
कपड़े
- सॉलिड व्हाइट शर्ट: यह एक क्लासिक और बहुमुखी विकल्प है जो हर पुरुष के पास होना चाहिए।
- लाइट ब्लू शर्ट: यह रंग ऑफिस और कैजुअल दोनों तरह के मौकों के लिए अच्छा है।
- डबल पॉकेट शर्ट: यह शर्ट आपके लुक को स्टाइलिश और सोफिस्टिकेटेड बनाती है।
- स्ट्राइप्ड शर्ट: वर्टिकल स्ट्राइप्स हमेशा से ही फैशन में रहे हैं, और 2021 में भी इनका ट्रेंड जारी रहेगा। यह आपको पतला और लंबा दिखाने में मदद करते हैं।
- फ्लोरल डिजाइन: फ्लोरल पैटर्न 1970 के दशक से लोकप्रिय रहे हैं और कैजुअल वियर में हमेशा ट्रेंड में रहते हैं।
- चेक्ड शर्ट: फुल स्लीव प्रिंटेड शर्ट हर अवसर के लिए उपयुक्त हैं। आप इन्हें कैजुअल आउटिंग, फैमिली फंक्शन या किसी भी तरह के गैदरिंग में पहन सकते हैं।
- कॉटन (Cotton): यह सबसे आम और लोकप्रिय कपड़ा है, जो शर्ट के लिए इस्तेमाल होता है। यह आरामदायक, सांस लेने योग्य और किफायती होता है।
स्रोत: Threads Magazine
- लिनेन (Linen): यह कपड़ा गर्मियों के लिए बहुत अच्छा होता है, क्योंकि यह बहुत हल्का और हवादार होता है। हालांकि, यह आसानी से झुर्रीदार हो जाता है।
स्रोत: Gentleman's Gazette
- रेयॉन (Rayon): यह कपड़ा मुलायम और आरामदायक होता है, और इसमें अच्छी ड्रैपिंग होती है। यह अक्सर कॉटन के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
- पॉलिएस्टर (Polyester): यह कपड़ा टिकाऊ और झुर्री प्रतिरोधी होता है। यह अक्सर अन्य कपड़ों के साथ मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है।
- सिल्क (Silk): यह एक शानदार कपड़ा है, जो बहुत ही मुलायम और चमकदार होता है। यह विशेष अवसरों के लिए शर्ट बनाने के लिए उपयुक्त है।
- Chambray: यह कॉटन की तरह दिखने वाला कपड़ा है जो शर्ट के लिए उपयोग किया जाता है और गर्मी में आरामदायक होता है l
स्रोत: The Modest Man
- टवील (Twill): टवील एक प्रकार का बुनाई पैटर्न है जो कपड़े में एक विकर्ण रेखा बनाता है। टवील बुनाई वाले कपड़े अधिक टिकाऊ और झुर्री प्रतिरोधी होते हैं।
स्रोत: Masterclass
कोयले की खानों में मजदूर कपड़े की टोपी पहनकर काम इसलिए नहीं करते हैं, इसके कई कारण हैं:
- सुरक्षा: कोयले की खानों में मीथेन और कोयले की धूल जैसी ज्वलनशील गैसों का खतरा होता है। कपड़े की टोपी में स्थैतिक बिजली (static electricity) जमा हो सकती है, जिससे चिंगारी निकलने का खतरा बढ़ जाता है और विस्फोट हो सकता है।
- दुर्घटना का जोखिम: खानों में ऊपर से पत्थर या अन्य सामग्री गिरने का खतरा बना रहता है। कपड़े की टोपी पर्याप्त सुरक्षा प्रदान नहीं करती है, जबकि हेलमेट सिर को गंभीर चोट से बचा सकता है।
- पहचान: खदान में काम करने वाले श्रमिकों को आसानी से पहचानने के लिए हेलमेट का इस्तेमाल किया जाता है। अलग-अलग विभागों या भूमिकाओं के लिए अलग-अलग रंग के हेलमेट हो सकते हैं।
- नियम और मानक: कोयला खानों में सुरक्षा नियमों और मानकों का पालन करना अनिवार्य होता है, जिसके तहत श्रमिकों को हेलमेट पहनना आवश्यक है।
इन कारणों से, कोयले की खानों में काम करने वाले मजदूर कपड़े की टोपी की जगह हेलमेट पहनते हैं, जो उन्हें बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है।
पटोला, बंधनी, और गद्दर कपड़े बनाने की प्रक्रिया इस प्रकार है:
1. पटोला:
- पटोला एक प्रकार का डबल इक्कत बुनाई वाला कपड़ा है, जो गुजरात में बनाया जाता है।
- इसे बनाने के लिए, रेशम के धागों को पहले बांधा जाता है और फिर रंगा जाता है, ताकि बुनाई के बाद एक विशेष डिज़ाइन बन सके।
- यह प्रक्रिया बहुत ही जटिल और समय लेने वाली होती है, इसलिए पटोला के कपड़े बहुत महंगे होते हैं।
- अधिक जानकारी के लिए, आप विकिपीडिया पर जा सकते हैं।
2. बंधनी:
- बंधनी, जिसे टाई-डाई के नाम से भी जाना जाता है, एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें कपड़े को बांधकर रंगा जाता है।
- कपड़े के छोटे-छोटे हिस्सों को धागे से कसकर बांध दिया जाता है, जिससे रंग उन हिस्सों तक नहीं पहुंच पाता।
- जब कपड़े को रंगा जाता है और फिर खोला जाता है, तो बंधे हुए हिस्से बिना रंग के रह जाते हैं, जिससे एक विशेष डिज़ाइन बनता है।
- यह तकनीक भारत में बहुत लोकप्रिय है, खासकर राजस्थान और गुजरात में।
- अधिक जानकारी के लिए, आप विकिपीडिया पर जा सकते हैं।
3. गद्दर:
- गद्दर कपड़े मुख्य रूप से राजस्थान में बनाए जाते हैं।
- ये कपड़े अपनी अनूठी शैली और डिजाइन के लिए जाने जाते हैं।
- गद्दर बनाने की प्रक्रिया में विभिन्न प्रकार की कढ़ाई और अलंकरण का उपयोग किया जाता है, जो इसे एक विशेष रूप देते हैं।
जब कांच की छड़ को रेशम के कपड़े पर रगड़ा जाता है, तो कांच की छड़ से इलेक्ट्रॉन रेशम के कपड़े में चले जाते हैं।
इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप:
- कांच की छड़ पर धनात्मक आवेश (positive charge) आ जाता है, क्योंकि उस पर इलेक्ट्रॉनों की कमी हो जाती है।
- रेशम के कपड़े पर ऋणात्मक आवेश (negative charge) आ जाता है, क्योंकि उस पर इलेक्ट्रॉनों की अधिकता हो जाती है।
जब यह धनात्मक आवेशित कांच की छड़ कागज के छोटे टुकड़ों के पास लाई जाती है, तो कागज के टुकड़े स्थिरवैद्युत आकर्षण (electrostatic attraction) के कारण छड़ की ओर आकर्षित होते हैं। कागज के टुकड़े तटस्थ होते हैं, लेकिन छड़ के धनात्मक आवेश के कारण उनमें ध्रुवीकरण (polarization) होता है, जिससे वे छड़ की ओर आकर्षित होते हैं।
इसे triboelectric प्रभाव भी कहा जाता है।