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प्रेरणा

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निश्चित रूप से, हरिवंश राय बच्चन की कविता "अग्निपथ" यहाँ है:

अग्निपथ

वृक्ष हों भले खड़े,

हों घने, हों बड़े,

एक पत्र छाँह भी,

माँग मत, माँग मत, माँग मत!

अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!

तू न थकेगा कभी,

तू न रुकेगा कभी,

तू न मुड़ेगा कभी,

कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ!

अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!

यह महान दृश्य है,

चल रहा मनुष्य है,

अश्रु, स्वेद, रक्त से,

लथपथ, लथपथ, लथपथ!

अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!

यह कविता जीवन में संघर्ष और कठिनाइयों का सामना करने की प्रेरणा देती है। बच्चन जी कहते हैं कि जीवन एक अग्निपथ है, एक मुश्किल रास्ता है, और हमें बिना थके, बिना रुके, बिना मुड़े, इस पर चलते रहना चाहिए। हमें किसी से कोई मदद नहीं मांगनी चाहिए, और हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।

यह कविता एक प्रेरणादायक कविता है जो हमें जीवन में कभी हार न मानने की शिक्षा देती है।

उत्तर लिखा · 28/2/2025
कर्म · 320
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हाँ, यह कथन सही है। प्रेरणा का तात्पर्य सजीव प्रयास से है। प्रेरणा एक आंतरिक शक्ति है जो किसी व्यक्ति को किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति को कार्य करने के लिए उत्साहित करती है और उसे उस कार्य को पूरा करने के लिए ऊर्जा प्रदान करती है।

प्रेरणा के बिना, कोई भी कार्य करना मुश्किल होता है। प्रेरणा हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक प्रयास करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

यहाँ प्रेरणा के कुछ उदाहरण दिए गए हैं:

  • एक छात्र जो अच्छे ग्रेड प्राप्त करने के लिए प्रेरित है, वह कड़ी मेहनत करेगा और पढ़ाई करेगा।
  • एक एथलीट जो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के लिए प्रेरित है, वह कड़ी मेहनत करेगा और प्रशिक्षण लेगा।
  • एक व्यवसायी जो सफल होने के लिए प्रेरित है, वह कड़ी मेहनत करेगा और अपने व्यवसाय को विकसित करने के लिए जोखिम उठाएगा।

प्रेरणा एक महत्वपूर्ण शक्ति है जो हमें अपने जीवन में सफल होने में मदद कर सकती है।

उत्तर लिखा · 14/3/2025
कर्म · 320
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प्रोत्साहन सिद्धांत बताता है कि प्रेरणा या बल तीन प्रकार के संज्ञान का एक गणितीय कार्य है:

  1. संभावना: किसी विशेष कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने की संभावना
  2. उपकरण: प्रदर्शन और वांछित परिणाम प्राप्त करने के बीच की धारणा
  3. संयोजकता: परिणाम को कितना महत्व दिया जाता है

गणितीय रूप से, इसे इस प्रकार दर्शाया जा सकता है:

प्रेरणा = संभावना × उपकरण × संयोजकता

यह सिद्धांत बताता है कि व्यक्ति प्रेरणा से प्रेरित होते हैं जब उन्हें लगता है कि वे एक कार्य को पूरा कर सकते हैं, कि उनके प्रदर्शन से वांछित परिणाम प्राप्त होंगे, और वे उन परिणामों को महत्व देते हैं।

यह सिद्धांत विक्टर व्रूम द्वारा विकसित किया गया था।

स्रोत:

उत्तर लिखा · 14/3/2025
कर्म · 320
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कवि अज्ञेय ने अपनी कविता "नाच" में जीवन से मृत्यु तक गतिशील रहने की प्रेरणा दी है। इस कविता में, कवि ने नृत्य को जीवन का प्रतीक माना है। जिस प्रकार नर्तक लगातार गतिमान रहता है, उसी प्रकार मनुष्य को भी जीवन में हमेशा चलते रहना चाहिए। उसे कभी भी रुकना या हार नहीं माननी चाहिए।

कविता में, कवि कहते हैं कि नृत्य एक साधना है। यह एक तपस्या है। नर्तक को अपने शरीर और मन को पूरी तरह से समर्पित करना होता है। उसे अपनी सारी ऊर्जा नृत्य में लगानी होती है। तभी वह एक सफल नर्तक बन सकता है। इसी प्रकार, मनुष्य को भी अपने जीवन में एक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। उसे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए। उसे अपने रास्ते में आने वाली बाधाओं से डरना नहीं चाहिए।

कवि कहते हैं कि नृत्य एक उत्सव है। यह एक आनंद है। नर्तक को नृत्य करते समय खुशी मिलती है। वह अपने सारे दुखों को भूल जाता है। इसी प्रकार, मनुष्य को भी अपने जीवन में खुश रहना चाहिए। उसे अपने दुखों को भूलकर आगे बढ़ना चाहिए।

कवि कहते हैं कि नृत्य एक मुक्ति है। यह एक स्वतंत्रता है। नर्तक नृत्य करते समय सभी बंधनों से मुक्त हो जाता है। वह अपनी आत्मा को स्वतंत्र कर देता है। इसी प्रकार, मनुष्य को भी अपने जीवन में सभी बंधनों से मुक्त होना चाहिए। उसे अपनी आत्मा को स्वतंत्र करना चाहिए।

इस प्रकार, कवि अज्ञेय ने "नाच" कविता के माध्यम से मनुष्य को जीवन से मृत्यु तक गतिशील रहने की प्रेरणा दी है। उन्होंने नृत्य को जीवन का प्रतीक मानकर मनुष्य को यह संदेश दिया है कि उसे हमेशा चलते रहना चाहिए, कभी भी रुकना या हार नहीं माननी चाहिए।

उत्तर लिखा · 14/3/2025
कर्म · 320
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कवितामा कसलाई आमा स्वीकारिएको छ? किन?
उत्तर लिखा · 27/5/2023
कर्म · 0
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'संघर्ष स्वीकार है' कविता, जिसके रचयिता हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि गजानन माधव मुक्तिबोध हैं, हमें जीवन में आने वाली कठिनाइयों और चुनौतियों को स्वीकार करने की प्रेरणा देती है। यह कविता हमें सिखाती है कि हमें संघर्षों से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उनका सामना करना चाहिए और उनसे सीखना चाहिए।

इस कविता से मिलने वाली कुछ मुख्य प्रेरणाएँ इस प्रकार हैं:

  • संघर्षों को स्वीकार करना: यह कविता हमें यह समझने में मदद करती है कि जीवन में संघर्ष अपरिहार्य हैं और हमें उनसे भागने की बजाय उन्हें स्वीकार करना चाहिए।
  • आत्म-जागरूकता: यह कविता हमें अपनी कमजोरियों और शक्तियों को पहचानने और उनसे निपटने के लिए प्रेरित करती है।
  • सकारात्मक दृष्टिकोण: यह कविता हमें सिखाती है कि हमें हमेशा सकारात्मक दृष्टिकोण रखना चाहिए, भले ही परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों।
  • निरंतर प्रयास: यह कविता हमें प्रेरित करती है कि हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और हमेशा अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए।

गजानन माधव मुक्तिबोध की यह रचना हमें जीवन के प्रति एक नया दृष्टिकोण प्रदान करती है और हमें चुनौतियों का सामना करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

अधिक जानकारी के लिए, आप एनसीईआरटी (NCERT) की वेबसाइट पर जा सकते हैं: एनसीईआरटी

उत्तर लिखा · 13/3/2025
कर्म · 320
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यूँ
उत्तर लिखा · 17/1/2022
कर्म · 0