
पंछी
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ऊपर चढ़ते सूरज को देखकर बंधन का पंछी निम्नलिखित बातें सोचने लगा होगा:
- स्वतंत्रता की आकांक्षा: वह सोच रहा होगा कि क्या वह कभी इस बंधन से मुक्त हो पाएगा और खुले आकाश में उड़ पाएगा।
- आशा की किरण: सूरज की बढ़ती रोशनी उसे नई उम्मीद दे रही होगी कि शायद उसका भविष्य बेहतर होगा।
- स्मृति: उसे अपने पुराने दिनों की याद आ रही होगी, जब वह आज़ाद था और अपनी मर्ज़ी से उड़ सकता था।
- दुख और निराशा: कैद में होने की वजह से वह दुखी और निराश भी हो सकता है, और सोच रहा होगा कि उसका जीवन कब बदलेगा।
- प्रकृति के प्रति प्रेम: सूरज, आकाश और प्रकृति को देखकर उसके मन में उनके प्रति प्रेम और बढ़ रहा होगा, और वह उन्हें और करीब से महसूस करना चाहता होगा।
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इस संसार में या इस दुनिया में हर हर प्राणी स्वतंत्र रहना चाहता है । चाहे वह मनुष्य या कोई पशु या पक्षी ही क्यों ना हो सबको स्वतंत्रता या खुले में रहना पसंद है ।हर कोई अपना जीवन अपनी मर्जी और अपने तरीके से जीना चहेता है चाहे उसे कोई और कितनी भी सुविधाएं क्यों ना मिले हर व्यक्ति को और हर प्राणी को प्रकृति के खुले वातावरण में रहना पसंद करता है । खुले वातावरण और सुंदर प्रकृति के सुंदर वातावरण में जीने का अलग ही मज़ा है । जिस तरह से वह जिस तरह का वातावरण एक पक्षी को पसंद होता है वो वातावरण के प्रकृति ही दे सकती है

हम नहीं वो जिस तरह से जीना चहेता है खुले आसमान में उड़ने का मजा और सुंदर प्रकृति का मजा वह एक पिजरे में रहकर उतना नहीं मिल पाता है जितना खुले वातावरण या प्रकृति में है उसे क्या पसंद है।और क्या नहीं ये हम नहीं जानते है और वो अपनी मर्जी से अपने मनपसंद चीजे पीजरे में रहकर नहीं प्राप्त कर सकता है जो प्रकृति दे सकती है वो हम नहीं दे सकते है । जैसा वातावरण प्रकृति का है वो वातावरण एक इंसान बना ही नहीं सकता है । स्वतन्त्रता हर एक जीव को प्यारी है । और वो एक पक्षी है जो पक्षियों में ही रहना पसंद करेगा इंसान के साथ नहीं ।

हम नहीं वो जिस तरह से जीना चहेता है खुले आसमान में उड़ने का मजा और सुंदर प्रकृति का मजा वह एक पिजरे में रहकर उतना नहीं मिल पाता है जितना खुले वातावरण या प्रकृति में है उसे क्या पसंद है।और क्या नहीं ये हम नहीं जानते है और वो अपनी मर्जी से अपने मनपसंद चीजे पीजरे में रहकर नहीं प्राप्त कर सकता है जो प्रकृति दे सकती है वो हम नहीं दे सकते है । जैसा वातावरण प्रकृति का है वो वातावरण एक इंसान बना ही नहीं सकता है । स्वतन्त्रता हर एक जीव को प्यारी है । और वो एक पक्षी है जो पक्षियों में ही रहना पसंद करेगा इंसान के साथ नहीं ।
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हमारा राष्ट्रीय पशु बाघ है
बाघ जंगल में रहने वाला मांसाहारी स्तनपायी पशु है। यह अपनी प्रजाति में सबसे बड़ा और ताकतवर पशु है। यह तिब्बत, श्रीलंका और अंडमान निकोबार द्वीप-समूह को छोड़कर एशिया के अन्य सभी भागों में पाया जाता है। यह भारत, नेपाल, भूटान, कोरिया, अफगानिस्तान और इंडोनेशिया में अधिक संख्या में पाया जाता है
बाघ जंगल में रहने वाला मांसाहारी स्तनपायी पशु है। यह अपनी प्रजाति में सबसे बड़ा और ताकतवर पशु है। यह तिब्बत, श्रीलंका और अंडमान निकोबार द्वीप-समूह को छोड़कर एशिया के अन्य सभी भागों में पाया जाता है। यह भारत, नेपाल, भूटान, कोरिया, अफगानिस्तान और इंडोनेशिया में अधिक संख्या में पाया जाता है
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1:-कास्सोवारी पापुआ
यह न्यू गिनी और इंडोनेशिया में पाया जाता है , ये पक्षी बहोत बड़ा होता है लेकिन ओस्त्रीच से साइज़ में थोरा छोटा होता है । ये वैसे तो फल खाता है लेकिन ये सर्वाहरी होता है । कास्सोवारी बहोत ही शर्मीला पक्षी है लेकिन अगर कोई इसे गुस्सा दिला दे तो यह जख्म भी दे सकता है
2:-टकाहे
ये पक्षी न्यू ज़ीलैण्ड में पाया जाता था , इस पक्षी को लुप्त समझा जा रहा था लेकिन डॉक्टर गेओफ्रय ओर्बिल्ल ने १९४८ में इन्हें दुबारा खोज लिया ये फ़िओलन्द नेशनल पार्क के पास ग्रास लैंड्स में पाया गया , अभी इनकी कुल आबादी 347 है अक्टूबर २०१७ तक . इनके चोच बहोत बड़े और मजबूत होते हैं इनके पंख होते हैं लेकिन ये उड़ नही सकते । आमतोर पर पंखो का इस्तेमाल येअभिवादन करने और गुस्सा दिखाने में करते हैं ।
3:-काकापो
इसे उल्लू तोता भी कहते है । काकापो भी लुप्त होने के कगार पर है अभी इनकी कुल आबादी बस 154 है । ये दुनिया का एकमात्र बिना उड़ने वाला तोता है ये साइज़ में काफी बड़ा होता है । ये पक्षी भी न्यू ज़ीलैण्ड में पाया जाता है ।
4:-कीवी
कीवी भी न्यूज़ीलैण्ड का पक्षी है , कीवी का आकार मुर्गे जैसा होता है । अभी कीवी की संख्या काफी है । लेकिन ये भी लुप्त हो सकते है इनके कुछ जाती लुप्त होने के कगार पर है जिसका असली वजह जंगलो की कटाई है । कीवी पक्षी भी शर्मीले होते है । और ये रात को जादा एक्टिव होते है . इनके चोच काफी लम्बे होते है । कीवी फल और छोटी मछलियाँ खाते हैं । इनका सूंघने का छमता काफी अच्छा है । इनका नाक चोच के सबसे अगले हिस्से पर होता है ।
5:-शुतुरमुर्ग
शुतुरमुर्ग जिन्हें अंग्रेजी में ओस्त्रीच भी कहते है । बहोत ही बड़े आकर के पक्षी होते है । इनका गर्दन और पैर काफी लम्बा होता है । ये 70 km / h की गति से दौड़ सकते हैं । ये दुनिया के सबसे तेज दौड़ने वाले पक्षी हैं । ये अक्शर पौधे खाते है लेकिन कभी कभी किट पतंग भी खा लेते हैं ।
6:-वेका ( weka ) |
वेका भी मुर्गे के आकर के होते हैं और ये भी न्यू ज़ीलैण्ड में पाए जाते हैं ये भूरे रंग के पक्षी होते हैं । जो किट पतंग से लेकर फल भी खाते हैं ये सर्वाहरी होते हैं । ये अगस्त और जनुअरी के महीने में अंडे देते हैं । दोनों नर मादा मिल कर अंडे सेते हैं ।
7:-स्तीमेर बत्तख ( Steamer Duck )
ये पक्षी उड़ने में सक्षम है लेकिन कभी उड़ता नही । स्टीमर बत्तख चिले और अर्जेंटीना देश में पाए जाते हैं ये कभी कभी अपने क्षेत्र की रखवाली के लिए खनी लड़ाई भी लड़ने में संकोच नहीं करते ।
8:-पेंगुइन ( Penguin )
पेंगुइन साउथर्न हेमिश्फेयर , जिसमे अन्टार्टिका आता है , में पाए जाते हैं । ये पानी में घुश कर शिकार करते हैं । इनकी लम्बाई 1 मीटर और वजन 35 किलो तक हो सकता है ।
( और जानकारी के लिए हमसे संपर्क करें)
यह न्यू गिनी और इंडोनेशिया में पाया जाता है , ये पक्षी बहोत बड़ा होता है लेकिन ओस्त्रीच से साइज़ में थोरा छोटा होता है । ये वैसे तो फल खाता है लेकिन ये सर्वाहरी होता है । कास्सोवारी बहोत ही शर्मीला पक्षी है लेकिन अगर कोई इसे गुस्सा दिला दे तो यह जख्म भी दे सकता है
2:-टकाहे
ये पक्षी न्यू ज़ीलैण्ड में पाया जाता था , इस पक्षी को लुप्त समझा जा रहा था लेकिन डॉक्टर गेओफ्रय ओर्बिल्ल ने १९४८ में इन्हें दुबारा खोज लिया ये फ़िओलन्द नेशनल पार्क के पास ग्रास लैंड्स में पाया गया , अभी इनकी कुल आबादी 347 है अक्टूबर २०१७ तक . इनके चोच बहोत बड़े और मजबूत होते हैं इनके पंख होते हैं लेकिन ये उड़ नही सकते । आमतोर पर पंखो का इस्तेमाल येअभिवादन करने और गुस्सा दिखाने में करते हैं ।
3:-काकापो
इसे उल्लू तोता भी कहते है । काकापो भी लुप्त होने के कगार पर है अभी इनकी कुल आबादी बस 154 है । ये दुनिया का एकमात्र बिना उड़ने वाला तोता है ये साइज़ में काफी बड़ा होता है । ये पक्षी भी न्यू ज़ीलैण्ड में पाया जाता है ।
4:-कीवी
कीवी भी न्यूज़ीलैण्ड का पक्षी है , कीवी का आकार मुर्गे जैसा होता है । अभी कीवी की संख्या काफी है । लेकिन ये भी लुप्त हो सकते है इनके कुछ जाती लुप्त होने के कगार पर है जिसका असली वजह जंगलो की कटाई है । कीवी पक्षी भी शर्मीले होते है । और ये रात को जादा एक्टिव होते है . इनके चोच काफी लम्बे होते है । कीवी फल और छोटी मछलियाँ खाते हैं । इनका सूंघने का छमता काफी अच्छा है । इनका नाक चोच के सबसे अगले हिस्से पर होता है ।
5:-शुतुरमुर्ग
शुतुरमुर्ग जिन्हें अंग्रेजी में ओस्त्रीच भी कहते है । बहोत ही बड़े आकर के पक्षी होते है । इनका गर्दन और पैर काफी लम्बा होता है । ये 70 km / h की गति से दौड़ सकते हैं । ये दुनिया के सबसे तेज दौड़ने वाले पक्षी हैं । ये अक्शर पौधे खाते है लेकिन कभी कभी किट पतंग भी खा लेते हैं ।
6:-वेका ( weka ) |
वेका भी मुर्गे के आकर के होते हैं और ये भी न्यू ज़ीलैण्ड में पाए जाते हैं ये भूरे रंग के पक्षी होते हैं । जो किट पतंग से लेकर फल भी खाते हैं ये सर्वाहरी होते हैं । ये अगस्त और जनुअरी के महीने में अंडे देते हैं । दोनों नर मादा मिल कर अंडे सेते हैं ।
7:-स्तीमेर बत्तख ( Steamer Duck )
ये पक्षी उड़ने में सक्षम है लेकिन कभी उड़ता नही । स्टीमर बत्तख चिले और अर्जेंटीना देश में पाए जाते हैं ये कभी कभी अपने क्षेत्र की रखवाली के लिए खनी लड़ाई भी लड़ने में संकोच नहीं करते ।
8:-पेंगुइन ( Penguin )
पेंगुइन साउथर्न हेमिश्फेयर , जिसमे अन्टार्टिका आता है , में पाए जाते हैं । ये पानी में घुश कर शिकार करते हैं । इनकी लम्बाई 1 मीटर और वजन 35 किलो तक हो सकता है ।
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पेंग्विन है जो 40 कि.मी. तक तैर सकता है। यह शीत प्रदेश फ़ॉकलैंड द्वीप पर पाया जाता है।
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भारत का राष्ट्रीय पक्षी - मोर
सन् 1963 में मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया था क्योंकि यह पूरी तरह से भारतीय संस्कृति और परंपरा का हिस्सा था। मोर शिष्टता और सुंदरता का प्रतीक है। मोर को राष्ट्रीय पक्षी चुने जाने का एक कारण इसका पूरे देश में पाया जाना भी है। हर आम व्यक्ति इस पक्षी से परिचित है। इसके अलावा मोर किसी और देश का राष्ट्रीय पक्षी नहीं है। इन्हीं सब कारणों के चलते मोर को राष्ट्रीय पक्षी बनाया गया।

सन् 1963 में मोर को राष्ट्रीय पक्षी घोषित किया गया था क्योंकि यह पूरी तरह से भारतीय संस्कृति और परंपरा का हिस्सा था। मोर शिष्टता और सुंदरता का प्रतीक है। मोर को राष्ट्रीय पक्षी चुने जाने का एक कारण इसका पूरे देश में पाया जाना भी है। हर आम व्यक्ति इस पक्षी से परिचित है। इसके अलावा मोर किसी और देश का राष्ट्रीय पक्षी नहीं है। इन्हीं सब कारणों के चलते मोर को राष्ट्रीय पक्षी बनाया गया।
