
ग्रामीण विकास
राजीव गांधी ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM), जिसे अब दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) के नाम से जाना जाता है, भारत सरकार द्वारा संचालित एक गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम है। इस मिशन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों को संगठित करके उन्हें स्थायी आजीविका के अवसर प्रदान करना है। ग्राम पंचायत स्तर पर, यह मिशन विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है।
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स्वयं सहायता समूहों (SHGs) का गठन और संवर्धन:
ग्राम पंचायत स्तर पर, NRLM स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के गठन और संवर्धन पर ध्यान केंद्रित करता है। ये समूह गरीब महिलाओं को एक साथ लाते हैं ताकि वे बचत और ऋण गतिविधियों के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकें। मिशन SHGs को प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण सहायता भी प्रदान करता है।
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आजीविका संवर्धन:
NRLM ग्रामीण गरीबों को विभिन्न आजीविका गतिविधियों में संलग्न होने में मदद करता है, जैसे कि कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, और अन्य सूक्ष्म उद्यम। मिशन इन गतिविधियों के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण, ऋण और बाजार संपर्क प्रदान करता है।
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वित्तीय समावेशन:
NRLM यह सुनिश्चित करता है कि ग्रामीण गरीबों को वित्तीय सेवाओं तक पहुंच हो, जैसे कि बचत खाते, ऋण और बीमा। मिशन बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी करता है ताकि इन सेवाओं को SHGs और उनके सदस्यों तक पहुंचाया जा सके।
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सामाजिक विकास:
NRLM सामाजिक विकास गतिविधियों को भी बढ़ावा देता है, जैसे कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, और स्वच्छता। मिशन इन क्षेत्रों में जागरूकता बढ़ाने और व्यवहार परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए SHGs का उपयोग करता है।
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ग्राम संगठन (VO) और क्लस्टर स्तर संघ (CLF) का गठन:
स्वयं सहायता समूहों को मिलाकर ग्राम संगठन और क्लस्टर लेवल फेडरेशन का निर्माण किया जाता है, जो सामूहिक रूप से अपनी आवश्यकताओं को पूरा करते हैं और बड़े स्तर पर विकास कार्यों में भाग लेते हैं।
ग्राम पंचायत स्तर पर NRLM की गतिविधियों का उद्देश्य ग्रामीण गरीबों को सशक्त बनाना और उन्हें गरीबी से बाहर निकालना है। यह मिशन ग्रामीण विकास के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है और इसने लाखों लोगों के जीवन में सुधार किया है।
अधिक जानकारी के लिए, आप ग्रामीण विकास मंत्रालय की वेबसाइट देख सकते हैं: ग्रामीण विकास मंत्रालय