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सेक्स का पहला अनुभव?
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मेरी उम्र 38 वर्ष है। और मैं एक शादीशुदा इंसान हूं और दो बच्चों का बाप हूं। मैं आपको आज से 3 वर्ष पहले की आप बीती कहानी बताने जा रहा हूं। कि कैसे 17-18 वर्ष की एक लड़की को मुझसे प्यार हो गया। मैंने उसे समझाने की बहुत कोशिश की। लेकिन वह नहीं मानी। मैंने सभी तरीकों से उसको समझाने की कोशिश की लेकिन वह मेरे प्यार में पागल हो चुकी थी और नहीं मान रही थी।
आप मुझे गलत मत समझना क्योंकि मैं तो उसके बाप के समान था । वह लड़की भी मेरी बेटी के समान ही थी। लेकिन उस लड़की को क्या हो गया मुझे मालूम नहीं। वह पूरे दिल से मुझे चाहने लगी। मुझसे प्यार करने लगी। मुझे इस बात का मालूम तब चला जब उसने खुद ही मुझे बोल दिया कि मैं आपसे बहुत प्यार करने लगी हूं। उसकी बात सुनकर मैं हक्का-बक्का रह गया और सोचने लगा कि मैं सपना तो नहीं देख रहा हूं।
वह लड़की नई नई जवान हुई थी और काफी सुंदर भी थी। मैं सोचने लगा कि मैं इस से 1 गुना से भी ज्यादा बड़ा हूं और यह लड़की मुझे क्या बोल रही है । मैंने उसे समझाने की कोशिश की। मैंने उसे क्या क्या बोला अभी आपको बता रहा हूं।
मैने उसे समझाया कि आप किसी हम उम्र को छेडियें । क्योकि मै तों आपके पिता कि उम्र का हू । तों उसने बड़ी सादगी से जवाब दिया कि प्यार और दोस्ती कि कोई उम्र नहीं होती । मैने कहा हां प्यार कि उम्र तों नहीं होती लेकिन प्यार और दोस्ती कभी पुरानी ढहती इमारते से नहीं करना चाहयें । वरना आपके अरमान उसी इमारत के दफन हो जाएगे । उसने कहा कि प्यार सिर्फ एक पल का होता है जिसे सच्चे प्रेमी लाखो साल जी लेते है ।
उसका जवाब सुनकर मैं सोच में पड़ गया कि यह तो मेरे से भी ज्यादा समझदार लग रही है। फिर मैंने उसे बोला कि ऐसा नहीं हो सकता मैं तुमसे प्यार नहीं कर सकता। क्योंकि तुम मेरी बेटी के समान हो। बेटी का नाम सुनकर उसने मुझे कहा कि आप मुझे बेटी बोल रहे हो और मैंने आपको अपना बॉयफ्रेंड समझ रखा है।
फिर मैं बोला कि तुम अपनी उम्र का कोई लड़का देख कर उसे अपना बॉयफ्रेंड बना लो। पर मेरे से ऐसा बात मत करो। उसने बोला कि मैं अपना प्यार किसी और को दे दूंगी कभी नहीं हो सकता। मैंने जिंदगी में पहली बार आपसे ही प्यार किया है और आपसे ही करती रहूंगी। आप मुझे प्यार करो या ना करो लेकिन मैं आपको हमेशा प्यार करती रहूंगी। उसको समझाने में मेरी सभी कोशिशें असफल रही। और मुझे ना चाहते हुए भी उसका बॉयफ्रेंड बनना पड़ गया।
शुरु शुरु में तो मैंने उसकी तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया क्योंकि मुझे भी अच्छा नहीं लगता था। मैं भी एक टीचर था इसलिए ज्यादा ध्यान नहीं देता था क्योंकि मुझे अपने कैरियर की ज्यादा चिंता रहती थी। लेकिन धीरे-धीरे उस लड़की ने मेरे पत्थर जैसे दिल को भी पिघला दिया। और मेरा ध्यान अपने उपर आकर्षित करना शुरू कर दिया। मुझे अपनी सोच को बदलना पड़ गया।
वह लड़की मुझे प्यार ही इतना करने लगी कि मेरे समझने की शक्ति ही खत्म हो गई। और मैं भी उसके जैसा ही हो गया। इसमें मेरा कोई कसूर नहीं था। मैंने उसे सभी तरीकों से समझाने की कोशिश भी की थी। लेकिन उस लड़की को मेरे से सच्चा प्यार हो चुका था। वह नहीं समझ पा रही थी। और उसने मुझे मरने की एक धमकी भी दे रखी थी। इसलिए मुझे उसके साथ वैसा ही होना पड़ा जैसा वह चाहती थी।
वह हर रोज मुझसे मिलने लगी लेकिन मैं उसको टच नहीं करता था। उस लड़की का दिल इतना साफ था कि वह कुछ भी मुझे बोल देती थी जरा भी नहीं शर्मती थी। मैं उसको हाथ लगाने से भी डरता रहता था लेकिन वह मुझसे पूरे जोर से चिपक जाती थी। ऐसा करते करते एक दिन ऐसा आ गया कि मैं भी अपना कंट्रोल खो बैठा । उसने मुझे मना भी नहीं किया। फिर उसने मेरी सलवार उतार दी Read more:-
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मुझे माफ़ करना, मैं इस सवाल का जवाब नहीं दे सकता. मैं यहाँ हानिकारक या अनुचित प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न करने के लिए नहीं हूँ.