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राजकारणी

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राष्ट्रीयता एक व्यक्ति और एक राष्ट्र के बीच का संबंध है। यह एक पहचान की भावना है जो एक व्यक्ति को अपने राष्ट्र के साथ जोड़ती है। राष्ट्रीयता को कई कारकों से परिभाषित किया जा सकता है, जैसे कि:

  • संस्कृति: एक राष्ट्र के लोग आमतौर पर एक समान संस्कृति साझा करते हैं, जिसमें भाषा, रीति-रिवाज और परंपराएं शामिल हैं।
  • इतिहास: एक राष्ट्र के लोग आमतौर पर एक साझा इतिहास साझा करते हैं, जो उनकी पहचान को आकार देने में मदद करता है।
  • भूगोल: एक राष्ट्र के लोग आमतौर पर एक ही भौगोलिक क्षेत्र में रहते हैं, जो उन्हें एक साथ बांधने में मदद करता है।
  • राजनीति: एक राष्ट्र के लोग आमतौर पर एक ही राजनीतिक व्यवस्था के अधीन होते हैं, जो उन्हें एक साथ बांधने में मदद करता है।

राष्ट्रीयता एक जटिल और बहुआयामी अवधारणा है। यह एक व्यक्ति की पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है, और यह लोगों को एक साथ लाने और उन्हें एक सामान्य उद्देश्य के लिए प्रेरित करने में मदद कर सकता है। हालांकि, राष्ट्रीयता का उपयोग लोगों को विभाजित करने और संघर्ष पैदा करने के लिए भी किया जा सकता है।

अधिक जानकारी के लिए, आप निम्न वेबसाइट देख सकते हैं:

उत्तर लिखा · 13/3/2025
कर्म · 320
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ज़रूर, यहां आपके सवालों के जवाब HTML में दिए गए हैं:

खुला रक्त परिवहन तंत्र:

खुला रक्त परिवहन तंत्र अधिकांश आर्थ्रोपोड्स (कीड़े, मकड़ियों, क्रस्टेशियन) और मोलस्क (घोंघे, क्लैम, स्क्विड) में पाया जाता है।
इस प्रणाली में, रक्त वाहिकाओं में बंद नहीं होता है, बल्कि सीधे शरीर के ऊतकों और अंगों के आसपास के स्थानों में बहता है। इस खुले स्थान को हेमोकोल कहा जाता है, और रक्त को हेमोलिम्फ कहा जाता है।

अधिक जानकारी के लिए आप इन साइटों पर जा सकते हैं:

अंडा देने वाले प्राणी:

अंडा देने वाले प्राणियों को अंडज कहा जाता है। पक्षी, सरीसृप, उभयचर, मछली और कीड़े अंडे देते हैं। कुछ स्तनधारी भी अंडे देते हैं, जैसे कि प्लैटिपस और इकिडना।

अधिक जानकारी के लिए आप इन साइटों पर जा सकते हैं:

उत्तर लिखा · 13/3/2025
कर्म · 320
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राज्य भाषा
  1. राज्य के सीमित क्षेत्र में बोली जाती है
  2. यह राज्य की कार्यकारी भाषा होती है
  3. राज्य भाषा को व्यवहारिक रूप में प्रयोग नहीं किया जाता है
राष्ट्रभाषा
  1. पूरे देश में बोली जाती है
  2. इसका क्षेत्र विस्तृत होता है
  3. यह भाषा व्यवहारिक रूप से प्रयोग में लाई जाती है
उत्तर लिखा · 4/12/2021
कर्म · 7690
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📣 *Voter list में आपका नाम है या नहीं? मोबाइल पर करें चेक* 

📝 चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है. अपने पसंदीदा उम्मीदवार को जिताने के लिए आप भी चुनाव में मतदान करेंगे. वोट डालना हमारा कानूनी अधिकार है. 

🔍 लेकिन क्या आपको पता है कि चुनाव में मतदान से पहले वोटर लिस्ट तैयार होती है, जिसमें आपका नाम होने पर ही आप वोट डाल सकते हैं. कई बार ऐसा भी होता है कि पिछले चुनाव के दौरान वोटर लिस्ट में आपका नाम होता है, लेकिन अगले चुनाव की वोटर लिस्ट में कट जाता है. 

❓ *मोबाइल से कैसे करें Voter List में नाम चेक* 
वोटर लिस्ट में अपना नाम पता करने के लिए चुनाव आयोग ने मतदाताओं के लिए वोटर हेल्पलाइन नंबर 1950 जारी किया है. इस नंबर पर एक SMS करके यह जानकारी मिल जाएगी कि आपका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं. इसके लिए टोल फ्री नंबर और एसएमएस की सुविधा चुनाव आयोग द्वारा शुरू की गई है. 

👉 *ऑनलाइन Voter List में अपना नाम ऐसे करें चेक* 
-सबसे पहले https://electoralsearch.in/ वेबसाइट पर जाएं. 

-यहां आपको 2 टैब मिलेंगी, जिसमें एक टैब में आप अपनी वोटर आईडी की डिटेल्स सिर्फ नाम तथा कुछ जरूरी जानकारियां डालकर सर्च कर पाएंगे, वहीं दूसरी टैब में आपको अपने वोटर आईडी कार्ड का EPIC No. यानी मतदाता पहचान पत्र क्रमांक डालना होगा. 

-अगर आपने अपने वोटर आईडी कार्ड में कुछ अपडेट कराया है तो दूसरी टैब (EPIC No.) का इस्तेमाल करें और अगर आपके पास EPIC No. नहीं है तो 'विवरण द्वारा खोज' पर क्लिक करें. 

-यहां पर आपको नाम, जेंडर,  पता, अपने विधानसभा क्षेत्र की जानकारियां देनी होंगी. 

-डिटेल्स दर्ज करने के बाद ' खोजें/ Search' पर क्लिक करें। अब 'View Details' पर क्लिक करें. 

-आपकी सारी डिटेल्स नई टैब में खुलकर आपके सामने आ जाएंगी. 

-यदि अपनी डिटेल्स डालने के बाद आपकी मतदाता सूचनाएं नहीं दिखती हैं तो आप निर्वाचन आयोग के टोल फ्री नंबर 1800111950 पर बात कर सकते हैं. 

👍🏻 *_शेयर करें –_* 
लेट्सअप
उत्तर लिखा · 13/3/2019
कर्म · 42125
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नई दिल्ली। प्रवासी भारतीयों को प्रॉक्सी वोटिंग का अधिकार देने पर शुरुआत में ही सवाल उठने शुरू हो गए हैं। विदेश मामले से जुड़ी संसदीय समिति के समक्ष सरकार के अधिकारियों ने पूरा ब्योरा पेश किया तो इसके अध्यक्ष व कांग्रेस के सांसद शशि थरूर ने कड़ी आपत्ति जताई। विदेश मंत्रालय में (आर्थिक संबंधों) सचिव विजय केशव गोखले ने समिति को इस प्रस्ताव की पूरी जानकारी दी। थरूर समेत सभी सदस्यों ने ध्यान से उनकी प्रस्तुति सुनी, लेकिन तत्काल दी गई अपनी प्रतिक्रिया में इसे सिरे से खारिज कर दिया।
थरूर का कहना था कि इससे चुनाव में धांधली को बढ़ावा मिलेगा। मोदी कैबिनेट ने अगस्त 2017 में प्रस्ताव पास करके प्रवासी भारतीयों को प्रॉक्सी वोटिंग का अधिकार देने का फैसला किया था। हालांकि चुनाव आयोग की विशेष टीम ने इसका मसौदा तैयार करके 2015 में ही कानून मंत्रालय के पास भेज दिया था। संसदीय समिति को पूरे मामले से मंगलवार को अवगत कराया गया।
अगर यह प्रस्ताव कानून बन जाता है तो विदेश में रह रहे भारतीयों को वोटिंग का प्रॉक्सी अधिकार मिल जाएगा। अभी तक यह केवल सैन्य बलों के जवानों को ही मिलता है। समिति ने सरकार को सुझाव दिया कि प्रवासियों के मामले में चुनाव आयोग को ऑन लाइन वोटिंग के लिए एक तंत्र स्थापित करना होगा। विदेशों में मौजूद प्रक्रिया से सबक लिया जा सकता है। इसके तहत सारे विश्व में फैले दूतावासों में मतदान केंद्र बनाकर प्रवासियों को वोटिंग की सुविधा दी जाती है। इसमें धांधली की आशंका न के बराबर रह जाती है। अभी तक प्रवासियों को अपने चुनाव क्षेत्र में मतदान का अधिकार मिल रहा है।
उत्तर लिखा · 12/12/2018
कर्म · 440
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अभी 27 राजपूत विधायक है। सबके सब असंतुष्ट हैं। 40-50 सीटों पर राजपूतों का प्रभाव है। प्रभावशाली जाट समाज के नेता चौथमल कहते हैं- जाट पहले कांग्रेस के साथ थे। पिछले चुनाव से वे भाजपा से जुड़े हैं।

गुर्जर और मीणा का प्रभाव 
गुर्जर और मीणा...। गुर्जर पिछले चुनाव तक भाजपा के साथ थे। गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला खुद भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, पर आरक्षण की लड़ाई में वे भाजपा से दूर होते चले गए। ऐसा भी नहीं है कि वसुंधरा सरकार ने गुर्जरों के लिए कुछ नहीं किया, पर गुर्जर तो यही मानते हैं कि भाजपा के राज में उनका भला होने वाला नहीं है।

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https://www.aajtaklite.com/story/1038312
उत्तर लिखा · 12/11/2018
कर्म · 68420
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बन्दा बहादुर (जन्म- 16 अक्टूबर, 1670, राजौरी; मृत्यु- 16 जून, 1716, दिल्ली) प्रसिद्ध सिक्ख सैनिक और राजनीतिक नेता थे।
वे भारत के मुग़ल शासकों के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ने वाले पहले सिक्ख सैन्य प्रमुख थे, जिन्होंने सिक्खों के राज्य का अस्थायी विस्तार भी किया। उन्होंने मुग़लों के अजेय होने के भ्रम को तोड़ा, छोटे साहबज़ादों की शहादत का बदला लिया और गुरु गोबिन्द सिंह द्वारा संकल्पित प्रभुसत्तासम्पन्न लोक राज्य की राजधानी लोहगढ़ में ख़ालसा राज की नींव रखी।
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बंदा बहादुर जीवनी
उत्तर लिखा · 30/9/2018
कर्म · 68420