प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभाव विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति रूढ़िगत मूर्ख का प्रयोग न कर किस अर्थ को ओर संकेत किया है?
प्रस्तुत कहानी में प्रेमचंद ने गधे की किन स्वभाव विशेषताओं के आधार पर उसके प्रति रूढ़िगत मूर्ख का प्रयोग न कर किस अर्थ को ओर संकेत किया है?
1. सहनशीलता और संतोष: गधा अपनी सहनशीलता और संतोष के लिए प्रसिद्ध है। वह हर तरह की परिस्थिति में शांत रहता है और कम संसाधनों में भी गुजारा कर लेता है। प्रेमचंद ने इस गुण को उजागर करते हुए यह दर्शाया है कि गधा मूर्ख नहीं, बल्कि संतोषी और सहनशील प्राणी है।
2. सीधापन और ईमानदारी: गधा स्वभाव से सीधा और ईमानदार होता है। वह बिना किसी छल-कपट के अपने मालिक के प्रति वफादार रहता है। प्रेमचंद ने गधे के इस गुण को उसकी सरलता के रूप में प्रस्तुत किया है, जो उसे इंसानों से अलग बनाती है।
3. काम के प्रति समर्पण: गधा अपने काम के प्रति समर्पित होता है। वह बिना किसी शिकायत के बोझ उठाता है और अपने कर्तव्यों का पालन करता है। प्रेमचंद ने गधे के इस गुण को उसकी कर्मठता के रूप में दर्शाया है, जो उसे सम्मान का पात्र बनाती है।
4. विपरीत परिस्थितियों में भी स्थिर: गधा विपरीत परिस्थितियों में भी स्थिर रहता है। वह मुश्किलों से घबराता नहीं है और अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता रहता है। प्रेमचंद ने गधे के इस गुण को उसकी दृढ़ता के रूप में प्रस्तुत किया है, जो उसे प्रेरणादायक बनाती है।
5. सादगी और सरलता: गधा अपने जीवन में सादगी और सरलता पसंद करता है। उसे दिखावे और आडंबर से कोई मतलब नहीं होता है। प्रेमचंद ने गधे के इस गुण को उसकी निस्वार्थता के रूप में दर्शाया है, जो उसे महान बनाती है।