
अंतराळ
मानव नेत्र की समंजन क्षमता:
मानव नेत्र की समंजन क्षमता वह क्षमता है जिसके द्वारा नेत्र लेंस अपनी फोकस दूरी को समायोजित करके दूर और निकट की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख सकता है। स्वस्थ मानव नेत्र के लिए समंजन क्षमता लगभग 4 डायोप्टर होती है। इसका मतलब है कि नेत्र लेंस अपनी फोकस दूरी को इस तरह बदल सकता है कि वह 25 सेंटीमीटर (निकट बिंदु) से लेकर अनंत (दूर बिंदु) तक की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख सके।
जब हम किसी दूर की वस्तु को देखते हैं, तो नेत्र लेंस पतला हो जाता है और उसकी फोकस दूरी बढ़ जाती है। इसके विपरीत, जब हम किसी निकट की वस्तु को देखते हैं, तो नेत्र लेंस मोटा हो जाता है और उसकी फोकस दूरी कम हो जाती है। यह परिवर्तन सिलिअरी मांसपेशियों द्वारा नियंत्रित होता है।
व्यतिकरण और विवर्तन में अंतर:
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व्यतिकरण:
- यह दो या दो से अधिक प्रकाश तरंगों के अध्यारोपण के कारण होता है।
- इसमें फ्रिंज की चौड़ाई लगभग समान होती है।
- सभी फ्रिंज की तीव्रता समान होती है।
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विवर्तन:
- यह प्रकाश तरंगों के अवरोधकों के किनारों से मुड़ने के कारण होता है।
- इसमें फ्रिंज की चौड़ाई समान नहीं होती है।
- सभी फ्रिंज की तीव्रता समान नहीं होती है, केंद्रीय फ्रिंज सबसे तीव्र होता है।
अधिक जानकारी के लिए, आप इन वेबसाइटों पर जा सकते हैं:
- पदार्थ में दो प्रकार के परिवर्तन होते हैं
- भौतिक परिवर्तन ऐसा परिवर्तन जिसके फल स्वरुप पदार्थ के सिर्फ गुणों में परिवर्तन होता है और कोई नया पदार्थ नहीं बनता है तथा पदार्थ पुण:अपनी पूर्व अवस्था को प्राप्त कर सकता है उसे भौतिक परिवर्तन कहते हैं as-पानी से बर्फ का बनना, पानी का वशीकरण
- रसायनिक परिवर्तन ऐसा परिवर्तन जिसके फलस्वरूप पदार्थ के भौतिक और रासायनिक गुणों में स्थाई परिवर्तन होता है तथा नए वाले पदार्थ बनते हैं वह पुनः अपने पूर्व अवस्था को प्राप्त नहीं कर सकते हैं उसे रासायनिक परिवर्तन कहते हैं as-दूध से दही को बनाना, किरासन तेल का जलाना
अनुनासिक स्वर:
- अनुनासिक स्वर वे स्वर होते हैं जिनका उच्चारण नाक और मुख दोनों से होता है।
- इन स्वरों के ऊपर चंद्रबिंदु (ँ) का प्रयोग होता है।
- उदाहरण: आँख, ऊँट, पाँच आदि।
अनुस्वार:
- अनुस्वार एक व्यंजन है जिसका उच्चारण नाक से होता है।
- इसे वर्ण के ऊपर बिंदु (ं) के रूप में दर्शाया जाता है।
- उदाहरण: अंग, कंठ, रंग आदि।
मुख्य अंतर:
- अनुनासिक स्वर एक स्वर है, जबकि अनुस्वार एक व्यंजन है।
- अनुनासिक स्वरों का उच्चारण नाक और मुख दोनों से होता है, जबकि अनुस्वार का उच्चारण केवल नाक से होता है।
- अनुनासिक स्वरों को चंद्रबिंदु (ँ) से दर्शाया जाता है, जबकि अनुस्वार को बिंदु (ं) से दर्शाया जाता है।
अधिक जानकारी के लिए, आप इन वेबसाइटों पर जा सकते हैं:
अनुनासिक स्वर:
- अनुनासिक स्वर वे स्वर होते हैं जिनका उच्चारण मुख और नाक दोनों से होता है।
- इनका उच्चारण करते समय हवा मुख और नासिका दोनों से निकलती है।
- अनुनासिक स्वरों को दर्शाने के लिए शिरोरेखा के ऊपर चंद्रबिंदु (ँ) का प्रयोग किया जाता है।
- उदाहरण: हँसना, गाँव, आँख आदि।
अनुस्वार:
- अनुस्वार एक व्यंजन है जिसकी ध्वनि नाक से निकलती है।
- इसे स्वर के बाद लगाया जाता है और इसे दर्शाने के लिए शिरोरेखा के ऊपर एक बिंदु (ं) का प्रयोग किया जाता है।
- अनुस्वार का उच्चारण व्यंजन की तरह होता है।
- उदाहरण: अंग, रंग, संघ आदि।
मुख्य अंतर:
- अनुनासिक स्वर मुख और नासिका दोनों से उच्चारित होते हैं, जबकि अनुस्वार केवल नासिका से उच्चारित होता है।
- अनुनासिक स्वरों को चंद्रबिंदु (ँ) से दर्शाया जाता है, जबकि अनुस्वार को बिंदु (ं) से दर्शाया जाता है।
- अनुनासिक स्वर स्वर होते हैं, जबकि अनुस्वार व्यंजन होता है।
धोखा और विश्वास दोनों ही मानवीय संबंध और बातचीत का हिस्सा हैं, लेकिन उनके बीच एक महत्वपूर्ण अंतर है:
विश्वास (Trust):
- परिभाषा: विश्वास का अर्थ है किसी व्यक्ति या चीज़ पर भरोसा करना, यह मानते हुए कि वे ईमानदार, विश्वसनीय और वफादार होंगे। यह एक सकारात्मक अपेक्षा है कि दूसरा व्यक्ति आपके सर्वोत्तम हित में काम करेगा।
- आधार: विश्वास अनुभव, प्रतिष्ठा या वादों पर आधारित हो सकता है।
- परिणाम: विश्वास से मजबूत रिश्ते, सहयोग और सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
ठगी (Deception):
- परिभाषा: ठगी का अर्थ है जानबूझकर किसी को धोखा देना, गलत जानकारी देना या सच को छुपाना। यह विश्वास का उल्लंघन है।
- आधार: ठगी का आधार झूठ, छल और धोखे पर होता है।
- परिणाम: ठगी से रिश्तों में दरार, नुकसान और नकारात्मक परिणाम होते हैं।
मुख्य अंतर:
- विश्वास में सकारात्मक अपेक्षाएं शामिल हैं, जबकि ठगी में जानबूझकर धोखा देना शामिल है।
- विश्वास रिश्तों को मजबूत करता है, जबकि ठगी रिश्तों को तोड़ती है।
संक्षेप में, विश्वास एक सकारात्मक भावना है जो भरोसे पर आधारित होती है, जबकि ठगी एक नकारात्मक क्रिया है जो धोखे पर आधारित होती है।
माध्य (Mean):
- माध्य एक डेटासेट में सभी मानों का औसत होता है।
- इसे सभी मानों को जोड़कर और मानों की संख्या से विभाजित करके निकाला जाता है।
- माध्य को कभी-कभी औसत के रूप में भी जाना जाता है।
उदाहरण:
डेटासेट: 2, 4, 6, 8, 10
माध्य: (2 + 4 + 6 + 8 + 10) / 5 = 6
बहुलक (Mode):
- बहुलक एक डेटासेट में सबसे अधिक बार आने वाला मान होता है।
- एक डेटासेट में एक से अधिक बहुलक हो सकते हैं, या कोई भी नहीं हो सकता है।
उदाहरण:
डेटासेट: 2, 4, 6, 6, 8, 10
बहुलक: 6 (क्योंकि यह दो बार आता है, जो किसी भी अन्य मान से अधिक है)
मुख्य अंतर:
- माध्य सभी मानों का औसत है, जबकि बहुलक सबसे अधिक बार आने वाला मान है।
- माध्य डेटासेट के सभी मानों से प्रभावित होता है, जबकि बहुलक केवल सबसे अधिक बार आने वाले मान से प्रभावित होता है।
- माध्य का उपयोग तब किया जाता है जब डेटासेट में सभी मानों का समान महत्व होता है, जबकि बहुलक का उपयोग तब किया जाता है जब सबसे अधिक बार आने वाले मान पर ध्यान केंद्रित करना महत्वपूर्ण होता है।