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हिंदी के शब्द भंडार के निर्माण में आगत शब्दों की उपस्थिति पर प्रकाश डालिए?
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हिंदी भाषा के शब्द भंडार के निर्माण में आगत शब्दों (विदेशी शब्दों) का महत्वपूर्ण योगदान है। विभिन्न संस्कृतियों और भाषाओं के साथ संपर्क के कारण, हिंदी ने कई विदेशी शब्दों को अपनाया है और उन्हें अपने शब्द भंडार में शामिल किया है।
आगत शब्दों के कुछ प्रमुख स्रोत:
- संस्कृत: हिंदी का सबसे महत्वपूर्ण स्रोत संस्कृत है। तत्सम और तद्भव शब्दों के रूप में संस्कृत के कई शब्द हिंदी में उपयोग किए जाते हैं।
- अरबी और फारसी: मुगल शासन के दौरान, अरबी और फारसी के कई शब्द हिंदी में शामिल हुए। जैसे: किताब, कानून, अदालत, अमीर, गरीब, आदि।
- अंग्रेजी: ब्रिटिश शासन के प्रभाव के कारण, अंग्रेजी के कई शब्द हिंदी में उपयोग किए जाते हैं। जैसे: स्कूल, कॉलेज, ऑफिस, डॉक्टर, स्टेशन, आदि।
- पुर्तगाली: पुर्तगाली व्यापारियों के साथ संपर्क के कारण, कुछ पुर्तगाली शब्द भी हिंदी में आए। जैसे: चाबी, आलमारी, बाल्टी, आदि।
- अन्य भाषाएँ: इनके अलावा, तुर्की, फ्रेंच, और अन्य भाषाओं से भी कुछ शब्द हिंदी में आए हैं।
आगत शब्दों ने हिंदी भाषा को समृद्ध किया है और इसे विभिन्न विषयों और संदर्भों में अधिक अभिव्यंजक बनाया है। इन शब्दों के कारण, हिंदी का शब्द भंडार व्यापक और विविध है।
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