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वैज्ञानिक

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चमन नामक किसी वैज्ञानिक ने सृजनात्मकता को नवीन रचना या उत्पादन में होने की बात कही है, इसका कोई ज्ञात संदर्भ नहीं है। सृजनात्मकता पर कई मनोवैज्ञानिकों और विचारकों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  • जे. पी. गिलफोर्ड: उन्होंने सृजनात्मकता को अपसारी सोच (divergent thinking) से जोड़ा है, जो नए और विविध विचारों को उत्पन्न करने की क्षमता है।Simply Psychology
  • एलन न्यूवेल और हर्बर्ट साइमन: उन्होंने समस्या-समाधान के संदर्भ में सृजनात्मकता को देखा, जिसमें नए और उपयोगी समाधान खोजने पर जोर दिया जाता है। Science Direct
  • मिहाली सिस्ज़ेंटमिहाली: उन्होंने "फ्लो" (flow) की अवधारणा दी, जिसमें सृजनात्मकता एक ऐसी अवस्था है जब व्यक्ति पूरी तरह से अपने कार्य में लीन हो जाता है और नए विचार उत्पन्न होते हैं। Simply Psychology

यदि "चमन" नामक किसी वैज्ञानिक ने यह बात कही है, तो कृपया उस स्रोत की जानकारी दें ताकि उसे सत्यापित किया जा सके।

उत्तर लिखा · 14/3/2025
कर्म · 320
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वैज्ञानिक अनुवाद वह प्रक्रिया है जिसमें वैज्ञानिक पाठ को एक भाषा से दूसरी भाषा में सटीकता और स्पष्टता के साथ अनुवाद किया जाता है। इसमें वैज्ञानिक शब्दावली, अवधारणाओं और शैली का गहन ज्ञान शामिल है।

वैज्ञानिक अनुवाद के कुछ पहलू:

  • सटीकता: अनुवाद में वैज्ञानिक अवधारणाओं और डेटा को सही ढंग से प्रस्तुत करना महत्वपूर्ण है।
  • स्पष्टता: अनुवाद को स्पष्ट और समझने में आसान होना चाहिए।
  • शब्दावली: वैज्ञानिक शब्दावली का सही उपयोग आवश्यक है।
  • शैली: अनुवाद को मूल पाठ की शैली को बनाए रखना चाहिए।

वैज्ञानिक अनुवादकों को विज्ञान और अनुवाद दोनों में विशेषज्ञता होनी चाहिए। उन्हें वैज्ञानिक विषयों की गहरी समझ होनी चाहिए और साथ ही भाषाई कौशल भी होना चाहिए। वे अक्सर वैज्ञानिक, इंजीनियर या अन्य विशेषज्ञ होते हैं जिन्हें अनुवाद में प्रशिक्षित किया गया है।

वैज्ञानिक अनुवाद का उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाता है, जिनमें शामिल हैं:

  • वैज्ञानिक अनुसंधान के परिणामों का प्रसार
  • वैज्ञानिक और तकनीकी जानकारी का आदान-प्रदान
  • वैज्ञानिक साहित्य का अनुवाद
  • वैज्ञानिक पेटेंट का अनुवाद

वैज्ञानिक अनुवाद एक जटिल और चुनौतीपूर्ण प्रक्रिया है, लेकिन यह वैज्ञानिक ज्ञान के प्रसार और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए आवश्यक है।

उत्तर लिखा · 14/3/2025
कर्म · 320
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वैज्ञानिक कहते हैं कि गाय एकमात्र ऐसा प्राणी है, जो ऑक्सीजन ग्रहण करता है और ऑक्सीजन ही छोड़ता है, जबकि मनुष्य सहित सभी प्राणी ऑक्सीजन लेते और कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ते हैं। पेड़-पौधे इसका ठीक उल्टा करते हैं।
 
 रूस में गाय के घी से हवन पर वैज्ञानिक प्रयोग किए गए हैं। एक तोला (10 ग्राम) गाय के घी से यज्ञ करने पर एक टन ऑक्सीजन बनती है।
 
 देशी गाय के एक ग्राम गोबर में कम से कम 300 करोड़ जीवाणु होते हैं। यह जीवाणु खेतों के बहुत से कीटाणुओं को मार कर खेत की मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं। भारतीय गाय के गोबर से बनी खाद ही कृषि के लिए सबसे उपयुक्त साधन है। खेती के लिए भारतीय गाय का गोबर अमृत समान माना जाता था। हरित क्रांति से पहले खेतों को गाय के गोबर में गौमूत्र, नीम, धतूरा, आक आदि के पत्तों को मिलाकर बनाए गए कीटनाशक द्वारा किसी भी प्रकार के कीड़ों से बचाया जाता था।

 
 पंचगव्य का निर्माण गाय के दूध, दही, घी, मूत्र, गोबर द्वारा किया जाता है। पंचगव्य कई रोगों में लाभदायक है। पंचगव्य द्वारा शरीर की रोग निरोधक क्षमता को बढ़ाकर रोगों को दूर किया जाता है। पंचगव्य से गुजरात के बलसाड़ नामक स्थान के निकट कैंसर अस्पताल में 3 हजार से अधिक कैंसर रोगियों का इलाज हो चुका है। पंचगव्य के कैंसरनाशक प्रभावों पर यूएस से पेटेंट भारत ने प्राप्त किए हैं। 6 पेटेंट अभी तक गौमूत्र के अनेक प्रभावों पर प्राप्त किए जा चुके हैं।
 
गाय एकमात्र ऐसा पशु है जिसका सब कुछ सभी की सेवा में काम आता है। गाय का दूध, मूत्र, गोबर के अलावा दूध से निकला घी, दही, छाछ, मक्खन आदि सभी बहुत ही उपयोगी है। स्वामी दयानंद सरस्वती कहते हैं कि एक गाय अपने जीवन काल में 4,10,440 मनुष्यों हेतु एक समय का भोजन जुटाती है जबकि उसके मांस से 80 मांसाहारी लोग अपना पेट भर सकते हैं।
 
उत्तर लिखा · 19/11/2022
कर्म · 1610
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हमारे भारत देश के स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद बहुत से वैज्ञानिक हुए, जिनमे खास हैं विक्रम साराभाई, होमी जहांगीर भाभा, सतीश धवन, एपीजे अब्दुल कलाम और भी वैज्ञानिक हैं, उनमें से ये लोग प्रसिद्ध हैं।
उत्तर लिखा · 7/11/2022
कर्म · 655
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चंद्र ग्रहण यानी कि भगवान को कष्ट पड़ रहा है।
उत्तर लिखा · 8/11/2022
कर्म · 0
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निश्चित रूप से, यहां वैज्ञानिक नामकरण के आधुनिक नियम दिए गए हैं:

वैज्ञानिक नामकरण के आधुनिक नियम अंतर्राष्ट्रीय नामकरण संहिता (International Code of Nomenclature) द्वारा शासित होते हैं, जो जीवों के नामकरण के लिए नियमों और सिफारिशों का एक समूह है। इन नियमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक जीव का एक अद्वितीय और स्थिर नाम हो, जिसका उपयोग दुनिया भर के वैज्ञानिक कर सकें।

वैज्ञानिक नामकरण के कुछ प्रमुख नियम इस प्रकार हैं:

  • द्विपद नामकरण: प्रत्येक प्रजाति को दो शब्दों से मिलकर बने एक वैज्ञानिक नाम से जाना जाता है, पहला शब्द जीनस (Genus) का नाम होता है और दूसरा शब्द प्रजाति (Species) का नाम होता है। जीनस का नाम हमेशा बड़े अक्षर से शुरू होता है, जबकि प्रजाति का नाम हमेशा छोटे अक्षर से शुरू होता है। उदाहरण के लिए, मनुष्य का वैज्ञानिक नाम होमो सेपियन्स (Homo sapiens) है।
  • प्राथमिकता का नियम: यदि किसी जीव के लिए एक से अधिक नाम प्रस्तावित किए गए हैं, तो सबसे पहले प्रकाशित नाम को प्राथमिकता दी जाती है।
  • प्रकार का नमूना: प्रत्येक प्रजाति के लिए, एक प्रकार का नमूना (Type specimen) निर्दिष्ट किया जाता है, जो उस प्रजाति के नाम के लिए एक संदर्भ बिंदु के रूप में कार्य करता है।
  • मानकीकृत प्रत्यय: जैविक वर्गीकरण के विभिन्न स्तरों के लिए मानकीकृत प्रत्यय का उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए, परिवार के नाम आमतौर पर "-एसीएई" ( -aceae) प्रत्यय के साथ समाप्त होते हैं।
  • लैटिन या ग्रीक भाषा: वैज्ञानिक नाम आमतौर पर लैटिन या ग्रीक भाषा से लिए जाते हैं, क्योंकि ये भाषाएँ ऐतिहासिक रूप से विज्ञान की भाषाएँ रही हैं और व्यापक रूप से समझी जाती हैं।

इन नियमों का पालन करके, वैज्ञानिक यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि जीवों के नामकरण में स्थिरता और स्पष्टता बनी रहे, जिससे वैज्ञानिक संचार और अनुसंधान को बढ़ावा मिले।

अधिक जानकारी के लिए, आप अंतर्राष्ट्रीय नामकरण संहिता की वेबसाइट देख सकते हैं: https://www.iaptglobal.org/code

उत्तर लिखा · 13/3/2025
कर्म · 320
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ज़रूर, यहाँ "वैज्ञानिक" शब्द से वाक्य दिए गए हैं:

  1. वैज्ञानिक अनुसंधान नए ज्ञान की खोज के लिए महत्वपूर्ण है।
  2. वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में सफलता हासिल की। (स्रोत: जैव प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार)
  3. वैज्ञानिक सिद्धांतों को समझने के लिए प्रयोग करना आवश्यक है।
  4. यह एक वैज्ञानिक तथ्य है कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घूमती है।
  5. वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन एक गंभीर खतरा है। (स्रोत: जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल)
उत्तर लिखा · 13/3/2025
कर्म · 320