हमारे इतिहास में कब से देश भक्ति चली आ रही है?
भारत में देशभक्ति की भावना का इतिहास बहुत पुराना है। यह भावना समय-समय पर अलग-अलग रूपों में प्रकट होती रही है।
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प्राचीन भारत में, देशभक्ति की भावना अपने राज्य या जनपद के प्रति निष्ठा के रूप में देखी जाती थी। लोग अपने राज्य की रक्षा के लिए जान देने को भी तैयार रहते थे।
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महाभारत और रामायण जैसे ग्रंथों में भी देशभक्ति और मातृभूमि के प्रति प्रेम के कई उदाहरण मिलते हैं।
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मध्यकाल में, देशभक्ति की भावना धर्म और संस्कृति से भी जुड़ गई। लोग अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को बचाने के लिए संघर्ष करते थे।
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शिवाजी महाराज, महाराणा प्रताप और गुरु गोबिंद सिंह जैसे शासकों ने देशभक्ति और स्वतंत्रता के लिए मुगलों के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
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आधुनिक काल में, देशभक्ति की भावना राष्ट्रीयता के रूप में विकसित हुई। लोग एक राष्ट्र के रूप में एकजुट होने और विदेशी शासन से मुक्ति पाने के लिए संघर्ष करने लगे।
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महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस और सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे नेताओं ने देशभक्ति की भावना को जगाया और भारत को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस प्रकार, देशभक्ति की भावना भारत के इतिहास में हमेशा से ही मौजूद रही है, और इसने देश को एक सूत्र में बांधने और विकास के पथ पर अग्रसर करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।