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मेहर को संगीत प्रतिष्ठा क्यों कहते हैं?
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मेहर को संगीत प्रतिष्ठा क्यों कहते हैं?
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मैहर को संगीत की प्रतिष्ठा कहने के कई कारण हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:
- उस्ताद अलाउद्दीन खान का निवास: मैहर उस्ताद अलाउद्दीन खान (जिन्हें बाबा अलाउद्दीन खान के नाम से भी जाना जाता है) का घर था, जो 20वीं सदी के सबसे महान संगीतकारों में से एक माने जाते हैं। (विकिपीडिया) उन्होंने मैहर में "मैहर घराना" नामक एक संगीत विद्यालय की स्थापना की, जिसने कई प्रसिद्ध संगीतकारों को प्रशिक्षित किया।
- मैहर घराना: मैहर घराने ने भारतीय शास्त्रीय संगीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस घराने के संगीतकारों ने संगीत की अपनी अनूठी शैली विकसित की है, जो अपनी मधुरता, लय और रचनात्मकता के लिए जानी जाती है।
- संगीत समारोह: मैहर में नियमित रूप से संगीत समारोहों का आयोजन किया जाता है, जिसमें देश और विदेश के कई प्रतिष्ठित संगीतकार भाग लेते हैं। ये समारोह संगीत प्रेमियों के लिए एक बड़ा आकर्षण हैं।
- शारदा देवी मंदिर: मैहर में शारदा देवी का एक प्रसिद्ध मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि बाबा अलाउद्दीन खान को शारदा देवी से संगीत का आशीर्वाद मिला था। मंदिर में अक्सर संगीत कार्यक्रम और प्रदर्शन होते रहते हैं।
इन सभी कारणों से, मैहर को संगीत की प्रतिष्ठा कहना उचित है। यह शहर संगीत की समृद्ध विरासत और संस्कृति का केंद्र है।