
ई-कॉमर्स
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बी2सी (बिजनेस-टू-कंज्यूमर) ई-कॉमर्स की कुछ सीमाएँ इस प्रकार हैं:
- प्रतिस्पर्धा: बी2सी ई-कॉमर्स बाजार में प्रतिस्पर्धा बहुत अधिक है, क्योंकि कई कंपनियां एक ही उत्पाद या सेवा को बेचने की कोशिश कर रही हैं। इससे कीमतों में कमी और लाभ मार्जिन कम हो सकता है।
- लागत: बी2सी ई-कॉमर्स व्यवसाय शुरू करने और चलाने की लागत अधिक हो सकती है, जिसमें वेबसाइट विकास, विपणन और ग्राहक सेवा शामिल हैं।
- सुरक्षा: ऑनलाइन लेनदेन में सुरक्षा एक बड़ी चिंता है, क्योंकि ग्राहकों को अपनी व्यक्तिगत और वित्तीय जानकारी ऑनलाइन साझा करने में सहज महसूस करने की आवश्यकता होती है।
- लॉजिस्टिक्स: उत्पादों को ग्राहकों तक पहुंचाने की लॉजिस्टिक्स जटिल और महंगी हो सकती है, खासकर यदि आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेच रहे हैं।
- ग्राहक सेवा: बी2सी ई-कॉमर्स व्यवसायों को उत्कृष्ट ग्राहक सेवा प्रदान करने की आवश्यकता होती है, क्योंकि ग्राहक व्यक्तिगत रूप से स्टोर में खरीदारी करने की तुलना में ऑनलाइन खरीदारी करते समय अधिक धैर्य रखते हैं।
- वापसी: उत्पादों को वापस करने की प्रक्रिया जटिल और महंगी हो सकती है, खासकर यदि ग्राहक उत्पाद से संतुष्ट नहीं है।
इन सीमाओं के बावजूद, बी2सी ई-कॉमर्स व्यवसायों के लिए अभी भी कई अवसर हैं। यदि आप एक अनूठा उत्पाद या सेवा प्रदान कर सकते हैं, एक मजबूत ब्रांड बना सकते हैं, और उत्कृष्ट ग्राहक सेवा प्रदान कर सकते हैं, तो आप बी2सी ई-कॉमर्स बाजार में सफल हो सकते हैं।
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इंट्रा-बी कॉमर्स का अर्थ है किसी संगठन के भीतर विभिन्न विभागों, टीमों या व्यक्तियों के बीच वाणिज्यिक गतिविधियों का संचालन। यह आंतरिक व्यापार और सेवाओं के आदान-प्रदान को संदर्भित करता है जो एक कंपनी के भीतर होता है।
उदाहरण के लिए:
- एक कंपनी का मार्केटिंग विभाग सेल्स टीम को लीड्स भेजता है।
- एक कंपनी का आईटी विभाग अन्य विभागों के लिए सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर सपोर्ट प्रदान करता है।
- एक कंपनी का मानव संसाधन विभाग कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रम आयोजित करता है।
इंट्रा-बी कॉमर्स का उद्देश्य संगठन के भीतर दक्षता और उत्पादकता में सुधार करना, लागत कम करना और बेहतर समन्वय स्थापित करना है।
अधिक जानकारी के लिए आप निम्न लिंक देख सकते हैं:
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ई-कॉमर्स में लेनदेन की प्रक्रिया में कई चरण शामिल होते हैं, जो इस प्रकार हैं:
अधिक जानकारी के लिए, आप इन वेबसाइटों पर जा सकते हैं:
- ग्राहक द्वारा उत्पाद का चयन: ग्राहक ऑनलाइन स्टोर पर जाता है और अपनी पसंद के उत्पाद को चुनता है।
- उत्पाद को कार्ट में जोड़ना: ग्राहक उत्पाद को अपनी शॉपिंग कार्ट में जोड़ता है।
- कार्ट की समीक्षा: ग्राहक अपनी कार्ट की समीक्षा करता है और यह सुनिश्चित करता है कि उसमें सभी आवश्यक उत्पाद सही मात्रा में हैं।
- चेकआउट प्रक्रिया: ग्राहक चेकआउट प्रक्रिया शुरू करता है, जहाँ उसे अपना शिपिंग पता, बिलिंग पता और भुगतान विधि दर्ज करनी होती है।
- भुगतान: ग्राहक अपनी चुनी हुई भुगतान विधि (जैसे क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, या ऑनलाइन वॉलेट) के माध्यम से भुगतान करता है।
- आदेश की पुष्टि: भुगतान सफल होने के बाद, ग्राहक को एक आदेश पुष्टिकरण संदेश प्राप्त होता है।
- आदेश का प्रसंस्करण: विक्रेता आदेश को संसाधित करता है और उत्पाद को शिपिंग के लिए तैयार करता है।
- शिपिंग: उत्पाद ग्राहक के शिपिंग पते पर भेज दिया जाता है।
- डिलीवरी: उत्पाद ग्राहक को डिलीवर किया जाता है।
- ग्राहक द्वारा स्वीकृति: ग्राहक उत्पाद को स्वीकार करता है और यदि आवश्यक हो तो विक्रेता को प्रतिक्रिया देता है।
अधिक जानकारी के लिए, आप इन वेबसाइटों पर जा सकते हैं: