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सुरक्षा

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मुझे ठीक से समझ नहीं आया। क्या आप कृपया स्पष्ट कर सकते हैं कि आप किस बारे में पूछ रहे हैं?

मैं आपकी लॉगिन सामग्री तक पहुँचने में आपकी सहायता नहीं कर सकता क्योंकि मैं आपकी व्यक्तिगत जानकारी तक नहीं पहुँच सकता. हालांकि, मैं आपको कुछ सामान्य जानकारी दे सकता हूँ जो आपके लिए उपयोगी हो सकती है:

  • पासवर्ड मैनेजर: यह एक सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन है जो आपके पासवर्ड को सुरक्षित रूप से स्टोर करता है और उन्हें प्रबंधित करने में आपकी मदद करता है। अवास्ट पासवर्ड मैनेजर
  • दो-कारक प्रमाणीकरण (2FA): यह एक सुरक्षा उपाय है जो आपके खाते में प्रवेश करने के लिए आपको दो अलग-अलग प्रकार के प्रमाणीकरण प्रदान करने के लिए कहता है। माइक्रोसॉफ्ट दो-कारक प्रमाणीकरण
  • बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण: यह आपकी पहचान को सत्यापित करने के लिए आपके फिंगरप्रिंट, चेहरे की पहचान या आवाज का उपयोग करता है।
उत्तर लिखा · 10/4/2025
कर्म · 320
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दांत, मसूढे, दाढ़, डेन्ट भी हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग है। दाँत ही देह के अंग-प्रत्यंग को स्वस्थ्य व सुरक्षित रखते हैं।
ब्रिटिश डेंटल जर्नल में प्रकाशित एक शोध में पाया कि दन्त समस्याओं का मूल कारण मुंह में होने वाले स्त्राव, गन्दगी, बदबू के चलते फेफड़ों में संक्रमण होता है।
सर्वप्रथम पेट और लिवर को को दुरुस्त रखें। मेटाबॉलिज्म डिसऑर्डर न होने देवें। कब्ज न होने देंवें।
१५ घरेलू आयुर्वेदिक उपचार मजबूत दांतों के लिए

पेस्ट छोड़कर नीम, बबूल, खदीरा की दातुन करें।
आयुर्वेदिक ओषधि युक्त डेन्ट की मंजन amrutam Dentkey manjan तनिष्का (अग्नितत्व) उंगली से करके 10 मिनिट बाद कुल्ला करें।

आज दुनिया में 72 फीसदी बच्चे दांतों में सड़न, मुहँ में बदबू और बड़ी उम्र के स्त्री-पुरुष मसूढ़ों, दाढ़ों की की समस्या से पीड़ित है।
हमारे खानपान की लापरवाही और बदलाव ने ओरल कैंसर (दन्त कर्क व्याधि) दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है।
दांतों का आयुर्वेदिक चिकित्सा, देशी मंजन द्वारा आप दांतों की बीमारियों को रोक सकते हैं।
1 या 2 लौंग रात को दांतों के नीचे दवाकर दांतों में कभी संक्रमण या इन्फेक्शन नहीं होता।
अमरूद दांतों के लिए अमृत है। सुबह खाली पेट एक रोज खाएं और ऊपर से एक घंटे तक पानी न पिएं।
गर्म चीज के तुरन्त बाद ठंडा न लेवें।
सुबह उठते ही 2 से 3 ग्लास सादा जल पियें।
सुबह फ्रेश होते समय और मूत्र विसर्जन के समय दांतों को दबाकर रखें यानि दांतों को अच्छी तरह भींच लेवें।
मुख से श्वांस न लेवें। दाँत भींच कर नाक द्वारा गहरी श्वांस लेवें और नाभि तक ले जाकर रोकें। फिर छोड़े। यह प्रयोग प्रतिदिन 100 बार करें।
वादी की चीजें न खाएं।
यकृत को शिथिल न होने दें।
वात-पित्त-कफ को संतुलित रखें।
भोजन बहुत ही धीरे-धीरे, चबा चबाकर करें।
दांत-मसूढ़े में दर्द का कारण दांतो में दर्द होने के के कई कारण हो सकते हैं। कभी दांतों में कीड़े लग जाने की वजह से दर्द उठता है तो कभी मसूढ़ों में किसी तकलीफ की वजह से दांत दर्द करने लगते हैं। कभी-कभी दांतो की जड़ें काफी ढीली हो जाती हैं। इस वजह से भी दांतों में असहनीय पीड़ा होती है।
ऐसी स्थिति में सही से ब्रश कर पाना काफी मुश्किल होता है और सांसों से बदबू आना भी शुरू हो जाता है। जब हम कुछ खाते हैं तो कुछ हिस्सा दांतों पर ही रह जाता है. जैसे सब्जी का दांतों में फंस जाना आदि।
गर्म के बाद ठंडे खाना या पीना।
अधिक सिगरेट, पुड़िया, तम्बाकू का उपयोग।
जल्दबाजी में खाना, खाना अर्थात भोजन खूब चबा चबाकर नहीं करना।
यह चीजें दांतों में सड़न पैदा करती हैं। जिससे दांत धीरे-धीरे कमजोर होते जाते हैं. खाना खाने के बाद हम कुल्ला नहीं करते जिसकी वजह से दांत ठीक से सांफ नहीं हो पाते हैं।
दिल की बीमारी, हार्ट अटैक आने की एक वजह दांतों में जमी गंदगी और इन्फेक्शन ही है। खतरे
दांतों के खराब होने से हम ठीक से भोजन चबा नहीं पाते, जिससे मोटापा तेजी से बढ़ता है।
दांतों के टूटने का सम्बंध दिल की रक्त धमनियों से है।
अंतरराष्ट्रीय डायबिटीज फेडरेशन के मुताबिक खराब मसूढ़े एक समय के बाद ब्लड ग्लूकोज लेबल को प्रभावित करता है।
दांतों की खराबी से डायबिटीज में तेजी से वृद्धि होती है।
बार-बार ब्रश न करें। विशेषकर खट्टा काने के बाद एक घण्टे बाद करें।
गर्म के बाद तुरन्त ठंडा न लेवें।
सुबह खाली पेट भूंजे चने खाकर पानी न पिएं
ज्यादा कड़क, थोड़ चीजे न खाएं।
अमरूद का उपयोग ज्यादा करें।
जंक फ़ूड, सोड़ा सुगर युक्त के सेवन से बचें।
केचअप, टोमैटो सूप बहुत कम लेवें।
डेन्ट की मंजन दो बार अवश्य करें। इसमें दंतरोग नाशक जड़ीबूटियों का मिश्रण है।
रात को सोते समय अमृतम टेबलेट की एक गोली सादे जल से लेवें।
आयुर्वेदिक ग्रन्थ आयुर्वेद सार संग्रह, अष्टाङ्ग ह्रदय, आयुर्वेद चंद्रोदय आदि किताबों में दांत-मसूड़ों को मजबूत बनाने के कुछ आयुर्वेदिक ओषधियां का वर्णन है, जिसका सेवन कर दांतों की सुरक्षा की जा सकती है।
पेट और आंतों की गंदगी, दांतों के संक्रमण, पाचनतंत्र की खराबी, चपाचाय संबंधित रुकावट दूर करने के लिए DENTKEY MALT 4 से 5 महीने नियमित लेने से लिवर की सभी क्रियाएं सुधर जाती हैं। दांतों की जड़े मजबूत होने लगती हैं।

DENTKEY Malt Product Details Material

Almond 100 mg, Molshree 210 mg, Chidchida 100 mg, Karonda jam 3 gm, Triphala powder 450 mg, Rose 30 mg, Kapoor 5 mg, Peppermint 2 mg, Betel nut, 30 mg, Arjun ext 10 mg, Neem 30 mg, Phitkari 5 mg, Lodhra 30 mg, Akarkara 50 mg, Babool Gond 500 mg, Clove 30 mg, Black Pepper 30 mg, Walnuts 30 mg, Khadira 90 mg, Mulethi 90 mg, Padmakastha 30 mg, Spikenard 10 mg, Cinnamon 30 mg, Suhaga 30 mg, Pavitri Kusha 30 mg, Errand 30 mg, Cardamom 10 mg, Chhoti Pippili 30 mg, Nag Bhasm 20 mg, Yashad Bhasm 30 mg, Vang Bhasm 50 mg, Swarnamakshik Bhasm 100 mg, Loh Bhasm 40 mg, Mandoor Bhasm 50 mg, Trikatu Ext.
अमेजन, amalaearth, nykaa, amrutam पर व्यूज आदि सर्च करें।
पेट साफ नहीं रहता हो, तो अमृतम टेबलेट की 1 या 2 गोली रात को सोते समय सादे जल से लेवें।



उत्तर लिखा · 7/12/2022
कर्म · 1790
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खाद्य सुरक्षा का अर्थ है कि सभी लोगों को हर समय पर्याप्त, सुरक्षित और पौष्टिक भोजन मिले जो उनकी सक्रिय और स्वस्थ जीवन जीने की ज़रूरतों को पूरा करे। इसका मतलब है कि भोजन उपलब्ध भी होना चाहिए, लोगों की पहुँच में भी होना चाहिए और उसे खाने से कोई स्वास्थ्य जोखिम नहीं होना चाहिए।

खाद्य सुरक्षा के तीन मुख्य आयाम हैं:

  • उपलब्धता: भोजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होना चाहिए।
  • पहुँच: लोगों के पास भोजन खरीदने और प्राप्त करने के लिए पर्याप्त पैसे और साधन होने चाहिए।
  • उपयोग: भोजन सुरक्षित और पौष्टिक होना चाहिए, और लोगों को इसे ठीक से उपयोग करने के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

खाद्य सुरक्षा एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, क्योंकि भोजन की कमी से कुपोषण, बीमारी और मृत्यु हो सकती है। खाद्य और कृषि संगठन (FAO) जैसे संगठन खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने और दुनिया भर में भूख को कम करने के लिए काम कर रहे हैं।

उत्तर लिखा · 14/3/2025
कर्म · 320
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विद्युत धारा के तापीय प्रभाव पर आधारित सुरक्षा युक्ति को फ्यूज (Fuse) कहते हैं।

फ्यूज एक सुरक्षा उपकरण है जो विद्युत परिपथ को ओवरलोड या शॉर्ट सर्किट से बचाता है। यह विद्युत धारा के तापीय प्रभाव पर आधारित होता है।

फ्यूज में एक पतला तार होता है जिसका गलनांक कम होता है। जब परिपथ में अत्यधिक धारा प्रवाहित होती है, तो यह तार गर्म होकर पिघल जाता है, जिससे परिपथ टूट जाता है और उपकरण क्षतिग्रस्त होने से बच जाते हैं।

फ्यूज का उपयोग घरों, उद्योगों और अन्य स्थानों पर विद्युत उपकरणों की सुरक्षा के लिए किया जाता है।

अधिक जानकारी के लिए आप यह लिंक देख सकते हैं: फ्यूज और एमसीबी

उत्तर लिखा · 14/3/2025
कर्म · 320
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सुरक्षा शब्द का कोई विशिष्ट पूर्ण रूप नहीं है। यह शब्द स्वयं ही एक अवधारणा है जिसका अर्थ है:

  • खतरे से मुक्ति
  • जोखिम से बचाव
  • नुकसान से सुरक्षा

सुरक्षा एक व्यापक शब्द है जिसका उपयोग विभिन्न संदर्भों में किया जाता है, जैसे:

  • साइबर सुरक्षा: कंप्यूटर सिस्टम और नेटवर्क को साइबर खतरों से बचाना।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा: देश को बाहरी और आंतरिक खतरों से बचाना।
  • खाद्य सुरक्षा: लोगों को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
  • वित्तीय सुरक्षा: वित्तीय जोखिमों से सुरक्षा।

इसलिए, "सुरक्षा" का पूर्ण रूप उस संदर्भ पर निर्भर करेगा जिसमें इसका उपयोग किया जा रहा है।

उत्तर लिखा · 14/3/2025
कर्म · 320
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सड़क सुरक्षा शपथ लेने का कोई निश्चित समय नहीं है, लेकिन इसे निम्नलिखित अवसरों पर लेना उचित है:

  • सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान: भारत में हर साल सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। यह आमतौर पर जनवरी के महीने में होता है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की वेबसाइट पर आप अधिक जानकारी पा सकते हैं।
  • विशेष जागरूकता अभियानों के दौरान: सरकार और गैर-सरकारी संगठन समय-समय पर सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चलाते हैं।
  • शैक्षणिक संस्थानों में: स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों को सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक करने के लिए शपथ दिलाई जा सकती है।
  • सार्वजनिक समारोहों में: किसी भी सार्वजनिक समारोह में सड़क सुरक्षा शपथ ली जा सकती है ताकि लोगों को इसके महत्व के बारे में याद दिलाया जा सके।
  • व्यक्तिगत रूप से: आप कभी भी सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करने और दूसरों को भी इसके लिए प्रोत्साहित करने की शपथ ले सकते हैं।

सड़क सुरक्षा शपथ का उद्देश्य लोगों को सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक करना और उन्हें सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रेरित करना है। इसे किसी भी समय और कहीं भी लिया जा सकता है।

उत्तर लिखा · 13/3/2025
कर्म · 320
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सामाजिक सुरक्षा की अवधारणा का उदय 19वीं शताब्दी के अंत में हुआ।

औद्योगिकीकरण, शहरीकरण और श्रमिकों के आंदोलनों के कारण सामाजिक सुरक्षा की आवश्यकता महसूस हुई।

जर्मनी में 1880 के दशक में ओटो वॉन बिस्मार्क ने सबसे पहले सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम शुरू किए, जिनमें बीमारी, दुर्घटना और वृद्धावस्था बीमा शामिल थे। ब्रिटानिका

इसके बाद, अन्य यूरोपीय देशों और फिर पूरी दुनिया में सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम शुरू किए गए।

उत्तर लिखा · 13/3/2025
कर्म · 320