समाजशास्त्र
समाजशास्त्र में सोरोकिन और ज़िम्मरमैन द्वारा बताए गए ग्रामीण-शहरी भेद के मानदंड लिखिए?
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समाजशास्त्र में सोरोकिन और ज़िम्मरमैन द्वारा बताए गए ग्रामीण-शहरी भेद के मानदंड लिखिए?
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समाजशास्त्र में सोरोकिन और ज़िम्मरमैन ने ग्रामीण और शहरी समुदायों के बीच अंतर करने के लिए कई मानदंडों का प्रस्ताव रखा। उनके द्वारा बताए गए कुछ प्रमुख मानदंड इस प्रकार हैं:
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व्यवसाय:
- ग्रामीण: ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य व्यवसाय कृषि और उससे संबंधित गतिविधियाँ होती हैं।
- शहरी: शहरी क्षेत्रों में मुख्य व्यवसाय गैर-कृषि होते हैं, जैसे उद्योग, व्यापार, सेवाएं आदि।
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जनसंख्या घनत्व:
- ग्रामीण: ग्रामीण क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व कम होता है।
- शहरी: शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या घनत्व अधिक होता है।
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सामाजिक गतिशीलता:
- ग्रामीण: ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक गतिशीलता कम होती है, लोग अपने पारंपरिक व्यवसायों और सामाजिक संरचनाओं से बंधे रहते हैं।
- शहरी: शहरी क्षेत्रों में सामाजिक गतिशीलता अधिक होती है, लोगों के पास विभिन्न प्रकार के व्यवसाय और सामाजिक उन्नति के अवसर होते हैं।
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सामाजिक विभेदन:
- ग्रामीण: ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक विभेदन कम होता है, लोगों के बीच समानता अधिक होती है।
- शहरी: शहरी क्षेत्रों में सामाजिक विभेदन अधिक होता है, विभिन्न वर्गों, जातियों और व्यवसायों के लोग एक साथ रहते हैं।
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सामाजिक संपर्क:
- ग्रामीण: ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक संपर्क प्राथमिक और व्यक्तिगत होते हैं, लोग एक-दूसरे को व्यक्तिगत रूप से जानते हैं।
- शहरी: शहरी क्षेत्रों में सामाजिक संपर्क द्वितीयक और अवैयक्तिक होते हैं, लोग एक-दूसरे को औपचारिक रूप से जानते हैं।
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सामाजिक नियंत्रण:
- ग्रामीण: ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक नियंत्रण अनौपचारिक होता है, जैसे रीति-रिवाज, परंपराएं और सामाजिक दबाव।
- शहरी: शहरी क्षेत्रों में सामाजिक नियंत्रण औपचारिक होता है, जैसे कानून, पुलिस और अदालतें।
सोरोकिन और ज़िम्मरमैन के अनुसार, ये मानदंड ग्रामीण और शहरी समुदायों के बीच अंतर करने में मदद करते हैं और इन समुदायों की सामाजिक संरचना और गतिशीलता को समझने में महत्वपूर्ण हैं।