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फसल उत्पादन

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फसल उत्पादन और प्रभाव के बारे में जानकारी निम्नलिखित है:

उत्तर प्रदेश में फसल उत्पादन:

  • उत्तर प्रदेश भारत का एक प्रमुख कृषि प्रधान राज्य है।
  • यहाँ की मुख्य फसलें गेहूं, चावल, गन्ना, और आलू हैं।
  • उत्तर प्रदेश गेहूं और आलू के उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है।
  • राज्य में दालें और तिलहन भी उगाई जाती हैं।

उत्पादन पर प्रभाव:

  • फसल उत्पादन कई कारकों से प्रभावित होता है, जिनमें जलवायु, मिट्टी, सिंचाई, और तकनीक शामिल हैं।
  • उत्तर प्रदेश में, मानसून की बारिश फसल उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।
  • सिंचाई सुविधाओं की उपलब्धता भी उत्पादन को प्रभावित करती है।
  • नई तकनीकों और उच्च उपज देने वाली किस्मों के उपयोग से उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।

स्रोत:

उत्तर लिखा · 25/7/2025
कर्म · 680
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धान का थरहा (नर्सरी) डालने की विधि इस प्रकार है: 1. **खेत का चुनाव और तैयारी:** * दोमट और चिकनी दोमट मिट्टी धान की नर्सरी के लिए उपयुक्त होती है। * नर्सरी लगाने से पहले खेत की दो से तीन जुताई करके मिट्टी को समतल और भुरभुरा बना लेना चाहिए। * खेत में पानी की निकासी के लिए उचित इंतजाम होना चाहिए। 2. **नर्सरी का समय:** * मध्यम से देर से पकने वाली किस्मों की रोपाई जून के दूसरे सप्ताह में करना उचित होता है। * देर से पकने वाली किस्मों की रोपाई जून के दूसरे से तीसरे सप्ताह तक करना चाहिए। 3. **क्यारियां तैयार करना:** * धान की नर्सरी क्यारियां बनाकर तैयार की जाती है। * इसके लिए एक से डेढ़ मीटर चौड़ी तथा चार से पांच मीटर लंबी क्यारियां तैयार करना पड़ती है। 4. **बीज की मात्रा:** * क्यारियां तैयार करने के बाद उपचारित धान के बीज का प्रति वर्ग मीटर 50 से 80 ग्राम बीज का छिड़काव करना चाहिए। * विभिन्न किस्मों के अनुसार प्रति हेक्टेयर 25 से 35 किलोग्राम बीज की जरूरत पड़ती है। * नर्सरी में तय दर के हिसाब से बीज डालना चाहिए, इससे पौधे की ग्रोथ अच्छी होती है और पौधे खराब होने की संभावना कम हो जाती है। 5. **बीजोपचार:** * धान की फसल को विभिन्न रोगों से बचाने के लिए नर्सरी लगाने से पहले बीज को अनुशंसित दवाईयों से उपचारित कर लेना चाहिए। * थोथे बीज को हटाने के लिए 2 फीसदी नमक के घोल में बीजों को डालें और अच्छी तरह से मिलाएं। 6. **बुवाई की विधि:** * धान की बीजाई करने से पहले बीजों को अंकुरित कर लेना चाहिए। * इसके लिए बीजों को जूट के बोरे में भर लें, इसके बाद इसको 15 से 20 घंटों के लिए पानी में भीगने दें। * इसके बाद बीजों को अच्छी तरह सुखा लें और फिर बिजाई करें। * बुवाई के बाद पक्षियों से दो-तीन दिनों तक बचाव करें जब तक कि बीज उग न आए। 7. **खाद व उर्वरक का उपयोग:** * पौधे के अच्छे विकास के लिए धान नर्सरी में प्रति 100 वर्ग मीटर में 2-3 किलोग्राम यूरिया, 3 किलोग्राम सुपर फास्फेट तथा 1 किलोग्राम पोटाश का प्रयोग करना चाहिए। * कुछ दिनों बाद यदि पौधों में पीलापन दिखाई दे, तो 1 किलोग्राम जिंक सल्फेट तथा आधा किलोग्राम चूना लेकर 50 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। 8. **सिंचाई:** * पौधों के अच्छे अंकुरण के लिए पानी की बेहद जरूरत होती है। * बीजाई के समय क्यारियों में पानी नहीं होना चाहिए, लेकिन तीन से चार दिनों बाद क्यारियों को तर रखना चाहिए। * जब पौधा 5 सेंटीमीटर तक बढ़ जाए तब खेत में एक से दो सेंटीमीटर पानी भरकर रखना चाहिए।
उत्तर लिखा · 12/6/2025
कर्म · 680
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कनक धान, जिसे स्वर्ण चावल भी कहा जाता है, एक प्रकार का चावल है जिसे आनुवंशिक रूप से संशोधित किया गया है ताकि इसके दानों में बीटा-कैरोटीन का उत्पादन हो सके। बीटा-कैरोटीन एक प्रकार का कैरोटीनॉयड है जो मानव शरीर में विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है।

कनक धान की पैदावार सामान्य चावल की तुलना में कुछ कम हो सकती है, लेकिन यह अभी भी खाद्य सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण फसल है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां विटामिन ए की कमी एक आम समस्या है।

कनक धान की पैदावार कई कारकों पर निर्भर करती है, जिनमें शामिल हैं:

  • जलवायु
  • मिट्टी
  • खेती की तकनीकें
  • रोग और कीट

विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि कनक धान की पैदावार सामान्य चावल की तुलना में 10-20% कम हो सकती है। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कनक धान विटामिन ए का एक अच्छा स्रोत है, जो इसे खाद्य सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण फसल बनाता है।

कनक धान अभी भी विकास के अधीन है, और वैज्ञानिक इसकी पैदावार और पोषण मूल्य में सुधार के लिए काम कर रहे हैं।

अधिक जानकारी के लिए, आप निम्नलिखित वेबसाइटों पर जा सकते हैं:

उत्तर लिखा · 12/6/2025
कर्म · 680
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भारत विश्व में सबसे बड़ा हल्दी उत्पादन का देश है...
हल्दी की खेती एवं निर्यात में भारत विश्व में पहले स्थान पर है...
भारत के मुख्य हल्दी उत्पादक राज्यों में आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु, उड़ीसा आदि शामिल है...
देश भर इसकी कई प्रजातियां पाई जाती है...

विश्व में हल्दी उत्पादन का सबसे बड़ा स्थान भारत विश्व में है...
उत्तर लिखा · 19/7/2018
कर्म · 68420