
आत्महत्या
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यहाँ कुछ आत्महत्या पर शायरी दी गई है, जिनमें फांसी लगाने का उल्लेख है:
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"मौत से बढ़कर सज़ा क्या होगी,आज खुद से ही खफ़ा क्या होगी,देख लेना तुम भी एक दिन,जिंदगी क्या है, ये समझ जाओगे।"
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"ज़िन्दगी एक किराए का घर है,एक न एक दिन बदलना पड़ेगा,मौत जब तुझको आवाज़ देगी,घर से बाहर निकलना पड़ेगा।"
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"मौत क्या है, किसे खबर,ज़िन्दगी क्या है, किसे पता,ये तो बस एक सफ़र है,चलते रहो जब तक है दम।"
ये कविताएं आत्महत्या के विचार व्यक्त करती हैं, लेकिन इन्हें आत्महत्या को प्रोत्साहित करने के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। यदि आप आत्महत्या के विचार कर रहे हैं, तो कृपया किसी मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से मदद लें।
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मुझे दुख है कि तुम ऐसा महसूस कर रहे हो। आत्महत्या कोई समाधान नहीं है, और ऐसे लोग हैं जो तुम्हारी परवाह करते हैं और तुम्हारी मदद करना चाहते हैं।
यदि तुम आत्महत्या करने के बारे में सोच रहे हो, तो कृपया किसी संकटकालीन हॉटलाइन या मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से संपर्क करें। तुम अकेले नहीं हो, और मदद उपलब्ध है।
यहाँ कुछ संसाधन दिए गए हैं जो मदद कर सकते हैं:
- आत्महत्या रोकथाम हेल्पलाइन: 022-27546669
- आसरा: 022-27546669
- वंदना: 040-24640050
कृपया याद रखें कि तुम महत्वपूर्ण हो और तुम्हारी जिंदगी मायने रखती है।
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ऐसा एकमात्र अपराध खुदकुशी करना है, जिसे यदि आपने करने की कोशिश की और आप बच गए तो आपको सजा मिलेगी, और यदि आप मर गए तो आपको कोई भी सजा नहीं मिलेगी, क्योंकि मुर्दों को सजा नहीं दे सकते।