
उपकरण
जलने वाले लाइटर को अंग्रेजी में "Lighter" कहते हैं।
एक लाइटर एक पोर्टेबल उपकरण है जो ज्वलनशील तरल या संपीड़ित गैस, और इग्निशन के साधन का उपयोग करके एक लौ उत्पन्न करता है। इसका उपयोग सिगरेट, सिगार, पाइप, कैंपफायर और बारबेक्यू जैसे सामानों को जलाने के लिए किया जा सकता है।
यहाँ कुछ अन्य सम्बंधित शब्द दिए गए हैं:
- बर्नर (Burner)
- इग्नाइटर (Igniter)
ट्रांसफार्मर का उपयोग वोल्टेज को बढ़ाने या कम करने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग बिजली को एक स्थान से दूसरे स्थान पर कुशलतापूर्वक स्थानांतरित करने के लिए भी किया जाता है।
- कोर: यह ट्रांसफार्मर का चुंबकीय सर्किट है।
- वाइंडिंग: ये तार के कुंडल हैं जो कोर के चारों ओर लिपटे होते हैं।
- इन्सुलेशन: यह वाइंडिंग को एक दूसरे से और कोर से अलग करता है।
ट्रांसफार्मर दो प्रकार के होते हैं:
- स्टेप-अप ट्रांसफार्मर: ये ट्रांसफार्मर वोल्टेज को बढ़ाते हैं।
- स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर: ये ट्रांसफार्मर वोल्टेज को कम करते हैं।
ट्रांसफार्मर का उपयोग कई अनुप्रयोगों में किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:
- बिजली उत्पादन
- बिजली का वितरण
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
अधिक जानकारी के लिए, आप निम्न वेबसाइटों पर जा सकते हैं:
- पकड़ना और घुमाना: प्लायर का उपयोग छोटे या मुश्किल वस्तुओं को पकड़ने और घुमाने के लिए किया जाता है, जैसे कि तार, नट, और बोल्ट।
- काटना: कुछ प्लायरों में तार और केबल काटने के लिए कटिंग ब्लेड होते हैं।
- मोड़ना: प्लायर का उपयोग तारों और शीट मेटल को मोड़ने के लिए किया जा सकता है।
- छीलना: कुछ प्लायरों में तारों से इंसुलेशन छीलने के लिए विशेष जबड़े होते हैं।
प्लायर विभिन्न आकारों और आकारों में आते हैं, प्रत्येक का अपना विशिष्ट उपयोग होता है। कुछ सामान्य प्रकार के प्लायरों में शामिल हैं:
- स्लिप-जॉइंट प्लायर: इनका उपयोग विभिन्न आकारों की वस्तुओं को पकड़ने के लिए किया जाता है।
- लॉन्ग-नोज प्लायर: इनका उपयोग तंग जगहों पर काम करने के लिए किया जाता है।
- डायगोनल-कटिंग प्लायर: इनका उपयोग तारों और केबलों को काटने के लिए किया जाता है।
- वायर-स्ट्रिपिंग प्लायर: इनका उपयोग तारों से इंसुलेशन छीलने के लिए किया जाता है।
प्लायर का उपयोग विभिन्न प्रकार के उद्योगों में किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:
- विद्युत
- प्लंबिंग
- मोटर वाहन
- निर्माण
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि प्लायर का उपयोग करते समय हमेशा सुरक्षा सावधानी बरतें। हमेशा सुरक्षा चश्मा पहनें और सुनिश्चित करें कि प्लायर अच्छी स्थिति में हैं।
अधिक जानकारी के लिए, आप निम्न वेबसाइट देख सकते हैं:
- पकड़ना और घुमाना: प्लायर का उपयोग छोटे या मुश्किल वस्तुओं को पकड़ने और घुमाने के लिए किया जाता है, जैसे कि नट, बोल्ट, और तार।
- काटना: कुछ प्लायरों में तार और केबल काटने के लिए ब्लेड लगे होते हैं।
- मोड़ना: प्लायर का उपयोग तारों और शीट मेटल को मोड़ने के लिए किया जा सकता है।
- छीलना: कुछ प्लायरों में तारों से इंसुलेशन छीलने के लिए विशेष ब्लेड होते हैं।
- क्रम्पिंग: प्लायर का उपयोग तारों को कनेक्टर्स से क्रिम्प करने के लिए किया जा सकता है।
- स्लिप-जॉइंट प्लायर: ये प्लायर विभिन्न आकारों की वस्तुओं को पकड़ने के लिए समायोज्य जबड़े के साथ आते हैं।
- लॉन्ग-नोज प्लायर: ये प्लायर छोटे और तंग जगहों में काम करने के लिए लंबे, पतले जबड़े के साथ आते हैं।
- डायगोनल प्लायर: ये प्लायर तारों और केबलों को काटने के लिए तिरछे ब्लेड के साथ आते हैं।
- लाइनमैन्स प्लायर: ये प्लायर तारों को काटने, मोड़ने और छीलने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
अधिक जानकारी के लिए, आप निम्न वेबसाइट देख सकते हैं:
- लकड़ी, धातु और प्लास्टिक जैसी सामग्रियों को एक साथ बांधना।
- विद्युत उपकरणों को ठीक करना।
- फर्नीचर को जोड़ना।
- खिलौने और अन्य छोटी वस्तुओं को ठीक करना।
- हमेशा सही आकार और प्रकार के स्क्रूड्राइवर का उपयोग करें।
- स्क्रू को कसते या ढीला करते समय स्क्रूड्राइवर को सीधा रखें।
- स्क्रू को कसते या ढीला करते समय बहुत अधिक बल न लगाएं।
- उपयोग में न होने पर स्क्रूड्राइवर को सुरक्षित स्थान पर रखें।
ट्रांसफार्मर के मुख्य भाग निम्नलिखित हैं:
- कोर: यह ट्रांसफार्मर का चुंबकीय परिपथ है, और यह आमतौर पर लोहे या स्टील से बना होता है।
- वाइंडिंग: ये तार के कुंडल होते हैं जो कोर के चारों ओर लिपटे होते हैं। ट्रांसफार्मर में दो या दो से अधिक वाइंडिंग हो सकती हैं, जिन्हें प्राथमिक वाइंडिंग और द्वितीयक वाइंडिंग कहा जाता है।
ट्रांसफार्मर का कार्य सिद्धांत विद्युत चुम्बकीय प्रेरण पर आधारित है। जब प्राथमिक वाइंडिंग में एक प्रत्यावर्ती धारा प्रवाहित होती है, तो यह एक चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है। यह चुंबकीय क्षेत्र कोर के माध्यम से प्रवाहित होता है और द्वितीयक वाइंडिंग में एक वोल्टेज प्रेरित करता है। द्वितीयक वाइंडिंग में प्रेरित वोल्टेज प्राथमिक वाइंडिंग में वोल्टेज के अनुपात में होता है।
ट्रांसफार्मर के प्रकार:
- स्टेप-अप ट्रांसफार्मर: ये ट्रांसफार्मर वोल्टेज को बढ़ाते हैं।
- स्टेप-डाउन ट्रांसफार्मर: ये ट्रांसफार्मर वोल्टेज को कम करते हैं।
- ऑटो ट्रांसफार्मर: ये ट्रांसफार्मर केवल एक वाइंडिंग का उपयोग करते हैं।
- आइसोलेशन ट्रांसफार्मर: ये ट्रांसफार्मर दो सर्किटों को विद्युत रूप से अलग करते हैं।
ट्रांसफार्मर के अनुप्रयोग:
- विद्युत शक्ति प्रणालियों में वोल्टेज को बढ़ाना या कम करना
- विद्युत उपकरणों को बिजली की आपूर्ति करना
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में सिग्नल को अलग करना
अधिक जानकारी के लिए, आप इन वेबसाइटों पर जा सकते हैं:
सॉफ्ट हैमर के कुछ मुख्य उपयोग इस प्रकार हैं:
- लकड़ी का काम: लकड़ी के जोड़ों को जोड़ने या अलग करने के लिए, बिना लकड़ी को क्षति पहुंचाए।
- धातु का काम: पतली धातु की चादरों को आकार देने या सीधा करने के लिए, बिना खरोंच या निशान बनाए।
- टाइल लगाना: टाइलों को सही जगह पर लगाने के लिए, बिना उन्हें तोड़े।
- ऑटोमोबाइल: ऑटोमोबाइल के बॉडी पार्ट्स को ठीक करने के लिए, बिना पेंट को नुकसान पहुंचाए।
- घरेलू उपयोग: फर्नीचर को असेंबल करने या नाजुक वस्तुओं को संभालने के लिए।
सॉफ्ट हैमर का उपयोग उन सभी जगहों पर किया जा सकता है जहाँ सतह को नुकसान पहुंचाने से बचाना हो।
अधिक जानकारी के लिए, आप इन वेबसाइटों पर जा सकते हैं: