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बीमा

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यह एक सूचनात्मक संदेश है जो आपको बताता है कि प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) नामक एक बीमा पॉलिसी के लिए ₹20 का प्रीमियम आपके भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) खाते से काटा गया है।
यहां संदेश का विवरण दिया गया है:
  • प्रिय ग्राहक: यह संदेश आपको संबोधित है।
  • PMSBY पॉलिसी नंबर: यह आपकी पॉलिसी का विशिष्ट पहचान संख्या है। भविष्य में किसी भी पूछताछ के लिए इसे संभाल कर रखें।
  • ₹20.00 का प्रीमियम: यह वह राशि है जो आपकी बीमा पॉलिसी को सक्रिय रखने के लिए काटी गई है।
  • आपके खाता नंबर XXXXXXX8307 से: यह वह खाता संख्या है जिससे प्रीमियम काटा गया है।
  • शाखा 1863: यह आपकी एसबीआई शाखा का कोड है।
  • दिनांक 21/07/2025: यह उस तारीख को दर्शाता है जिस दिन प्रीमियम काटा गया था।
  • एसबीआई: यह संदेश भेजने वाले बैंक का नाम है।
प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना (PMSBY) क्या है?
यह भारत सरकार द्वारा समर्थित एक दुर्घटना बीमा योजना है। यह योजना दुर्घटना के कारण मृत्यु या विकलांगता के लिए कवरेज प्रदान करती है।
अधिक जानकारी के लिए, आप एसबीआई की वेबसाइट या अपनी बैंक शाखा से संपर्क कर सकते हैं।
उत्तर लिखा · 21/7/2025
कर्म · 680
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बाइक इंश्योरेंस, जिसे दोपहिया वाहन बीमा भी कहा जाता है, एक प्रकार का बीमा है जो आपकी बाइक को दुर्घटनाओं, चोरी और प्राकृतिक आपदाओं जैसी अप्रत्याशित घटनाओं से होने वाले नुकसान से बचाता है। यह आपको थर्ड-पार्टी लायबिलिटी से भी बचाता है, यानी अगर आपकी बाइक से किसी और को कोई नुकसान होता है तो बीमा कंपनी उसकी भरपाई करेगी।

बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के कई फायदे हैं:

  • वित्तीय सुरक्षा: यह आपको दुर्घटना या चोरी की स्थिति में वित्तीय नुकसान से बचाता है।
  • कानूनी आवश्यकता: भारत में मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार, सड़क पर बाइक चलाने के लिए आपके पास कम से कम थर्ड-पार्टी बीमा होना अनिवार्य है।
  • मानसिक शांति: आपको यह जानकर मानसिक शांति मिलती है कि आपकी बाइक सुरक्षित है।

बाइक इंश्योरेंस दो मुख्य प्रकार के होते हैं:

  • थर्ड-पार्टी बीमा: यह बीमा केवल थर्ड-पार्टी लायबिलिटी को कवर करता है। इसका मतलब है कि अगर आपकी बाइक से किसी और को कोई नुकसान होता है, तो बीमा कंपनी उसकी भरपाई करेगी।
  • व्यापक बीमा: यह बीमा थर्ड-पार्टी लायबिलिटी के साथ-साथ आपकी बाइक को होने वाले नुकसान को भी कवर करता है। इसमें दुर्घटना, चोरी, प्राकृतिक आपदाएं और अन्य जोखिम शामिल हैं।

बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते समय, आपको निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना चाहिए:

  • कवरेज: आपको अपनी आवश्यकताओं के अनुसार कवरेज का चयन करना चाहिए।
  • प्रीमियम: आपको विभिन्न बीमा कंपनियों के प्रीमियम की तुलना करनी चाहिए और सबसे अच्छा सौदा खोजना चाहिए।
  • दावा निपटान प्रक्रिया: आपको बीमा कंपनी की दावा निपटान प्रक्रिया के बारे में पता होना चाहिए।

आप ऑनलाइन या ऑफलाइन बाइक इंश्योरेंस पॉलिसी खरीद सकते हैं। ऑनलाइन पॉलिसी खरीदना आमतौर पर आसान और सस्ता होता है।

अधिक जानकारी के लिए आप निम्नलिखित वेबसाइटों पर जा सकते हैं:

उत्तर लिखा · 11/7/2025
कर्म · 680
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मुझे आपके ससुर जी के देहांत के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ। मैं समझता हूँ कि यह आपके और आपके परिवार के लिए एक कठिन समय है।
आपके प्रश्न का उत्तर देने के लिए, यह जानना ज़रूरी है कि आपके ससुर जी की संपत्ति और बीमा पॉलिसियों की स्थिति क्या है।
यहाँ कुछ बातें हैं जिन पर आपको विचार करना चाहिए:
  1. वसीयत: क्या आपके ससुर जी ने कोई वसीयत बनाई थी? यदि हाँ, तो उनकी संपत्ति और बीमा पॉलिसियों का वितरण वसीयत के अनुसार किया जाएगा।
  2. उत्तराधिकार: यदि आपके ससुर जी ने कोई वसीयत नहीं बनाई थी, तो उनकी संपत्ति और बीमा पॉलिसियों का वितरण उत्तराधिकार कानूनों के अनुसार किया जाएगा। उत्तराधिकार कानून विभिन्न धर्मों और समुदायों के लिए अलग-अलग होते हैं।
  3. बीमा पॉलिसी: क्या आपके ससुर जी के पास कोई जीवन बीमा पॉलिसी थी? यदि हाँ, तो पॉलिसी के लाभार्थी को बीमा राशि मिलेगी।
  4. बैंक खाते और निवेश: क्या आपके ससुर जी के पास बैंक खाते और निवेश थे? यदि हाँ, तो इन खातों और निवेशों का वितरण वसीयत या उत्तराधिकार कानूनों के अनुसार किया जाएगा।
आपको निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:
  1. वसीयत की खोज करें: यदि आपको लगता है कि आपके ससुर जी ने कोई वसीयत बनाई थी, तो आपको उसकी खोज करनी चाहिए। आप उनके घर, कार्यालय और बैंक में वसीयत की खोज कर सकते हैं।
  2. उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त करें: यदि आपके ससुर जी ने कोई वसीयत नहीं बनाई थी, तो आपको उत्तराधिकार प्रमाण पत्र प्राप्त करने की आवश्यकता होगी। उत्तराधिकार प्रमाण पत्र आपको यह साबित करने में मदद करेगा कि आप उनके कानूनी उत्तराधिकारी हैं।
  3. बीमा कंपनी से संपर्क करें: यदि आपके ससुर जी के पास कोई जीवन बीमा पॉलिसी थी, तो आपको बीमा कंपनी से संपर्क करना चाहिए और दावा दायर करना चाहिए।
  4. कानूनी सलाह लें: यदि आप कानूनी प्रक्रिया से परिचित नहीं हैं, तो आपको कानूनी सलाह लेनी चाहिए। एक वकील आपको वसीयत या उत्तराधिकार कानूनों के अनुसार संपत्ति और बीमा पॉलिसियों का वितरण करने में मदद कर सकता है।
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
अंतिम उत्तर देने से पहले, कृपया ध्यान दें कि मैं कानूनी सलाहकार नहीं हूँ। यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्यों के लिए है और इसे कानूनी सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए।
अधिक जानकारी के लिए, आप निम्नलिखित वेबसाइटों पर जा सकते हैं:
शुभकामनाएं।
उत्तर लिखा · 2/7/2025
कर्म · 680
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मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (Chief Minister's Health Insurance Scheme) एक स्वास्थ्य बीमा योजना है जो विभिन्न भारतीय राज्यों द्वारा शुरू की गई है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीब और वंचित परिवारों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है, ताकि वे निजी अस्पतालों में भी मुफ्त या कम लागत पर इलाज करा सकें।
इस योजना के अंतर्गत, लाभार्थियों को एक निश्चित राशि तक का स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान किया जाता है, जिससे वे अस्पताल में भर्ती होने पर उपचार, दवाएं, और अन्य संबंधित खर्चों के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
यह योजना राज्य सरकार द्वारा संचालित होती है और इसके नियम और लाभ राज्य के अनुसार भिन्न हो सकते हैं। कुछ राज्यों में इस योजना को आयुष्मान भारत योजना के साथ भी जोड़ा गया है, जिससे लाभार्थियों को और भी अधिक लाभ मिल सके।
अधिक जानकारी के लिए, आप अपने राज्य की स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट पर जा सकते हैं।
उत्तर लिखा · 16/6/2025
कर्म · 680
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मृत्यु होने पर मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) बनवाने पर पैसा नहीं मिलता है। यह एक आधिकारिक दस्तावेज है जो किसी व्यक्ति की मृत्यु को कानूनी रूप से प्रमाणित करता है। इसे बनवाना जरूरी होता है ताकि संपत्ति के हस्तांतरण, बीमा दावों और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा किया जा सके।
हालांकि, कुछ सरकारी योजनाएं या बीमा पॉलिसियां ऐसी हो सकती हैं जिनमें मृत्यु होने पर आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता राशि अंतिम संस्कार के खर्चों या परिवार के भरण-पोषण के लिए दी जा सकती है। ऐसी योजनाओं और पॉलिसियों के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए संबंधित सरकारी विभाग या बीमा कंपनी से संपर्क करना चाहिए।
मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी आप अपने राज्य या क्षेत्र के स्थानीय नगर निगम या पंचायत कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, दिल्ली में मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया आप दिल्ली सरकार की वेबसाइट पर देख सकते हैं: दिल्ली सरकार की वेबसाइट
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। यदि कोई व्यक्ति आपसे मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए पैसे मांगता है, तो इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को दें।
उत्तर लिखा · 15/6/2025
कर्म · 680
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बैंक में जीवन बीमा कराने से मृत्यु होने पर पैसा मिलता है। जीवन बीमा एक ऐसा अनुबंध है जिसमें बीमा कंपनी बीमाधारक की मृत्यु होने पर नामांकित व्यक्ति को एक निश्चित राशि का भुगतान करने का वादा करती है। यह राशि बीमाधारक द्वारा चुने गए बीमा योजना और प्रीमियम पर निर्भर करती है।
  • सावधि जीवन बीमा (Term Life Insurance): यह बीमा एक निश्चित अवधि के लिए होता है। यदि इस अवधि के दौरान बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है, तो नामांकित व्यक्ति को बीमा राशि मिलती है।
  • संपूर्ण जीवन बीमा (Whole Life Insurance): यह बीमा पूरे जीवन के लिए होता है और इसमें एक नकद मूल्य भी शामिल होता है जो समय के साथ बढ़ता है।
  • यूनिट लिंक्ड बीमा योजना (ULIP): यह बीमा और निवेश का मिश्रण है। इसमें बीमा राशि के साथ-साथ निवेश का भी लाभ मिलता है।
अधिक जानकारी के लिए, आप विभिन्न बैंकों और बीमा कंपनियों की वेबसाइटों पर जा सकते हैं:
उत्तर लिखा · 14/5/2025
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लाइफ इंश्योरेंस-टर्म प्लान

मानव जीवन में प्राकृतिक और दुर्घटनावश कारणों से मृत्यु होने का खतरा सामने रहता है। जब किसी व्यक्ति की मौत होती है या वो विकलांग हो जाता है तो परिवार के लिए आय खत्म हो जाती है। परिवार के लिए जीवन बिताना कठिन हो जाता है। अपने परिवार को इस तरह की परिस्थितियों से बचाने के लिए आप सीधे एक लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ले सकते हैं।

आपका जीवन आपके परिवार वालों के लिए अमूल्य होता है। मुख्य कमाने वाला परिवार को आय मुहैया कराता है इसलिए परिवार के मुख्य आजीविका धारक की जिंदगी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। अगर किसी दुर्घटनावश उसे कुछ हो जाता है तो परिवार को आय मिलनी बंद हो जाती है। अगर परिवार के मुख्य कमाने वाले व्यक्ति की मौत हो जाती है या वो शारीरिक रूप से असमर्थ हो जाता है लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी उसके परिवार को एक निश्चित रकम आय के रूप में उपलब्ध कराती है। लाइफ इंश्योरेंस बहुत से रुप में आते हैं। पहला पूरी तरह सुरक्षा प्रदान करता है। हालांकि इंश्योरेंस के क्षेत्र में बदलते समय के मुताबिक टर्म प्लान में बचत और निवेश को भी शामिल किया गया है। लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रकार यहां बताए गए हैं

1.टर्म इंश्योरेंस (शुद्द इंश्योरेंस)

2.एनडाओमेंट पॉलिसी (बचत आधारित)

3.मनी बैक पॉलिसी (बचत आधारित

4.यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (यूलिप) (बचत आधारित, बाजार से जुडी)

आइए टर्म प्लान के बारे में और विस्तार से जानें

टर्म प्लान इंश्योरेंस पॉलिसी का सबसे शुद्ध स्वरूप है। इसमें आपको बहुत ही कम प्रीमियम में काफी ऊंचा कीमत का कवर मिलता है। इस तरह की पॉलिसी पूरी तरह सुरक्षा के लिहाज से ली जाती हैं। टर्म प्लान में हर साल मामूली प्रीमियम देने के बाद आपको कुछ विशेष सालों के लिए कवर मिलता है। साधारणतया टर्म पॉलिसी 10,15,20,25 और 30 सालों के लिए ली जाती हैं।

डेथ बेनेफिट
अगर पॉलिसी की अवधि के दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु हो जाती है तो कवर की पूरी राशि नॉमिनी को दे दी जाती है।

मैच्योरिटी बैनेफिट
अगर आप पॉलिसी की पूरी अवधि तक जी जाते हैं तो मैच्योरिटी के समय आपको कोई रकम नहीं मिलती है।

टैक्स बेनेफिट
टर्म प्लान के तहत चुकाए गए प्रीमियम आयकर की धारा 80सी के तहत कर मुक्त हैं।

नए फीचर्स

अब इंश्योरेंस कंपनियां पॉलिसी लेने वाले व्यक्ति के जोखिम प्रोफाइल के आधार पर अलग अलग प्रीमियम चार्ज करती हैं। उदाहरण के लिए आपका जोखिम प्रोफाइल निम्न बातों के आधार पर तय किया जाता है।

1.मैडिकल हिस्ट्री
आपकी और आपके परिवार की मैडिकल हिस्ट्री प्रीमियम निर्धारण करने में काफी महत्वपूर्ण भाग रखती है। अगर पॉलिसी लेते वक्त आपको कोई मौजूदा बीमारी है (जो जीवन के लिए खतरा भी हो) तो इंश्योरेंस कंपनियां आपसे अतिरिक्त प्रीमियम वसूल सकती हैं जिसे लोडिंग के नाम से जाना जाता है। जिस व्यक्ति को प्री एक्जिजटिंग डिजीज नहीं है उनसे अतिरिक्त प्रीमियम नहीं लिया जाता है।

2.नॉन मैडिकल हिस्ट्री
मैडिकल हिस्ट्री के अलावा आपकी जीवन शैली जैसे धूम्रपान, मदिरापान और व्यव्साय आदि भी प्रीमियम निर्धारित करते समय ध्यान में रखे जाते हैं। अधिकांश तोर पर जो व्यक्ति धूम्रपान करते हैं उनका प्रीमियम धूम्रपान ना करने वाले व्यक्तियों से ज्यादा होता है।

कुछ टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी अतिरिक्त बेनेफिट के साथ आती हैं जिन्हें राइडर कहते हैं:

1.एक्सीडेंटल डेथ बेनेफिट राइडर
इस तरह के राइडर में सामान्य प्रीमियम के साथ कुछ अतिरिक्त प्रीमियम वसूला जाता है, और अगर पॉलिसी धारक की एक्सीडेंट में मौत हो जाती है तो उसके परिवार को बढ़े हुए सम एश्योर्ड के रूप में इसका फायदा मिलता है। हालांकि अगर व्यक्ति की मौत किसी और कारण से होती है तो एक्सीडेंटल बेनेफिट के तहत मिलने वाला अतिरिक्त सम एश्योर्ड नहीं मिलता है।

2. प्रीमियम का रिटर्न
इस तरह के राइडर में पॉलिसी का प्रीमियम साधारणतः ज्यादा होता है और अगर पॉलिसी धारक पॉलिसी टर्म पूरा होने तक जीवत रहता है तो चुकाए गए प्रीमियम वापस कर दिए जाते हैं।

3. प्रीमियम की समाप्ति
इस तरह के राइडर में अगर पॉलिसी होल्डर किसी वजह से पूरी तरह असमर्थ हो जाता है तो उसे आगे के प्रीमियम देने की जरूरत नहीं होती है। भविष्य के सभी प्रीमियम माफ कर दिए जाते हैं। इश्योरेंस कंपनियां इस राइडर के लिए मामूली फीस लेती हैं। ये राइडर शायद आपके इंश्योरेंस का खर्च थोड़ा बढ़ा दे लेकिन अगर किसी वजह से आप असमर्थ हो जाते हैं तो आप बिना पॉलिसी कवर के नहीं रहेंगे।

4. क्रिटिकल इलनेस
इस तरह के राइडर में अगर पॉलिसी धारक को कोई बड़ी बीमारी हो जाती है (जो इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर हो) तो सम एश्योर्ड के बराबर राशि ग्राहक को दी जाती है। इसमें याद रखने वाली बात ये है कि क्रिटिकल इलनेस होने की सूरत में आपको पूरा पैसा मिल जाता है बाद में कोई पैसा नहीं मिलेगा। इसे मेडिक्लेम पॉलिसी की तरह ना लें, जिसमें हॉस्पिटल का खर्च इंश्योरेंस कंपनी द्वारा दिया जाता है।

ज्यादातर क्रिटिकल इलनेस राइडर में आपके पॉलिसी खरीदने के बाद 90-180 दिन का वेटिंग पीरियड शामिल होता है। इस वेटिंग पीरियड में क्रिटिकल इलनेस के लिए कोई क्लेम नहीं दिया जाता है। आगे चलकर क्रिटिकल इलनेस सामने आने पर भी पॉलिसी होल्डर को कम से कम 30 दिन जीवित रहना चाहिए।

याद रखें लाइफ इंश्योरेंस खरीदना सिर्फ पॉलिसी को चुनने और सालाना प्रीमियम अदा करने से कहीं बड़ी जिम्मेदारी है। साथ ही आपको अपने निवेश को इंश्योरेंस से अलग भी रखना चाहिए। म्यूचुअल फंड, बैंक, कॉर्पोरेट एफडी और अन्य साधनों में रखा पैसा आपकी वैल्थ बढाने का काम करेगा जबकि इंश्योरेंस आपके और आपके परिवार की सुरक्षा के लिए जरूरी है।
उत्तर लिखा · 18/7/2018
कर्म · 1750