अग्निपथ - हरिवंश राय बच्चन: यह कविता जीवन में संघर्ष और कठिनाइयों का सामना करने की प्रेरणा देती है। पूरी कविता?
अग्निपथ - हरिवंश राय बच्चन: यह कविता जीवन में संघर्ष और कठिनाइयों का सामना करने की प्रेरणा देती है। पूरी कविता?
निश्चित रूप से, हरिवंश राय बच्चन की कविता "अग्निपथ" यहाँ है:
अग्निपथ
वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने, हों बड़े,
एक पत्र छाँह भी,
माँग मत, माँग मत, माँग मत!
अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!
तू न थकेगा कभी,
तू न रुकेगा कभी,
तू न मुड़ेगा कभी,
कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ!
अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!
यह महान दृश्य है,
चल रहा मनुष्य है,
अश्रु, स्वेद, रक्त से,
लथपथ, लथपथ, लथपथ!
अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!
यह कविता जीवन में संघर्ष और कठिनाइयों का सामना करने की प्रेरणा देती है। बच्चन जी कहते हैं कि जीवन एक अग्निपथ है, एक मुश्किल रास्ता है, और हमें बिना थके, बिना रुके, बिना मुड़े, इस पर चलते रहना चाहिए। हमें किसी से कोई मदद नहीं मांगनी चाहिए, और हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
यह कविता एक प्रेरणादायक कविता है जो हमें जीवन में कभी हार न मानने की शिक्षा देती है।