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मूसी महारानी की छतरी कहां है?
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मूसी महारानी की छतरी
इनकी छतरी राजस्थान के अलवर के बाला दुर्ग के नीचे सागर के दक्षिण किनारे हिन्दू स्थापत्य कला की इस ८० खम्भों की छतरी का निर्माण महाराजा बख्तारसिंह की मूसी रानी की स्मृति में महाराजा विनय सिंह के काल में हुआ था।
मूसी महारानी की छतरी ऐतिहासिक महत्व का एक प्रमुख स्मारक है। इस दुमंजिला भवन का निर्माण विनय सिंह ने महाराजा बख्तावर सिंह और उनकी रानी मूसी के सम्मान में ईसा पश्चात वर्ष 1815 में करवाया था। इस स्मारक की वास्तुकला की भव्यता इस स्मारक को शानदार दृश्य प्रदान करती है। लाल बालूपत्थर से बनी हाथी के आकार की संरचनाएँ इसकी ओर ध्यान आकर्षित करती हैं।
ऊपरी मंजिल में संगमरमर से बनी हुई असामान्य गोल छत, शानदार पट्टी और मेहराब हैं। स्मारक की आंतरिक संरचना में शानदार नक्काशी है और दीवारों पर चित्र हैं। इस परिसर में सैंकडों पक्षी और मोर देखने को मिलते हैं जो यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए दावत के समान है। अरावली का सुरम्य स्थान, हरी भरी पत्तियाँ और रंग-बिरंगे फूल इस स्थान की शोभा बढ़ाते हैं।

इनकी छतरी राजस्थान के अलवर के बाला दुर्ग के नीचे सागर के दक्षिण किनारे हिन्दू स्थापत्य कला की इस ८० खम्भों की छतरी का निर्माण महाराजा बख्तारसिंह की मूसी रानी की स्मृति में महाराजा विनय सिंह के काल में हुआ था।
मूसी महारानी की छतरी ऐतिहासिक महत्व का एक प्रमुख स्मारक है। इस दुमंजिला भवन का निर्माण विनय सिंह ने महाराजा बख्तावर सिंह और उनकी रानी मूसी के सम्मान में ईसा पश्चात वर्ष 1815 में करवाया था। इस स्मारक की वास्तुकला की भव्यता इस स्मारक को शानदार दृश्य प्रदान करती है। लाल बालूपत्थर से बनी हाथी के आकार की संरचनाएँ इसकी ओर ध्यान आकर्षित करती हैं।
ऊपरी मंजिल में संगमरमर से बनी हुई असामान्य गोल छत, शानदार पट्टी और मेहराब हैं। स्मारक की आंतरिक संरचना में शानदार नक्काशी है और दीवारों पर चित्र हैं। इस परिसर में सैंकडों पक्षी और मोर देखने को मिलते हैं जो यहाँ आने वाले पर्यटकों के लिए दावत के समान है। अरावली का सुरम्य स्थान, हरी भरी पत्तियाँ और रंग-बिरंगे फूल इस स्थान की शोभा बढ़ाते हैं।

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मूसी महारानी की छतरी राजस्थान के अलवर जिले में स्थित है।
यह एक दो मंजिला स्मारक है, जिसकी ऊपरी मंजिल में संगमरमर और निचली मंजिल में लाल बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है।
इसका निर्माण महाराजा विनय सिंह ने 1815 ईस्वी में अपनी रानी मूसी की स्मृति में करवाया था।