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शरीर शिथिल हो जाए, तो क्या करें?
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शरीर शिथिल हो जाए, तो क्या करें?
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महर्षि चरक द्वारा रचित चरक संहिता में ८८ प्रकार के वात विकारों का वर्णन है। वात से पीड़ित प्राणी के लात, हाथ, पैर, कंधे, जोड़, संधि में हमेशा दर्द बना रहता है।
किसी किसी के हालात इतने खराब हो जाते हैं कि वे वात रोग की वजह से चल भी नहीं पाते।
वात प्रकृति वाले लोगों को हमेशा योगेंद्र रस, वृहत वात चिंतामणि रस (स्वर्णतुक्त) से निर्मित आयुर्वेदिक दवाओं का सेवन सदैव करते रहना चाहिए।
ORTHOKEY GOLD MALT & CAPSULE
Good Calcium & Mineral Supplements. For the long term freedom from pain & inflamation with Gold Bhasm.
आर्थो की गोल्ड ८८ वात रोग जैसे दर्द, पीठ, गर्दन, कमर दर्द, हाथ-पैरों तथा असहनीय जोड़ो, घुटनों के गठियावाय, लकवा, कम्पवात, पक्षाघात, निम्न या उच्च रक्तचाप, ग्रन्थिशोथ (THYRIOD) आदि समस्त नये व पुराने वात विकार का स्थायी समाधान स्नायु तंत्र बलकारक, जीवनीय शक्तिदायक ओषधि है।
ORTHOKEY GOLD MALT & CAPSULE
Limitless "Vaat-Vikar" Eliminator
Fortified with Gold Ash, Yogendra Ras & Vrihatvaat Chintamani Ras (Swarn Yukt)
Key factor in orthopedic management
आर्थो की गोल्ड के फायदे
चिकनगुनिया, डेंगू फीवर, स्वाइन फ्लू आदि व्याधियों के पश्चात् और बुढ़ापे के कारण आई शिथिलता, तन-मन की कमजोरी।
स्वभाव में चिड़चिड़ापन, बात बात पर गुस्सा, क्रोध आना, अनिद्रा, नींद न आना भय-भ्रम चिंता, तनाव, रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी से उत्पन्न बीमारियों में उपयोगी है।
विकार ग्रस्त वाहिनियाँ, उदर की कड़क एवं जाम नाड़ियों को मुलायमकर वात विकार का नाश करता है एवं कब्जियत होने नहीं देता।
आर्थो की हड्डियाँ मजबूत कर नवीन रस, रक्त का निर्माण और शक्ति, बल, वीर्य की वृद्धि में सहायक है।
सात दिनों में असर दिखाए
ORTHOKEY GOLD MALT और CAPSULE निम्नलिखित वात व्याधियों में कार गर है।
रोगाधिकार (Indication) - आयुर्वेद के प्राचीन और प्रसिद्ध ग्रन्थ आयुर्वेद सार संग्रह, भावप्रकाश निघण्टु, रस तन्त्रासार, व सिद्धियोग संग्रह में वर्णित बहुमूल्य असरकारक ओषधियां का उल्लेख है।
स्वर्ण युक्त रस- भस्मों एवं विशिष्ठ घटक द्रव्यों से निर्मित ऑर्थोकी गोल्ड केप्सूल एवं माल्ट वात विकार से उत्पन्न सभी ज्ञात अज्ञात जटिल, असाध्य वात व्याधि की बाधा दूर करने में चमत्कारी है-
जैसे -
आमवात (Rheumatism)
गृध्रसी (Scitica)
कटिग्रह (Lumbago Low Back Pain)
संधिवात (Osteoarthritis)
वातरक्त (Gout)
निर्बलता (General Debility)
पक्षाघात (Hemiplegia)
रोग प्रतिरोधक (Immunity)
कोष्टुकशीर्ष (Synovitis of Knee Joint)
ग्रन्थि शोथ (Thyroid)
मानस व्यग्रता (Confusion)
मानस विषाद (Melancholia)
मानस शास्त्र (Psychology) आदि
मानसिक. शारीरिक तथा प्रदूषण व खान-पान, भय-भ्रम, चिन्ता- क्रोध से उत्पन्न रोगों को दूर करने में सहायक है।
Orthokey कोरोना संक्रमण, डेंगू फीवर, चिकिनगुनिया, स्वाइन फ्लू जैसी आकस्मिक होने वाली बीमारियों से शरीर की रक्षा कर प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धिकारक आयुर्वेदिक औषधि है।
आर्थोपेडिक रोग स्थितियों का एक समूह है जो मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम को प्रभावित करता है।
मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम हड्डियों, जोड़ों, स्नायुबंधन और मांसपेशियों से बना होता है।
आर्थोपेडिक रोग रीढ़, कूल्हों और घुटनों सहित शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकते हैं।
आर्थोपेडिक रोगों के कई प्रकार हैं
पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस (पहनने और आंसू गठिया) - ऑस्टियोआर्थराइटिस तब होता है जब उपास्थि समय के साथ दूर हो जाती है और जोड़ों में दर्द और कठोरता का कारण बनती है।
कार्टिलेज जोड़ों में हड्डियों के बीच शॉक एब्जॉर्बर का काम करता है। इसके बिना, हड्डियाँ आपस में रगड़ खाती हैं जिससे दर्द, सूजन और अकड़न होती है।
रूमेटाइड आर्थराइटिस क्या है?-
रूमेटाइड आर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम वायरस या बैक्टीरिया जैसे विदेशी आक्रमणकारियों के बजाय स्वस्थ ऊतकों पर हमला करना शुरू कर देता है।
यह सूजन का कारण बनता है जो अंततः आपके पूरे शरीर के साथ-साथ आपके हृदय, फेफड़े और आंखों जैसे अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचाता है।
ऑस्टियोपोरोसिस (कमजोर हड्डियां) -
ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है जहां रजोनिवृत्ति के बाद एस्ट्रोजन का स्तर कम होने के कारण हड्डियों का घनत्व कम हो जाता है और समय के साथ अधिक नाजुक हो जाता है। इससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि हड्डियां सामान्य हड्डी के ऊतकों की तुलना में अधिक भंगुर हो जाती हैं!
उपरोक्त सभी वात व्याधियों में Orthokey का सेवन नि:संचोच किया जा सकता है। वात विकार से लाचार महिलाओं के लिए विशेष लाभकारी है।
वात रोगों का काम खत्म
हर्बल से निर्मित बलहीन शरीर को हरबल देने वाली औषधियाँ ऑर्थोकी गोल्ड केप्सूल स्वर्ण भस्म, जवाहर मोहरा, योगेन्द्र रस, वृहतवात चिन्तामणी रस, स्वर्ण युक्त, स्वर्ण भूपति रस, निर्गुण्डी, गूगल, त्रिकटु (सोठ, कालीमिर्च, पीपल) आदि का मिश्रण है।
रक्त में जमें यूरिक ऐसिड को घोलने में सहायक स्नायुमण्डल पुष्टिकारक । असाध्य वात पीड़ा के पलायन हेतु यह असरकारक है।
आर्थोकी कैप्सूल - मधुमेह रोगियों के लिए वात नाशक सहायक औषधि के रूप में उपयोगी है।
ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट आंवला, सेव, हरड़, मुरब्बा, स्मृतिसागर रस तथा काढ़े, स्वर्ण युक्त रस भस्मों से निर्मित किया है। ऑर्थोकी गोल्ड केप्सूल एवं गोल्ड माल्ट के सेवन से पुराने जटिल असाध्य वातविकार हाहाकार कर पलायन कर जाते है।
ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट - जीवनीय शक्ति वृद्धि हेतु प्रतिदिन दूध के साथ लेने से जीवन भर वात व्याधि या अन्य रोग नहीं सताते।
आर्थोकी पेन ऑयल - इसकी मालिश से मन मस्त मलंग होकर रक्त संचार सुचारू रहता है। सूजन जकड़न दर्दनाशक पैन ऑयल है।

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शरीर शिथिल होने की कई वजहें हो सकती हैं, और इसका समाधान कारण पर निर्भर करता है। यहाँ कुछ सामान्य कारण और उनके लिए सुझाव दिए गए हैं:
-
निर्जलीकरण (Dehydration):
- पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।
- इलेक्ट्रोलाइट्स युक्त पेय (जैसे ओआरएस) लें।
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थकान:
- पर्याप्त नींद लें (7-8 घंटे)।
- शारीरिक और मानसिक तनाव कम करें।
- आराम करें और विश्राम करें।
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पोषक तत्वों की कमी:
- संतुलित आहार लें जिसमें सभी आवश्यक विटामिन और खनिज हों।
- विटामिन डी, बी12, आयरन जैसे पोषक तत्वों की जाँच कराएं और यदि कमी है तो सप्लीमेंट लें।
- विटामिन युक्त भोजन का सेवन करें।
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तनाव और चिंता:
- तनाव कम करने के लिए योग और ध्यान करें।
- मनोचिकित्सक या काउंसलर से सलाह लें।
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व्यायाम की कमी:
- नियमित रूप से व्यायाम करें, जैसे कि चलना, दौड़ना, या योग।
- धीरे-धीरे व्यायाम की तीव्रता बढ़ाएं।
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चिकित्सीय स्थितियाँ:
- यदि शरीर शिथिल होने की समस्या लगातार बनी रहती है, तो डॉक्टर से सलाह लें।
- कुछ चिकित्सीय स्थितियाँ जैसे थायरॉइड, मधुमेह, या एनीमिया भी इसका कारण हो सकती हैं।
अन्य सुझाव:
- सही मुद्रा में बैठें और चलें।
- धूम्रपान और शराब से बचें।
- कैफीन का सेवन सीमित करें।
यदि आपकी स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो चिकित्सक से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।