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तत्वज्ञान

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+8 ऑक्सीकरण अवस्था दिखाने वाला संक्रमण तत्व रूथेनियम (Ru) और ऑस्मियम (Os) है।

उदाहरण: रूथेनियम टेट्राऑक्साइड (RuO4), ऑस्मियम टेट्राऑक्साइड (OsO4)

रूथेनियम और ऑस्मियम दोनों ही प्लेटिनम समूह के सदस्य हैं। ये तत्व कुछ विशिष्ट परिस्थितियों में +8 ऑक्सीकरण अवस्था प्राप्त कर सकते हैं जब वे फ्लोरीन या ऑक्सीजन जैसे अत्यधिक विद्युत ऋणात्मक परमाणुओं से बंधते हैं।

संदर्भ:

उत्तर लिखा · 13/3/2025
कर्म · 320
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मांसपेशियों में संकुचन के लिए कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे खनिजों की आवश्यकता होती है।

  • कैल्शियम: कैल्शियम मांसपेशियों के संकुचन के लिए आवश्यक है क्योंकि यह एक्टिन और मायोसिन प्रोटीन के बीच बंधन में मदद करता है। यह बंधन ही मांसपेशियों के संकुचन का कारण बनता है।
  • पोटेशियम: पोटेशियम मांसपेशियों की कोशिकाओं में विद्युत संकेतों को उत्पन्न करने में मदद करता है, जो मांसपेशियों के संकुचन के लिए आवश्यक हैं।
  • मैग्नीशियम: मैग्नीशियम मांसपेशियों को आराम करने में मदद करता है और मांसपेशियों में ऐंठन को रोकने में मदद करता है।

अधिक जानकारी के लिए आप निम्न लिंक पर जा सकते हैं:

उत्तर लिखा · 13/3/2025
कर्म · 320
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जब दो या दो से अधिक तत्व आपस में मिलते हैं, तो हमें यौगिक (compound) या मिश्रण (mixture) प्राप्त होता है।

यौगिक (Compound):

  • जब दो या दो से अधिक तत्व रासायनिक रूप से (chemically) एक निश्चित अनुपात में मिलते हैं, तो एक यौगिक बनता है।
  • यौगिक के गुणधर्म उसके घटकों के गुणधर्मों से अलग होते हैं।
  • उदाहरण: पानी (H2O), नमक (NaCl), कार्बन डाइऑक्साइड (CO2)

मिश्रण (Mixture):

  • जब दो या दो से अधिक तत्व या यौगिक भौतिक रूप से (physically) किसी भी अनुपात में मिलते हैं, तो मिश्रण बनता है।
  • मिश्रण में घटकों के गुणधर्म बरकरार रहते हैं।
  • मिश्रण को भौतिक विधियों द्वारा अलग किया जा सकता है।
  • उदाहरण: हवा, मिट्टी, चीनी और पानी का घोल

अधिक जानकारी के लिए, आप निम्नलिखित वेबसाइट देख सकते हैं:

  1. Science Learning Hub - Elements, Compounds and Mixtures
उत्तर लिखा · 13/3/2025
कर्म · 320
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राज्य के विकास के प्रमुख तत्व निम्नलिखित हैं:

  1. आर्थिक विकास:
    • यह प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि, गरीबी में कमी, और जीवन स्तर में सुधार को दर्शाता है।
    • उदाहरण: सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि, रोजगार सृजन, और उद्योगों का विकास।
    • स्रोत: Investopedia - Economic Growth
  2. सामाजिक विकास:
    • इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, और सामाजिक सुरक्षा जैसी चीजें शामिल हैं।
    • उदाहरण: शिशु मृत्यु दर में कमी, साक्षरता दर में वृद्धि, और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता।
    • स्रोत: United Nations - Social Development
  3. बुनियादी ढांचा:
    • इसमें सड़कें, पुल, बिजली, पानी, और संचार जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
    • उदाहरण: बेहतर परिवहन नेटवर्क, ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि, और संचार प्रौद्योगिकियों का विकास।
    • स्रोत: World Bank - Infrastructure
  4. पर्यावरण संरक्षण:
    • यह प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और प्रदूषण को कम करने से संबंधित है।
    • उदाहरण: नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग, वन संरक्षण, और जल प्रदूषण नियंत्रण।
    • स्रोत: UNEP - Environment Programme
  5. सुशासन:
    • यह पारदर्शिता, जवाबदेही, और भ्रष्टाचार मुक्त शासन को दर्शाता है।
    • उदाहरण: कानूनों का प्रभावी कार्यान्वयन, नागरिकों की भागीदारी, और न्यायपालिका की स्वतंत्रता।
    • स्रोत: UNDP - Governance

ये सभी तत्व एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और राज्य के समग्र विकास में योगदान करते हैं। इन तत्वों पर ध्यान केंद्रित करके, राज्य अपने नागरिकों के लिए बेहतर भविष्य बना सकते हैं।

उत्तर लिखा · 13/3/2025
कर्म · 320
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शोध का प्रथम तत्व है जिज्ञासा (Curiosity)।

किसी भी शोध की शुरुआत एक प्रश्न या एक समस्या से होती है जिसे जानने या हल करने की जिज्ञासा शोधकर्ता के मन में होती है। यह जिज्ञासा ही उसे शोध करने के लिए प्रेरित करती है।

अन्य महत्वपूर्ण तत्व:

  • समस्या की पहचान: शोध के लिए एक स्पष्ट और विशिष्ट समस्या का होना आवश्यक है।
  • साहित्य समीक्षा: पहले से मौजूद ज्ञान और शोध का अध्ययन करना।
  • उद्देश्य निर्धारण: शोध के लक्ष्यों और उद्देश्यों को परिभाषित करना।

अधिक जानकारी के लिए आप निम्न स्रोत देख सकते हैं:

उत्तर लिखा · 13/3/2025
कर्म · 320
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नीति निदेशक तत्व (Directive Principles of State Policy) भारतीय संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 36 से 51 तक वर्णित हैं। ये तत्व राज्य के लिए आदर्श होते हैं, जिनका पालन करते हुए उसे कानून बनाने चाहिए और शासन करना चाहिए।

मुख्य बातें:

  • ये तत्व न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं, यानि कि यदि सरकार इनका पालन नहीं करती है तो आप न्यायालय में नहीं जा सकते।
  • ये देश के शासन में मौलिक हैं और कानून बनाते समय इन तत्वों को लागू करना राज्य का कर्तव्य होगा।
  • इनका उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना करना है।

कुछ महत्वपूर्ण नीति निदेशक तत्व:

  • अनुच्छेद 39: राज्य यह सुनिश्चित करेगा कि नागरिकों को आजीविका के पर्याप्त साधन प्राप्त हों, संसाधनों का समान वितरण हो, और धन का संकेंद्रण न हो।
  • अनुच्छेद 40: ग्राम पंचायतों का संगठन।
  • अनुच्छेद 41: कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार।
  • अनुच्छेद 43: कर्मकारों के लिए निर्वाह मजदूरी आदि।
  • अनुच्छेद 44: नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता।
  • अनुच्छेद 45: बालकों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान।
  • अनुच्छेद 48: कृषि और पशुपालन का संगठन।
  • अनुच्छेद 48A: पर्यावरण का संरक्षण और संवर्धन और वन्य जीवों की रक्षा।
  • अनुच्छेद 49: राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों और स्थानों का संरक्षण।
  • अनुच्छेद 50: कार्यपालिका से न्यायपालिका का पृथक्करण।
  • अनुच्छेद 51: अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देना।

अधिक जानकारी के लिए:

उत्तर लिखा · 13/3/2025
कर्म · 320
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किसी व्यक्ति वस्तु स्थान या किसी विषय के बारे में अध्ययन करना जानना या समझना  और अपने उसे अपने जीवन में उतारना ही ज्ञान है ज्ञान एक ऐसा रत्न है जिसको जितना ग्रहण करो या दूसरों को दो ये उतना ही बड़ता जाता है ज्ञान के बिना हमारा जीवन अधूरा है ज्ञान के बिना हमारा कोई अस्तित्व या वजूद नहीं है ज्ञान हमारे मानसिक एवं व्यक्तित्व विकास के लिए बहुत ज़रूरी है ज्ञान से हमारे सोचने समझने कि शक्ति और मस्तिष्क का विकास होता है। ज्ञान से हम अपने जीवन को सरल और आसान बना सकते है हैं जितना ज्ञान प्राप्त करते उतनी ही हमारी सोच और समझ विकसित होती है ज्ञान हर व्यक्ति के लिए जरूरी है हमें इस दुनिया को समझने के लिए ज्ञान बहुत जरूरी है।क्या सही है या क्या गलत है क्या करना चाहिए या क्या करना चाहिए या सही निर्णय लेने के लिए ज्ञान होना आवश्यक है  ज्ञान प्राप्त करके व्यक्ति कुछ भी कर सकता है या बन सकता है व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिए अच्छा ज्ञान, अच्छी सोच, अच्छी शिक्षा, अच्छे संस्कार, अच्छा चरित्र, किसी काम को करने का साहस,महान विचार, और अपने आप पर विश्वास होना जरूरी है।इनके बिना व्यक्ति कुछ भी नहीं कर सकता है और ये सब जिस के पास है वह व्यक्ति कभी भी असफल नहीं हो सकता है और उस दुनिया में कुछ करके या बन के दिखाता है व्यक्ति को जीवन भर सीखते रहना चाहिए व्यक्ति को प्रकृति की प्रत्येक वस्तु जीव - जंतु ,पेड़ - पौधों और हर प्राणी से कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है हमें हर व्यक्ति से सीखना चाहिए चाहे वह छोटा हो या बड़ा हमें अपनी गलतियों एवं दूसरो कि गलतियों से भी सीखना चाहिए हम जितना सीखते है या ज्ञान प्राप्त करते है हमारे लिए उतना ही अच्छा है ज्ञान चरित्र एवं व्यक्तित्व विकास के लिए बहुत जरूरी है ज्ञान ही हमारे जीवन का आधार है।
उत्तर लिखा · 5/5/2020
कर्म · 4860