प्रॉक्सी वोटिंग के बारे में बताइए?
थरूर का कहना था कि इससे चुनाव में धांधली को बढ़ावा मिलेगा। मोदी कैबिनेट ने अगस्त 2017 में प्रस्ताव पास करके प्रवासी भारतीयों को प्रॉक्सी वोटिंग का अधिकार देने का फैसला किया था। हालांकि चुनाव आयोग की विशेष टीम ने इसका मसौदा तैयार करके 2015 में ही कानून मंत्रालय के पास भेज दिया था। संसदीय समिति को पूरे मामले से मंगलवार को अवगत कराया गया।
अगर यह प्रस्ताव कानून बन जाता है तो विदेश में रह रहे भारतीयों को वोटिंग का प्रॉक्सी अधिकार मिल जाएगा। अभी तक यह केवल सैन्य बलों के जवानों को ही मिलता है। समिति ने सरकार को सुझाव दिया कि प्रवासियों के मामले में चुनाव आयोग को ऑन लाइन वोटिंग के लिए एक तंत्र स्थापित करना होगा। विदेशों में मौजूद प्रक्रिया से सबक लिया जा सकता है। इसके तहत सारे विश्व में फैले दूतावासों में मतदान केंद्र बनाकर प्रवासियों को वोटिंग की सुविधा दी जाती है। इसमें धांधली की आशंका न के बराबर रह जाती है। अभी तक प्रवासियों को अपने चुनाव क्षेत्र में मतदान का अधिकार मिल रहा है।
प्रॉक्सी वोटिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें एक मतदाता किसी अन्य व्यक्ति को अपनी ओर से वोट डालने के लिए अधिकृत करता है। इस प्रक्रिया में, मतदाता (जो खुद वोट डालने में असमर्थ है) एक प्रॉक्सी फॉर्म भरकर किसी अन्य व्यक्ति को नामित करता है, जिसे वह अपना वोट डालने के लिए अधिकृत करता है। नामित व्यक्ति तब मतदाता की ओर से मतदान केंद्र पर जाकर वोट डालता है।
प्रॉक्सी वोटिंग विभिन्न कारणों से आवश्यक हो सकती है, जैसे कि मतदाता की शारीरिक अक्षमता, बीमारी, विदेश में निवास, या अन्य कारणों से मतदान केंद्र तक पहुँचने में असमर्थता।
प्रॉक्सी वोटिंग की प्रक्रिया:
- आवेदन: मतदाता को प्रॉक्सी वोटिंग के लिए आवेदन करना होता है, जिसमें उसे अपनी असमर्थता का कारण बताना होता है।
- प्रॉक्सी का नामांकन: मतदाता एक प्रॉक्सी (प्रतिनिधि) को नामांकित करता है, जो उसकी ओर से वोट डालेगा।
- सत्यापन: चुनाव अधिकारी आवेदन और प्रॉक्सी के विवरण का सत्यापन करते हैं।
- मतदान: यदि आवेदन स्वीकृत हो जाता है, तो प्रॉक्सी मतदाता की ओर से वोट डालता है।
विभिन्न देशों में प्रॉक्सी वोटिंग:
- भारत: भारत में, कुछ विशेष श्रेणियों के मतदाताओं के लिए प्रॉक्सी वोटिंग की अनुमति है, जैसे कि सशस्त्र बलों के सदस्य और विदेश में रहने वाले नागरिक।
- यूके: यूनाइटेड किंगडम में, कुछ शर्तों के तहत प्रॉक्सी वोटिंग की अनुमति है, जैसे कि शारीरिक अक्षमता या विदेश में निवास।
- यूएसए: संयुक्त राज्य अमेरिका में, प्रॉक्सी वोटिंग की अनुमति अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होती है। कुछ राज्यों में यह सीमित परिस्थितियों में ही उपलब्ध है।
प्रॉक्सी वोटिंग का उद्देश्य उन मतदाताओं को मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाना है जो व्यक्तिगत रूप से मतदान केंद्र तक नहीं पहुँच सकते। यह सुनिश्चित करता है कि उनकी आवाज भी सुनी जाए और वे लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग ले सकें।