
त्योहार
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राजनंदगांव, छत्तीसगढ़ में 2025 में निम्नलिखित अवकाश होंगे:
- 26 जनवरी, रविवार: गणतंत्र दिवस
- 26 फरवरी, बुधवार: महा शिवरात्रि
- 11 फरवरी, मंगलवार: शहरी निकाय चुनाव के तहत मतदान के कारण राजनांदगांव और बलरामपुर में सार्वजनिक अवकाश
- 14 मार्च, शुक्रवार: होली
- 31 मार्च, सोमवार: ईद-उल-फितर
- 6 अप्रैल, रविवार: राम नवमी
- 10 अप्रैल, गुरुवार: महावीर जयंती
- 14 अप्रैल, सोमवार: डॉ. अम्बेडकर जयंती
- 18 अप्रैल, शुक्रवार: गुड फ्राइडे
- 12 मई, सोमवार: बुद्ध पूर्णिमा
- 7 जून, शनिवार: बकरीद/ईद अल-अधा
- 11 जून, बुधवार: संत गुरु कबीर जयंती
- 26 जून, गुरुवार: मुहर्रम
- 9 अगस्त, शनिवार: रक्षा बंधन
- 15 अगस्त, शुक्रवार: स्वतंत्रता दिवस
- 16 अगस्त, शनिवार: जन्माष्टमी
- 6 सितंबर, शनिवार: ईद ए मिलाद
- 2 अक्टूबर, गुरुवार: विजया दशमी
- 2 अक्टूबर, गुरुवार: गांधी जयंती
- 20 अक्टूबर, सोमवार: दिवाली
- 27 अगस्त, बुधवार: गणेश चतुर्थी
- 30 सितंबर, मंगलवार: दशहरा (महा अष्टमी)
- 21 अक्टूबर, मंगलवार: गोवर्धन पूजा (दीपावली का दूसरा दिन)
- 5 नवंबर, बुधवार: गुरु नानक जयंती
- 18 दिसंबर, गुरुवार: गुरु घासीदास जयंती
- 25 दिसंबर, गुरुवार: क्रिसमस
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उपचुनाव का कोई विशेष दिवस नहीं मनाया जाता है। उपचुनाव किसी निर्वाचन क्षेत्र में किसी कारणवश (जैसे मृत्यु या इस्तीफे) सीट खाली होने पर कराया जाता है। यह एक सामान्य चुनावी प्रक्रिया है, लेकिन यह किसी विशेष दिन से जुड़ा हुआ नहीं है।
अधिक जानकारी के लिए, आप भारत निर्वाचन आयोग की वेबसाइट देख सकते हैं:
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29 जून को भारत में राष्ट्रीय सांख्यिकी दिवस (National Statistics Day) मनाया जाता है।
यह दिवस प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिक और सांख्यिकीविद प्रोफेसर प्रशांत चंद्र महालनोबिस की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
इस दिन का उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक योजना और नीति निर्माण में सांख्यिकी के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है।
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🎉 *देशभर में 'रक्षाबंधन' की धूम! भाई-बहन के प्यार का है त्योहार*
🏵 आज देश भर में धूमधाम और पूरे हर्षोल्लास के साथ 'रक्षाबंधन' का त्यौहार मनाया जाएगा. रक्षाबंधन का त्योहार हर साल श्रावण पूर्णिमा को मनाया जात है. इस वर्ष यह 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन है.
🎏 रक्षाबंधन सिर्फ त्योहार नहीं बल्कि एक ऐसी भावना है जो रेशम की कच्ची डोरी के जरिए भाई-बहन के प्यार को हमेशा-हमेशा के लिए संजोकर रखती है. रक्षा बंधन का त्योहार हिन्दू धर्म के बड़े त्योहारों में से एक है.
🙋♀ *रक्षाबंधन का महत्व*
🌈 इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं. यह पर्व भाई बहन के अटूट बंधन और असीमित प्रेम का प्रतीक है.
✨ परंपरा के अनुसार राखी बांधकर बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करते हैं. वहीं, भाई अपनी प्यारी बहना को बदले में भेंट या उपहार देकर हमेशा उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं. यह इस त्योहार की खासियत है कि न सिर्फ हिन्दू बल्कि अन्य धर्म के लोग भी पूरे जोश के साथ इस त्योहार को मनाते हैं.
🕉 *पौराणिक महत्व*
पितरों का पूजन और सुख समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी औऱ भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. दरअसल श्रावण पूर्णिमा के दिन ही देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु को राजा बलि को दिए वरदान के बंधन से मुक्त करवाकर पाताल लोक से बैकुंठ लेकर आयी थीं. इसी दिन से अमरनाथ धाम की यात्रा का समापना होता है.
💁♂ *दाईं कलाई पर क्यों बांधते हैं राखी*
🎁 माना जाता है कि शरीर का दाहिना हिस्सा पवित्र होता है. इसलिए धार्मिक कार्यों में सभी काम सीधे हाथ से ही किए जाते हैं. शरीर के दाहिने हिस्से में नियंत्रण शक्ति भी ज्यादा होती है.
🍫 दाहिने हाथ को वर्तमान जीवन के कर्मों का हाथ भी माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दाहिने हाथ से किए गए दान, धर्म को भगवान स्वीकार करते हैं इसलिए दायीं कलाई में राखी बांधने की परंपरा है.
🎭 *मनोवैज्ञानिक असर*
आयुर्वेद के अनुसार, कलाई पर राखी बांधने से वात, पित्त, कफ संतुलित रहता है जिससे स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है. वहीं कलाई पर बांधे गए रक्षासूत्र का मनोवैज्ञानिक असर भी होता है.
🕰 *शुभ मुहूर्त*
धार्मिक मान्यता है कि रक्षाबंधन का त्योहार भद्रा मुक्त पूर्णिमा तिथि में किया जाना चाहिए. कई वर्षों बाद इस वर्ष ऐसा संयोग बना है कि रक्षाबंधन पर सूर्योदय से पूर्व ही भद्रा समाप्त हो रहा है जिससे पूरे दिन सूर्यास्त तक भाई-बहन राखी का त्योहार मना सकते हैं.
⏳ *राखी बांधने का शुभ समय* : सुबह 05.54 - शाम 05.59 मिनट तक. लगभग पूरे दिन शुभ समय.
✔ *राहुकाल से बचें*
राहुकाल - दोपहर 02:03 – 03:41 बजे तक राखी ना बांधें.
सुबह 11:59 – 12:52 बजे तक राखी बांधने से भाई को बीमारियों से राहत मिलेगी.
🏵 आज देश भर में धूमधाम और पूरे हर्षोल्लास के साथ 'रक्षाबंधन' का त्यौहार मनाया जाएगा. रक्षाबंधन का त्योहार हर साल श्रावण पूर्णिमा को मनाया जात है. इस वर्ष यह 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन है.
🎏 रक्षाबंधन सिर्फ त्योहार नहीं बल्कि एक ऐसी भावना है जो रेशम की कच्ची डोरी के जरिए भाई-बहन के प्यार को हमेशा-हमेशा के लिए संजोकर रखती है. रक्षा बंधन का त्योहार हिन्दू धर्म के बड़े त्योहारों में से एक है.
🙋♀ *रक्षाबंधन का महत्व*
🌈 इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं. यह पर्व भाई बहन के अटूट बंधन और असीमित प्रेम का प्रतीक है.
✨ परंपरा के अनुसार राखी बांधकर बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र की कामना करते हैं. वहीं, भाई अपनी प्यारी बहना को बदले में भेंट या उपहार देकर हमेशा उसकी रक्षा करने का वचन देते हैं. यह इस त्योहार की खासियत है कि न सिर्फ हिन्दू बल्कि अन्य धर्म के लोग भी पूरे जोश के साथ इस त्योहार को मनाते हैं.
🕉 *पौराणिक महत्व*
पितरों का पूजन और सुख समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी औऱ भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. दरअसल श्रावण पूर्णिमा के दिन ही देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु को राजा बलि को दिए वरदान के बंधन से मुक्त करवाकर पाताल लोक से बैकुंठ लेकर आयी थीं. इसी दिन से अमरनाथ धाम की यात्रा का समापना होता है.
💁♂ *दाईं कलाई पर क्यों बांधते हैं राखी*
🎁 माना जाता है कि शरीर का दाहिना हिस्सा पवित्र होता है. इसलिए धार्मिक कार्यों में सभी काम सीधे हाथ से ही किए जाते हैं. शरीर के दाहिने हिस्से में नियंत्रण शक्ति भी ज्यादा होती है.
🍫 दाहिने हाथ को वर्तमान जीवन के कर्मों का हाथ भी माना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दाहिने हाथ से किए गए दान, धर्म को भगवान स्वीकार करते हैं इसलिए दायीं कलाई में राखी बांधने की परंपरा है.
🎭 *मनोवैज्ञानिक असर*
आयुर्वेद के अनुसार, कलाई पर राखी बांधने से वात, पित्त, कफ संतुलित रहता है जिससे स्वास्थ्य पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है. वहीं कलाई पर बांधे गए रक्षासूत्र का मनोवैज्ञानिक असर भी होता है.
🕰 *शुभ मुहूर्त*
धार्मिक मान्यता है कि रक्षाबंधन का त्योहार भद्रा मुक्त पूर्णिमा तिथि में किया जाना चाहिए. कई वर्षों बाद इस वर्ष ऐसा संयोग बना है कि रक्षाबंधन पर सूर्योदय से पूर्व ही भद्रा समाप्त हो रहा है जिससे पूरे दिन सूर्यास्त तक भाई-बहन राखी का त्योहार मना सकते हैं.
⏳ *राखी बांधने का शुभ समय* : सुबह 05.54 - शाम 05.59 मिनट तक. लगभग पूरे दिन शुभ समय.
✔ *राहुकाल से बचें*
राहुकाल - दोपहर 02:03 – 03:41 बजे तक राखी ना बांधें.
सुबह 11:59 – 12:52 बजे तक राखी बांधने से भाई को बीमारियों से राहत मिलेगी.