लिखित और मौखिक में क्या अंतर है बताइए?
मौखिक - जब हम अपने मन के विचारों या भावों को अपनी वाणी द्वारा बोलकर व्यक्त करते है, तो उसे हम मौखिक कहते है।
लिखित और मौखिक संचार में अंतर
संचार के दो मुख्य रूप हैं: लिखित और मौखिक। दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं, और प्रत्येक विभिन्न स्थितियों के लिए अधिक उपयुक्त है।
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लिखित संचार:
लिखित संचार में शब्दों को लिखने या टाइप करने का उपयोग किया जाता है। इसमें पत्र, ईमेल, रिपोर्ट, लेख और पुस्तकें शामिल हैं। लिखित संचार का एक फायदा यह है कि यह स्थायी होता है। इसे बाद में संदर्भित किया जा सकता है, और इसे आसानी से दूसरों के साथ साझा किया जा सकता है। लिखित संचार का एक नुकसान यह है कि यह मौखिक संचार की तुलना में अधिक समय लेने वाला हो सकता है, और इसे प्राप्तकर्ता से तत्काल प्रतिक्रिया नहीं मिल सकती है।
उदाहरण:
- पत्र
- ईमेल
- रिपोर्ट
- लेख
- पुस्तके
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मौखिक संचार:
मौखिक संचार में शब्दों को बोलने का उपयोग किया जाता है। इसमें बातचीत, भाषण, प्रस्तुतियां और फोन कॉल शामिल हैं। मौखिक संचार का एक फायदा यह है कि यह तत्काल प्रतिक्रिया की अनुमति देता है। यह लिखित संचार की तुलना में अधिक व्यक्तिगत भी हो सकता है। मौखिक संचार का एक नुकसान यह है कि यह स्थायी नहीं होता है, और इसे बाद में संदर्भित करना मुश्किल हो सकता है।
उदाहरण:
- बातचीत
- भाषण
- प्रस्तुतियां
- फोन कॉल
कौन सा रूप बेहतर है यह स्थिति पर निर्भर करता है। यदि आपको स्थायी रिकॉर्ड रखने की आवश्यकता है, तो लिखित संचार बेहतर विकल्प है। यदि आपको तत्काल प्रतिक्रिया की आवश्यकता है या यदि आप व्यक्तिगत संबंध बनाना चाहते हैं, तो मौखिक संचार बेहतर विकल्प है।