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शादी विवाह में ज़्यादा धन जाते हुए और खाना बर्बाद करते हुए, इस विषय पर लेख लिखिए।
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शादी विवाह में धन का अपव्यय और भोजन की बर्बादी
भारत में शादी विवाह एक महत्वपूर्ण सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव है। यह न केवल दो लोगों का मिलन है, बल्कि दो परिवारों का भी संगम है। शादियों को भव्य और यादगार बनाने के लिए लोग अपनी क्षमता से अधिक खर्च करते हैं, जिसके परिणामस्वरूप धन का अपव्यय और भोजन की बर्बादी होती है।
धन का अपव्यय
- दहेज: दहेज प्रथा अभी भी हमारे समाज में व्याप्त है, जिसके कारण वर पक्ष वधू पक्ष से अनुचित मांग करता है।
- अनावश्यक खर्च: शादी में लोग दिखावे के लिए महंगे कपड़े, गहने, सजावट और अन्य अनावश्यक चीजों पर खर्च करते हैं।
- कर्ज: कई परिवार शादी के खर्चों को पूरा करने के लिए कर्ज लेते हैं, जिससे वे आर्थिक रूप से कमजोर हो जाते हैं।
भोजन की बर्बादी
- अति-उत्पादन: शादी में जरूरत से ज्यादा खाना बनाया जाता है, जिससे बहुत सारा भोजन बर्बाद हो जाता है।
- अनुचित योजना: भोजन की योजना ठीक से नहीं बनाई जाती, जिसके कारण कुछ व्यंजन बहुत अधिक और कुछ बहुत कम बन जाते हैं।
- अतिथि व्यवहार: कई बार मेहमान अपनी थाली में जरूरत से ज्यादा खाना लेते हैं और उसे छोड़ देते हैं।
समाधान
- दहेज प्रथा का विरोध: दहेज प्रथा को खत्म करने के लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए।
- सरल विवाह: अनावश्यक खर्चों से बचना चाहिए और सादे और किफायती तरीके से शादी करनी चाहिए।
- भोजन की उचित योजना: भोजन की योजना बनाते समय अतिथियों की संख्या और पसंद का ध्यान रखना चाहिए।
- बचे हुए भोजन का दान: बचे हुए भोजन को जरूरतमंद लोगों को दान कर देना चाहिए।
शादी विवाह एक खुशी का अवसर है, लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम धन का अपव्यय और भोजन की बर्बादी न करें। सरल और किफायती तरीके से शादी करके हम समाज को एक अच्छा संदेश दे सकते हैं।
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