
विवाद समाधान
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वैकल्पिक विवाद समाधान (ADR) विवादों को हल करने के लिए तकनीकों का एक सेट है जो मुकदमेबाजी का सहारा लिए बिना पार्टियों को एक समझौते पर पहुंचने में मदद करता है। ADR के विभिन्न प्रकार निम्नलिखित हैं:
- मध्यस्थता (Mediation): मध्यस्थता में, एक तटस्थ तीसरा पक्ष, जिसे मध्यस्थ कहा जाता है, विवादित पक्षों को एक समझौते पर पहुंचने में मदद करता है। मध्यस्थ कोई निर्णय नहीं लेता है, बल्कि वे संचार को सुविधाजनक बनाते हैं और रचनात्मक समाधान खोजने में मदद करते हैं। मध्यस्थता एक स्वैच्छिक प्रक्रिया है, और पार्टियां किसी भी समय इसे छोड़ सकती हैं।
- समझौता (Negotiation): समझौता एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें विवादित पक्ष सीधे एक-दूसरे के साथ बातचीत करते हैं ताकि एक समझौते पर पहुंचा जा सके। यह ADR का सबसे आम प्रकार है, और इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के विवादों को हल करने के लिए किया जा सकता है।
- पंचायती (Arbitration): पंचायती में, एक तटस्थ तीसरा पक्ष, जिसे पंच कहा जाता है, विवादित पक्षों की बात सुनता है और एक बाध्यकारी निर्णय लेता है। पंचायती एक अधिक औपचारिक प्रक्रिया है, और यह मुकदमेबाजी का एक विकल्प हो सकता है। स्रोत
- सामूहिक समझौता (Collaborative Law): सामूहिक समझौता एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें विवादित पक्ष और उनके वकील एक समझौते पर पहुंचने के लिए मिलकर काम करते हैं। यह प्रक्रिया पारदर्शिता, सहयोग और रचनात्मक समस्या-समाधान पर आधारित है। स्रोत
- लोकपाल (Ombudsman): लोकपाल एक तटस्थ तीसरा पक्ष है जो व्यक्तियों और संगठनों के बीच शिकायतों की जांच करता है और उनका समाधान करता है। लोकपाल आमतौर पर सरकारी एजेंसियों, वित्तीय संस्थानों और अन्य बड़े संगठनों में पाए जाते हैं। स्रोत