
अधिकारी
मुझे माफ़ करना, लेकिन मैं निश्चित नहीं हूँ कि आपकी जानकारी को समझने के लिए मेरे पास पर्याप्त जानकारी है।
रामलाल अधिकारी एक नेपाली नाटककार हैं, जिन्होंने नेपाली साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनकी नाटककारिता की कुछ प्रमुख बातें:
- सामाजिक मुद्दे: रामलाल अधिकारी के नाटकों में अक्सर सामाजिक मुद्दों को उठाया जाता है। वे अपने नाटकों के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराइयों और अन्याय को उजागर करते हैं।
- यथार्थवादी चित्रण: उनके नाटकों में यथार्थवादी चित्रण देखने को मिलता है। वे पात्रों और स्थितियों को वास्तविक रूप में प्रस्तुत करते हैं, जिससे दर्शक उनसे आसानी से जुड़ पाते हैं।
- भाषा: रामलाल अधिकारी की भाषा सरल और स्पष्ट होती है, जो उनके नाटकों को समझने में आसान बनाती है।
- प्रमुख नाटक: उनके कुछ प्रमुख नाटकों में 'अधिकारको खोजी', 'बलिदान' और 'मुक्ति' शामिल हैं।
रामलाल अधिकारी की नाटककारिता नेपाली साहित्य के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान है, और उनके नाटकों ने समाज को जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अधिक जानकारी के लिए, आप निम्नलिखित वेबसाइट पर जा सकते हैं:
- जानकी साहित्य: रामलाल अधिकारी: जीवन र कृति
दुर्योधन ने पांडवों को उनका अधिकार देने से मना कर दिया क्योंकि:
- वंशानुगत अधिकार का अभाव: दुर्योधन का मानना था कि पांडव उनके पिता पांडु के पुत्र थे, जो सिंहासन के उत्तराधिकारी नहीं बन सकते थे क्योंकि वे जन्म से ही अस्वस्थ थे। दुर्योधन खुद धृतराष्ट्र का पुत्र था, जो सिंहासन का वर्तमान अधिकारी था। इसलिए, दुर्योधन का मानना था कि पांडवों का राज्य पर कोई वंशानुगत अधिकार नहीं था।
- राजनीतिक महत्वाकांक्षा: दुर्योधन एक महत्वाकांक्षी राजकुमार था और वह स्वयं हस्तिनापुर का राजा बनना चाहता था। यदि पांडवों को उनका अधिकार दे दिया जाता, तो दुर्योधन के राजा बनने की संभावना कम हो जाती।
- पांडवों के प्रति ईर्ष्या: दुर्योधन पांडवों से ईर्ष्या करता था क्योंकि वे अधिक लोकप्रिय और शक्तिशाली थे। दुर्योधन को डर था कि पांडव उससे सिंहासन छीन लेंगे।
- शकुनि का प्रभाव: दुर्योधन के मामा शकुनि ने उसे पांडवों को उनका अधिकार न देने के लिए उकसाया। शकुनि एक धूर्त और चालाक व्यक्ति था और वह पांडवों को नष्ट करना चाहता था।
प्रोटीन-ऊर्जा कुपोषण (PEM) से ग्रस्त होने का खतरा निम्नलिखित समूहों को अधिक होता है:
- शिशु और छोटे बच्चे: तेजी से विकास के कारण शिशुओं और छोटे बच्चों को प्रोटीन और ऊर्जा की अधिक आवश्यकता होती है। अपर्याप्त आहार, बार-बार संक्रमण, और खराब स्वच्छता इस आयु वर्ग को PEM के प्रति संवेदनशील बनाते हैं। UNICEF - Nutrition
- गरीब और वंचित आबादी: गरीबी, खाद्य असुरक्षा, और संसाधनों तक सीमित पहुंच इन समुदायों में PEM के उच्च प्रसार में योगदान करते हैं।
- दीर्घकालिक बीमारियों वाले व्यक्ति: कैंसर, एचआईवी/एड्स, और क्रोनिक किडनी रोग जैसी बीमारियां शरीर की पोषक तत्वों को अवशोषित करने और उपयोग करने की क्षमता को बाधित कर सकती हैं, जिससे PEM का खतरा बढ़ जाता है। PMC - Protein-Energy Malnutrition
- वृद्ध वयस्क: उम्र बढ़ने के साथ भूख कम हो सकती है, चबाने और निगलने में कठिनाई हो सकती है, और पोषक तत्वों का अवशोषण कम हो सकता है, जिससे PEM का खतरा बढ़ जाता है।
- शराब और नशीली दवाओं के दुरुपयोग करने वाले लोग: ये पदार्थ भूख को दबा सकते हैं, पोषक तत्वों के अवशोषण को बाधित कर सकते हैं, और चयापचय को बदल सकते हैं, जिससे PEM हो सकता है।
इसके अतिरिक्त, कुछ चिकित्सीय स्थितियां और सामाजिक-आर्थिक कारक भी PEM के खतरे को बढ़ा सकते हैं। इन जोखिम कारकों की पहचान करना और उन्हें संबोधित करना PEM को रोकने और प्रबंधित करने के लिए महत्वपूर्ण है।