महर्षि वेदव्यास जी ने जब महाभारत रचा तो उन्होंने श्री कृष्ण को देखा था, तो उन्होंने उनके असली रूप को क्यों नहीं दर्शाया?
महर्षि वेदव्यास जी ने जब महाभारत रचा तो उन्होंने श्री कृष्ण को देखा था, तो उन्होंने उनके असली रूप को क्यों नहीं दर्शाया?
महाभारत में महर्षि वेदव्यास जी ने श्रीकृष्ण को साक्षात देखा था, परंतु उनके असली रूप को न दर्शाने के कई कारण हो सकते हैं:
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कथा की आवश्यकता:
महाभारत एक कथा है, और कथा को रोचक और प्रभावी बनाने के लिए कुछ बातों को रहस्यमय रखना आवश्यक होता है। श्रीकृष्ण के पूरे स्वरूप को दर्शाने से कथा का प्रभाव कम हो सकता था।
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भक्ति और श्रद्धा:
श्रीकृष्ण के पूरे स्वरूप को समझ पाना सामान्य मनुष्यों के लिए कठिन है। इसलिए, व्यास जी ने उनके उस रूप को दर्शाया जो लोगों के लिए समझने और भक्ति करने में सहायक हो।
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संदेश की प्रधानता:
महाभारत का मुख्य उद्देश्य धर्म, न्याय और कर्तव्य का संदेश देना था। श्रीकृष्ण को एक साधारण मनुष्य के रूप में चित्रित करके, व्यास जी ने यह संदेश दिया कि धर्म और न्याय का पालन कोई भी कर सकता है।
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दर्शक वर्ग:
महाभारत को सभी वर्गों के लोगों के लिए लिखा गया था। श्रीकृष्ण के पूर्ण स्वरूप को दर्शाने से कुछ लोग भ्रमित हो सकते थे या उन्हें समझने में कठिनाई हो सकती थी।
इन कारणों से, व्यास जी ने श्रीकृष्ण के असली रूप को पूरी तरह से न दर्शाकर, उनके एक ऐसे रूप को प्रस्तुत किया जो कथा, भक्ति, संदेश और दर्शक वर्ग सभी के लिए उपयुक्त था।
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