह करने से इनकार कर देते हैं क्योंकि वे विधवा विवाह के खिलाफ सामाजिक मानदंडों को तोड़ने से डरते हैं। इस अस्वीकृति से कुमुद टूट जाती है और आत्महत्या कर लेती है।
यह घटना प्रेम, सामाजिक दबाव और व्यक्तिगत निराशा के विषयों को दर्शाती है।
संदर्भ के लिए, आप 'गोदान' उपन्यास का सारांश यहां पढ़ सकते हैं:
विराट की पद्मिनी वृन्दावनलाल वर्मा द्वारा लिखा गया एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक उपन्यास है। इसकी कहानी 13वीं शताब्दी के बुंदेलखंड के इतिहास पर आधारित है।
कथा संक्षेप:
- उपन्यास में आल्हा और ऊदल के पुत्रों (मलखान और ब्रह्म) तथा उनके संघर्षों का वर्णन है।
- कहानी का केंद्र गढ़कुण्डार का किला और वहां की रानी पद्मिनी हैं, जो अपनी सुंदरता और बुद्धिमत्ता के लिए जानी जाती हैं।
- पद्मिनी, खंगार राजा खेतसिंह की पुत्री है, जो अपनी वीरता और साहस के लिए प्रसिद्ध थे।
- बुंदेलखंड पर दिल्ली के सुल्तान का आक्रमण होता है, जिससे गढ़कुण्डार की रक्षा करने की चुनौती आती है।
- उपन्यास में प्रेम, वीरता, षड्यंत्र और त्याग की भावना को दर्शाया गया है।
- पद्मिनी अपनी बुद्धिमानी और साहस से गढ़कुण्डार की रक्षा करती है और दुश्मनों को पराजित करती है।
यह उपन्यास बुंदेलखंड के इतिहास और संस्कृति को जीवंत रूप से प्रस्तुत करता है। यह रानी पद्मिनी के बलिदान और वीरता की कहानी है, जो पाठकों को प्रेरित करती है।
अधिक जानकारी के लिए, आप निम्न स्रोत देख सकते हैं: