
आधुनिक साहित्य
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आधुनिक काल हिंदी साहित्य के इतिहास में एक महत्वपूर्ण युग है, जो 19वीं शताब्दी के मध्य से शुरू होकर आज तक जारी है। इस काल में राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में गहरा परिवर्तन आया, जिसने साहित्य को भी प्रभावित किया।
राजनीतिक पृष्ठभूमि:
- ब्रिटिश शासन की स्थापना और विस्तार
- 1857 का सिपाही विद्रोह
- भारतीय राष्ट्रवाद का उदय
- स्वतंत्रता आंदोलन
आर्थिक पृष्ठभूमि:
- कृषि का व्यवसायीकरण
- औद्योगिक क्रांति का प्रभाव
- नई आर्थिक नीतियों का आगमन
- गरीबी और बेरोजगारी में वृद्धि
सामाजिक पृष्ठभूमि:
- जातिवाद और सामाजिक असमानता
- शिक्षा का प्रसार
- नारी शिक्षा और उत्थान के प्रयास
- सामाजिक सुधार आंदोलन
सांस्कृतिक पृष्ठभूमि:
- पश्चिमी संस्कृति का प्रभाव
- भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान के प्रयास
- धर्म सुधार आंदोलन
- कला और साहित्य में नए प्रयोग
हिंदी नवजागरण:
आधुनिक काल में हिंदी नवजागरण एक महत्वपूर्ण घटना थी। इसने हिंदी भाषा और साहित्य को नई दिशा दी। नवजागरण के प्रमुख उद्देश्य थे:
- हिंदी भाषा का विकास और प्रसार
- राष्ट्रीय चेतना का विकास
- सामाजिक सुधार
- साहित्य के माध्यम से जन जागरण
भारतेंदु युग:
भारतेंदु युग (1850-1900) हिंदी नवजागरण का एक महत्वपूर्ण चरण था। भारतेंदु हरिश्चंद्र इस युग के प्रमुख साहित्यकार थे।
प्रमुख साहित्यकार:
- भारतेंदु हरिश्चंद्र
- बालकृष्ण भट्ट
- प्रताप नारायण मिश्र
- बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन'
साहित्य:
- नाटक: भारतेंदु जी ने कई नाटक लिखे, जिनमें 'भारत दुर्दशा' प्रमुख है।
- कविता: इस युग में देशभक्ति और सामाजिक सुधार से संबंधित कविताएँ लिखी गईं।
- निबंध: निबंधों के माध्यम से सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर विचार व्यक्त किए गए।
साहित्यिक विशेषताएं:
- राष्ट्रीयता की भावना
- सामाजिक सुधार पर बल
- हास्य और व्यंग्य का प्रयोग
- खड़ी बोली हिंदी का विकास