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शरीर की कमजोरी कैसे दूर करें?

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शरीर की कमजोरी कैसे दूर करें?

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रोग कोई भी हो, ये हमेशा अंधकार की तरफ ले जाता है। वेद पुराण की ऋचाएं कहती हैं कि मनुष्य को केवल स्वस्थ रहने की जिम्मेदारी लेना है।
जब तक अज्ञानता, अंधकार का परदा नहीं हटता, तब तक बीमारी विदा नहीं लेती।
प्राचीनकाल में सभी लोग सुबह सूर्योदय से पहले जागकर भगवान सूर्य से प्रार्थना करते थे
ॐ असतो मा सद्गमय

तमसो मा ज्योतिर्गमय

मृत्योर्मा अमृतम् गमय

ॐ शान्ति शान्ति शान्ति॥

सूर्य का ये शक्तिशाली मंत्र मन को मजबूत बनाकर शरीर को निरोग रखता है।
शरीमार्थ खलु धर्मसाधनम महाज्ञानी कवि कालीदास' के अनुसार मानव जीवन के चरम लक्ष्य - धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष- चारों पुरूषार्थ प्राप्ति का कारण स्वस्थ शरीर ही है।
अतः स्वास्थ्य मानव जीवन के सर्वोच्च लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रथम शर्त है।
एक असरदार अद्भुत स्वास्थ्यवर्द्धक टॉनिक, जो शक्ति, बुद्धि - भूख और इम्यूनिटी बढ़ाए
अमृतम् गोल्ड माल्ट शरीर को सशक्त बनाने मे पूर्ण समर्थ है। अश्वगंधा, शतावरी, गुलकन्द, सेव मुरब्बा, हरड़, विदारीकंद आदि औषधियों के मिश्रण से निर्मित है।
Amrutam Gold Malt में मिलाए गए मेवा, मुरब्बे मसाले आदि अनेक घटक द्रव्य क्षुधावर्द्धक और भोजन के प्रति रूचि उत्पन्न करने वाले गुणों से भरपूर है।
सभी आयुवर्ग के व्यक्ति सभी ऋतुओं में अमृतम् फिटनेस की माल्ट का उपयोग करें। अमृतम् गोल्ड माल्ट के घटक द्रव्य निम्न प्रकार हैं
अश्वगंधाः यह बाजीकरण, बल्य, वातनाशक, मूत्रल एवं शक्तिवर्द्धक है। रोगप्रतिरोधक क्षमता यानि इम्यून सिस्टम को मज्बत बनाता है।
शतावरी: नेत्ररोग, अतिसार, ग्रहणी, पेशाब की रूकावट/परेशानी, रक्त पित्त में लाभकारी तथा बलवर्द्धक है।
सफेद मूसली : दुर्बलता, आयुवर्द्धक आंखों के लिए विशेष हितकारी, भूख बल-वीर्य तथा आयुवर्धक। दुर्बलता, वात-विकार प्रावाहिका (दस्तों की बीमारी) नाशक।
कोंचबीज : पौष्टिक, उत्तेजक, बाजीकर एवं वातशामक, रस-रक्त निर्माण में सहायक।
त्रिफला : कफ, पित्त व प्रमेह नाशक, नेत्रों को हितकारी, रूचिकारक, विषम ज्वर नाशक, पखाना साफ लाता है।
पीपल : सुगन्धित, दीपक, पाचक, कफ हन तथा श्वास, खांसी, जीर्ण ज्वर, कटिशूल आदि रोगनाशक यह एक रसायन है।
केशर : मूत्रकृच्छ (पेशाब कठिनाई से या रूक रूक कर होना) अतिसार, खांसी, कंठ रोग, (शरीर पर सूजन व पीलापन होना) नाड़ी शूल, शिरो: रोग में लाभकारी। पाचक, भूख, बल व कामवर्द्धक।
मुलेठी: जीवनी शक्ति एवं प्रतिरोधक क्षमता वृद्धिकारक, अजीर्ण, एसिडिटी, अपचन नाशक, बलवीर्यवर्द्धक होती है।
गिलोयः आंतों को क्रियाशील बनाकर मंदाग्नि (भूख की कमी) वमन, तृष्णा (प्यास), दाह (जलन) आदि अनेक रोगों को नष्ट करने वाला यह त्वचा के विभिन्न रोगों को दूर कर विषम ज्वर, जीर्ण ज्वर, पाण्डु रोगों में उपयोगी है।
हरड़: मुरब्बा अतिसार (पतले दस्त), खूनी आंत व ल दस्त में हितकर । आंवला : विटामिन सी का समृद्ध स्रोत है। रक्तकणों एवं चुस्ती स्फूर्ती में वृद्धि कर तथा सर्दी-खांसी से राहत और वीर्य दोष दूर कर अधिक चाय, तम्बाकू और मसालों के सेवन से होने वाली अपचयन व अमलता को कम करने में उपयोगी।
वंग भस्म : रस-रक्त, बल-वीर्य, शुक्राणु एवं शक्तिवर्द्धक है। इलायची : सड़नरोधी (एन्टीसेप्टिक) एवं जीवाणुरोधी (डिसइन्फेक्टेड)।
सेव: मुरब्बा हृदय, मस्तिष्क, यकृत (लीवर), अमाशय को ताकत देता है।
गुलकन्द: पाचन क्रिया को ठीककर भूख बढ़ाता है व शरीर पुष्ट होता है। आंतों व लीवर की शुद्धि एवं शक्ति हेतु विशेष उपयोगी।
केवड़ा जलः यह हृदय, , मस्तिष्क को बल देता है।
रोगाधिकार :

जीवनीय शक्ति और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला अमृतम् फिटनेस की माल्ट एक सम्पूर्ण रसायन है। अतिसार, जीर्ण रोगों- चिकिनगुनिया, स्वाइन फ्लू, डेंगू फीवर, क्षय रोगी (टीबी), लकवा आदि अनेक असाध्य रोगों के पश्चात की कमजोरी में विशेष उपयोगी है।
AMRUTAM Gold Malt पौष्टिक, उत्तेजक, बाजीकर एवं वातनाशक है।

वृद्धावस्था में शक्तिशाली होकर पेट व शरीर के रोगों को दूर कर पेशाब व पखाना साफ लाता है।
रक्त, भूख विकास में भी लाभकारी है। सर्दी-जुकाम, आमवात, खांसी, स्वरभंग रोगों को दूर कर सर्दियों में गर्माहट देता है।
गर्मियों में पसीने की मात्रा कम कर शरीर से आने वाली दुर्गन्ध का नाश करता है।
Amrutam Gold Malt | A Powerful Immunity Booster For All Ages
Amrutam Gold Malt is a blend of some of the finest herbs for easy-to-use integration into your modern lifestyle. Enjoy the best of these nutrient-rich ingredients for holistic well-being!
अमृतम गोल्ड माल्ट सभी उम्र के बच्चों, बड़ों, बुजुर्गों तथा विवाहित अविवाहित महिलाओं के लिए अत्यन्त लाभकारी है।
सेवन विधि -

क्षमता अनुसार 2-3 चम्मच गुनगुने दूध या जल से लेवें । अमृतम् गोल्ड माल्ट को जेम की तरह ब्रेड पर लगाकर अथवा पराठे इत्यादि के साथ भी लिया जा सकता है।
विशेष – अमृतम् गोल्ड माल्ट का नियमित सेवन शरीर को चुस्त और फिट बनाए रखता है तथा स्वास्थ्य की रक्षा करता है।
इसे अंग्रेजी दवाओं के साथ लिया जा सकता है। पथ्य केवल दिन में हरी सब्जियां, फल, फलों का रस, दूध चना आदि लेवें।
अपथ्य अरहर की दाल, नमकीन दही, लालमिर्च, चटपटे आहार, खटाई, फास्टफूड, गरिष्ठ भोजन एवं रात्रि में दही, जूस, फल कम मात्रा में लें एवं पेट साफ रखें, पेट खराब या कब्जियत, अपचन होने की स्थिति में अमृतम् टेबलेट सेवन करें।
विशेष सहयोगी औषधियां

शक्तिहीनता, दुर्बलता, कामांग या शारीरिक क्षीणता से पीड़ित पुरुष प्रातः नाश्ते के बाद 1-2 चम्मच BFERAL GOLD MALT बी. फेराल गोल्ड माल्ट तथा बी. फेराल गोल्ड केप्सूल 1-1 सुबह शाम दूध के साथ लेने से व्यक्तियों में यह जीवन्तता प्रदान करता है। सप्ताह में 2-3 बार KAYAKEY Oil कायाकी तेल की मालिश अवश्य कराए।

केवल पुरुषों के लिए - 40 के बाद... दे शरीर को खाव B Feral Malt & Capsule
केवल स्त्रियों के लिए


स्त्रियों के अनेकानेक रोगों जैसे पीसीओडी, कठिन विनों में कष्ट होना, मासिक धर्म समय पर न होना, अधिक होना या बहुत कम होना, आंखों, तलबों या छाती की जलन, आलस्य, शिथिलता आदि रोगों में NARI SOUNDARY MALT नारी सौन्दर्य माल्ट 2-3 चम्मच एक माह तक निरन्तर दूध के साथ लेवें।
Nari Sondarya Malt

Complete Care For Women's Health And Beauty

Collated from the ancient texts of Vedas, this recipe is composed to restore the dosha imbalance caused by the modern lifestyle.
Primary Benefits

PCOS, Period Pain, Mood Swings

Secondary Benefits

Nari Sondarya Malt balances hormones, improves skin and hair health, balances libido
Dosage

Twice a day on an empty stomach

Primary Ingredients

Ashoka, Lodhra, Shatavari

Duration

3-6 months minimum

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बादाम चन्दन, जैतून तेलों के गुणों से भरपूर Nari Soundary oil स्वास्थ्य के लिए मालिश करने हेतु उपयोगी है। यह त्वचा में कांति प्रदान कर बच्चों व स्त्रियों की सुन्दरता बढ़ाता है।

उत्तर लिखा · 2/2/2023
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शरीर की कमजोरी दूर करने के लिए आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं:

1. पौष्टिक आहार:

  • संतुलित आहार लें जिसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, और वसा उचित मात्रा में हों।

  • फल और सब्जियां खूब खाएं, क्योंकि ये विटामिन और खनिजों के अच्छे स्रोत होते हैं।

  • साबुत अनाज जैसे कि ब्राउन राइस और ओट्स को शामिल करें।

2. नियमित व्यायाम:

  • रोजाना कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें।

  • योगा और प्राणायाम भी शरीर को ऊर्जावान रखने में मदद करते हैं।

3. पर्याप्त नींद:

  • हर रात 7-8 घंटे की नींद लें।

  • सही समय पर सोने और जागने की आदत डालें।

4. पानी:

  • दिन में कम से कम 8-10 गिलास पानी पिएं।

  • पानी शरीर के कार्यों को सही ढंग से चलाने में मदद करता है और थकान को कम करता है।

5. तनाव प्रबंधन:

  • तनाव को कम करने के लिए ध्यान और मनोरंजन करें।

  • अपने शौक को पूरा करें और सामाजिक गतिविधियों में भाग लें।

अधिक जानकारी के लिए आप किसी चिकित्सक या आहार विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं।

उत्तर लिखा · 14/3/2025
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