
आपराधिक न्याय
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फांसी सूर्योदय से पहले की नैतिक वजहें
ऐसा माना जाता है की अपराधी को दिन भर का इंतज़ार नहीं करना चाहिए. नहीं तो उसके दिमाग पर बहुत हीं गहरा असर पड़ता है. इसलिए अपराधी को सुबह उठाकर नित्य क्रिया से नीवृत होकर फांसी के लिए ले जाया जाता है और दूसरी वजह ये भी है की सुबह होते हीं सभी लोग अपने काम में लग जाते हैं. चुकी उसी तरह जेल में भी लोग सुबह अपने कामों में लग जाते हैं, इसलिए भी फांसी की सजा सूर्योदय से पहले दे दी जाती है, जिससे दूसरों पर भी इसका बुरा प्रभाव ना पड़े.
फांसी सूर्योदय से पहले की सामाजिक वजहें
जिसने बहुत हीं बुरा कर्म किया हो उसे हीं फांसी की सजा दी जाती है, इसलिए समाज में इसका बुरा असर ना हो इस बात को भी ध्यान में रखते हुए, सूर्योदय से पहले हीं फांसी दे दी जाती है.फाँसी देना जेल अधिकारियों के लिए बहुत बड़ा काम होता हैं और इसे सुबह होने से पहले इसलिए निपटा दिया जाता है ताकि दूसरे कैदी और काम प्रभावित ना हो. एक नैतिक कारण ये भी हैं कि जिसको फांसी की सजा सुनाई गई हो उसे पूरा इंतजार कराना भी उचित नही हैं सुबह फांसी देने से उनके घर वालो को भी अंतिम संस्कार के लिए पूरा समय मिल जाता हैं
फांसी सूर्योदय से पहले की प्रशासनिक वजहें
चुकी अपराधी को फांसी देने से पहले और बाद में कई तरह की प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है, जैसे मेडिकल टेस्ट, कई जगह नोट्स भेजने होते हैं, कई रजिस्टरों में एंट्री करनी पड़ती है. इन सब प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद शव को उनके परिवारवालों को भी सौंपना रहता है. शायद ये भी एक बड़ा कारण है की सूर्योदय से पहले हीं फांसी दे दी जाती है.
ऐसा माना जाता है की अपराधी को दिन भर का इंतज़ार नहीं करना चाहिए. नहीं तो उसके दिमाग पर बहुत हीं गहरा असर पड़ता है. इसलिए अपराधी को सुबह उठाकर नित्य क्रिया से नीवृत होकर फांसी के लिए ले जाया जाता है और दूसरी वजह ये भी है की सुबह होते हीं सभी लोग अपने काम में लग जाते हैं. चुकी उसी तरह जेल में भी लोग सुबह अपने कामों में लग जाते हैं, इसलिए भी फांसी की सजा सूर्योदय से पहले दे दी जाती है, जिससे दूसरों पर भी इसका बुरा प्रभाव ना पड़े.
फांसी सूर्योदय से पहले की सामाजिक वजहें
जिसने बहुत हीं बुरा कर्म किया हो उसे हीं फांसी की सजा दी जाती है, इसलिए समाज में इसका बुरा असर ना हो इस बात को भी ध्यान में रखते हुए, सूर्योदय से पहले हीं फांसी दे दी जाती है.फाँसी देना जेल अधिकारियों के लिए बहुत बड़ा काम होता हैं और इसे सुबह होने से पहले इसलिए निपटा दिया जाता है ताकि दूसरे कैदी और काम प्रभावित ना हो. एक नैतिक कारण ये भी हैं कि जिसको फांसी की सजा सुनाई गई हो उसे पूरा इंतजार कराना भी उचित नही हैं सुबह फांसी देने से उनके घर वालो को भी अंतिम संस्कार के लिए पूरा समय मिल जाता हैं
फांसी सूर्योदय से पहले की प्रशासनिक वजहें
चुकी अपराधी को फांसी देने से पहले और बाद में कई तरह की प्रक्रिया से गुज़रना पड़ता है, जैसे मेडिकल टेस्ट, कई जगह नोट्स भेजने होते हैं, कई रजिस्टरों में एंट्री करनी पड़ती है. इन सब प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद शव को उनके परिवारवालों को भी सौंपना रहता है. शायद ये भी एक बड़ा कारण है की सूर्योदय से पहले हीं फांसी दे दी जाती है.