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मातृमूलक कुटुंब प्रथा?
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मातृमूलक कुटुंब प्रथा?
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मातृमूलक कुटुंब प्रथा एक ऐसी सामाजिक व्यवस्था है जिसमें परिवार की पहचान और संपत्ति माता के माध्यम से वंशानुगत होती है। इस प्रथा में, माता परिवार की मुखिया होती है और परिवार के महत्वपूर्ण निर्णय लेने में उसकी भूमिका प्रमुख होती है।
मुख्य विशेषताएं:
- वंशानुक्रम: संपत्ति और पद माता से उसकी बेटियों को मिलते हैं।
- परिवार की मुखिया: माता परिवार की मुखिया होती है और उसके निर्णय अंतिम माने जाते हैं।
- सामाजिक पहचान: परिवार की पहचान माता के नाम से होती है।
- विवाह: विवाह के बाद पुरुष पत्नी के घर में रहने आते हैं।
भारत में मातृमूलक कुटुंब प्रथा:
भारत में मातृमूलक कुटुंब प्रथा कुछ समुदायों में पाई जाती है, जैसे कि मेघालय के खासी और गारो समुदाय और केरल के नायर समुदाय।
- खासी और गारो समुदाय (मेघालय): इन समुदायों में, संपत्ति बेटियों को मिलती है और माता परिवार की मुखिया होती है। लाइव हिस्ट्री इंडिया
- नायर समुदाय (केरल): पहले, नायर समुदाय में मातृमूलक प्रथा प्रचलित थी, लेकिन अब यह कम हो गई है। द हिन्दू
मातृमूलक और पितृमूलक कुटुंब प्रथा में अंतर:
मातृमूलक कुटुंब प्रथा पितृमूलक कुटुंब प्रथा से बिलकुल अलग है। पितृमूलक प्रथा में, पिता परिवार का मुखिया होता है और संपत्ति बेटों को मिलती है।