इतिहास
मध्यकालीन इतिहास
1. दक्षिण पूर्व एशिया के साथ भारत का संबंध। 2. भारत में अरब आक्रमण। 3. महमूद ग़ज़नवी। 4. मुहम्मद ग़ोरी?
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1. दक्षिण पूर्व एशिया के साथ भारत का संबंध। 2. भारत में अरब आक्रमण। 3. महमूद ग़ज़नवी। 4. मुहम्मद ग़ोरी?
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1. दक्षिण पूर्व एशिया के साथ भारत का संबंध:
भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच सदियों से घनिष्ठ संबंध रहे हैं, जो व्यापार, संस्कृति और धर्म के माध्यम से बने हैं।
- ऐतिहासिक संबंध: प्राचीन काल से, भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच समुद्री व्यापार मार्ग स्थापित थे। इसके माध्यम से भारतीय संस्कृति, धर्म (विशेष रूप से हिंदू धर्म और बौद्ध धर्म), कला और साहित्य का प्रसार हुआ।
- सांस्कृतिक प्रभाव: दक्षिण पूर्व एशिया के कई देशों में भारतीय संस्कृति के स्पष्ट प्रभाव देखे जा सकते हैं। उदाहरण के लिए, थाईलैंड, कंबोडिया और इंडोनेशिया में भारतीय मंदिरों और स्मारकों की वास्तुकला में भारतीय प्रभाव स्पष्ट है।
- आर्थिक संबंध: भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के बीच मजबूत आर्थिक संबंध हैं। आसियान (ASEAN) के साथ भारत का मुक्त व्यापार समझौता है, जिससे व्यापार और निवेश को बढ़ावा मिला है।
- सामरिक संबंध: भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के देश आतंकवाद, समुद्री सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर सहयोग करते हैं। भारत की "एक्ट ईस्ट पॉलिसी" दक्षिण पूर्व एशिया के साथ संबंधों को मजबूत करने पर केंद्रित है।
2. भारत में अरब आक्रमण:
भारत पर अरबों का पहला आक्रमण 712 ईस्वी में मुहम्मद बिन कासिम के नेतृत्व में हुआ था।
- सिंध पर विजय: मुहम्मद बिन कासिम ने सिंध के राजा दाहिर को हराया और सिंध पर अरबों का शासन स्थापित किया।
- परिणाम: अरबों का शासन सिंध तक ही सीमित रहा और वे भारत के अन्य हिस्सों में अपना विस्तार नहीं कर पाए। हालांकि, इस आक्रमण से भारत में इस्लामी संस्कृति और विचारों का प्रवेश हुआ।
3. महमूद ग़ज़नवी:
महमूद ग़ज़नवी एक तुर्क शासक था जिसने 10वीं और 11वीं शताब्दी में भारत पर कई आक्रमण किए।
- आक्रमणों का उद्देश्य: महमूद ग़ज़नवी के आक्रमणों का मुख्य उद्देश्य भारत से धन लूटना था। उसने सोमनाथ मंदिर जैसे कई धनी मंदिरों को लूटा।
- परिणाम: महमूद ग़ज़नवी के आक्रमणों से भारत में राजनीतिक अस्थिरता आई और उत्तर भारत के कई राज्य कमजोर हो गए।
4. मुहम्मद ग़ोरी:
मुहम्मद ग़ोरी भी एक तुर्क शासक था जिसने 12वीं शताब्दी में भारत पर आक्रमण किए।
- तराइन का युद्ध: मुहम्मद ग़ोरी ने 1191 में तराइन के पहले युद्ध में पृथ्वीराज चौहान से हार गया, लेकिन 1192 में तराइन के दूसरे युद्ध में उसने पृथ्वीराज चौहान को हराया और दिल्ली पर अपना नियंत्रण स्थापित किया।
- परिणाम: मुहम्मद ग़ोरी की विजय ने भारत में मुस्लिम शासन की स्थापना की नींव रखी। उसके गुलाम कुतुब-उद-दीन ऐबक ने दिल्ली सल्तनत की स्थापना की।