
कालनिर्णय
विश्व में आधुनिक काल में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रादुर्भाव एवं प्रसार
आधुनिक काल में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रादुर्भाव और प्रसार एक महत्वपूर्ण घटना थी, जिसने दुनिया को गहराई से बदल दिया। इसके कुछ मुख्य पहलू इस प्रकार हैं:
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वैज्ञानिक क्रांति (16वीं-18वीं शताब्दी):
वैज्ञानिक क्रांति ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण की नींव रखी।
निकोलस कोपरनिकस, गैलीलियो गैलीली, और आइजैक न्यूटन जैसे वैज्ञानिकों ने स्थापित मान्यताओं को चुनौती दी।
कोपरनिकस ने सूर्य-केंद्रित ब्रह्मांड का सिद्धांत दिया, जिससे पृथ्वी को ब्रह्मांड के केंद्र से हटा दिया गया।
गैलीलियो ने दूरबीन का उपयोग करके खगोलीय अवलोकन किए और न्यूटन ने गति और गुरुत्वाकर्षण के नियमों को प्रतिपादित किया।
तर्क और अनुभवजन्य साक्ष्य पर जोर दिया गया।
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ज्ञानोदय (18वीं शताब्दी):
ज्ञानोदय ने तर्क, बुद्धि और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के महत्व को बढ़ावा दिया।
जॉन लॉक, जीन-जैक्स रूसो, और इमैनुअल कांट जैसे दार्शनिकों ने वैज्ञानिक सोच को सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्रों में लागू करने का प्रयास किया।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण को शिक्षा, सरकार और सामाजिक सुधार के लिए महत्वपूर्ण माना गया।
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औद्योगिक क्रांति (18वीं-19वीं शताब्दी):
औद्योगिक क्रांति ने वैज्ञानिक खोजों और तकनीकी नवाचारों को उत्पादन और उद्योग में लागू किया।
जेम्स वाट के भाप इंजन, बिजली का आविष्कार, और नए धातुकर्म तकनीकों ने उत्पादन क्षमता को बढ़ाया और नए उद्योगों को जन्म दिया।
वैज्ञानिक ज्ञान और तकनीकी प्रगति के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित हुआ।
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विज्ञान का प्रसार और शिक्षा:
वैज्ञानिक समाजों, अकादमियों, और विश्वविद्यालयों ने वैज्ञानिक अनुसंधान और शिक्षा को बढ़ावा दिया।
वैज्ञानिक पत्रिकाओं और पुस्तकों के माध्यम से ज्ञान का प्रसार हुआ, जिससे वैज्ञानिक समुदाय का विकास हुआ।
विज्ञान शिक्षा को स्कूली और उच्च शिक्षा में शामिल किया गया, जिससे नई पीढ़ी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से परिचित हुई।
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डार्विन का विकासवाद सिद्धांत:
चार्ल्स डार्विन के विकासवाद सिद्धांत ने जीव विज्ञान में क्रांति ला दी।
डार्विन ने प्राकृतिक चयन के माध्यम से प्रजातियों के विकास की व्याख्या की, जिससे धार्मिक और पारंपरिक विचारों को चुनौती मिली।
विकासवाद के सिद्धांत ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण को और मजबूत किया और जीवन के बारे में हमारी समझ को बदल दिया।
इन सभी कारकों ने मिलकर आधुनिक काल में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया और इसे दुनिया भर में फैलाया।
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भक्ति काल की विशेषताएँ:
- ईश्वर के प्रति प्रेम और समर्पण: भक्ति काल में ईश्वर के प्रति गहरा प्रेम और पूर्ण समर्पण का भाव प्रमुख था। भक्त अपने आराध्य देव के प्रति अनन्य भक्ति रखते थे।
- निर्गुण और सगुण भक्ति: इस काल में भक्ति दो धाराओं में विभाजित थी - निर्गुण भक्ति और सगुण भक्ति। निर्गुण भक्त निराकार ईश्वर की उपासना करते थे, जबकि सगुण भक्त साकार रूप में ईश्वर की पूजा करते थे।
- जाति-पाति का विरोध: भक्ति काल के संतों ने जाति-पाति और सामाजिक भेदभाव का विरोध किया। उन्होंने सभी मनुष्यों को समान माना और भक्ति के मार्ग को सभी के लिए सुलभ बताया।
- लोकभाषा का प्रयोग: इस काल के कवियों और संतों ने अपनी रचनाओं के लिए लोकभाषाओं का प्रयोग किया, जिससे उनकी बातें आम लोगों तक आसानी से पहुँच सकीं।
- गुरु का महत्व: भक्ति काल में गुरु को विशेष महत्व दिया गया। गुरु को ईश्वर तक पहुँचने का मार्गदर्शक माना गया।
- अहिंसा और नैतिकता पर बल: भक्ति काल के संतों ने अहिंसा, सत्य, प्रेम और नैतिकता के मूल्यों पर बल दिया। उन्होंने सादा जीवन जीने और दूसरों की सेवा करने का संदेश दिया।
भक्ति काल भारतीय साहित्य और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण युग था, जिसने समाज में प्रेम, सद्भाव और समानता के मूल्यों को बढ़ावा दिया।
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हिंदी के पद्य साहित्य का दूसरा काल भक्तिकाल है।
यह काल लगभग 1375 वि. सं. से 1700 वि. सं. तक माना जाता है।
भक्तिकाल को हिंदी साहित्य का स्वर्ण युग भी कहा जाता है, क्योंकि इस काल में भक्ति रस से परिपूर्ण रचनाएँ लिखी गईं।
इस काल के प्रमुख कवि हैं:
- कबीरदास
- तुलसीदास
- सूरदास
- मीराबाई
आधुनिक काल की सबसे लोकप्रिय विधा कहानी है।
कहानी एक ऐसी विधा है जो हर वर्ग के पाठकों को पसंद आती है। यह मनोरंजक होने के साथ-साथ जीवन के विभिन्न पहलुओं को भी उजागर करती है।
इसके अतिरिक्त, कहानी विधा में विविधता भी बहुत है।
- सामाजिक कहानियां
- मनोवैज्ञानिक कहानियां
- ऐतिहासिक कहानियां
- वैज्ञानिक कहानियां
आदि विभिन्न प्रकार की कहानियां लिखी जा रही हैं।
इसलिए, यह कहना गलत नहीं होगा कि आधुनिक काल में कहानी विधा सबसे अधिक लोकप्रिय है।
काल शैली का विकास बंगाल प्रांत में हुआ।
काल शैली, जिसे कभी-कभी पटुआ कला भी कहा जाता है, बंगाल की एक पारंपरिक चित्रकला शैली है जो कहानियों को चित्रित करने के लिए जीवंत रंगों और सरल आकृतियों का उपयोग करती है।
अधिक जानकारी के लिए आप निम्न वेबसाइट देख सकते हैं: