मानव नेत्र की समंजन क्षमता क्या होती है? व्यतिकरण तथा विवर्तन में अंतर स्पष्ट कीजिए?
मानव नेत्र की समंजन क्षमता क्या होती है? व्यतिकरण तथा विवर्तन में अंतर स्पष्ट कीजिए?
मानव नेत्र की समंजन क्षमता:
मानव नेत्र की समंजन क्षमता वह क्षमता है जिसके द्वारा नेत्र लेंस अपनी फोकस दूरी को समायोजित करके दूर और निकट की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख सकता है। स्वस्थ मानव नेत्र के लिए समंजन क्षमता लगभग 4 डायोप्टर होती है। इसका मतलब है कि नेत्र लेंस अपनी फोकस दूरी को इस तरह बदल सकता है कि वह 25 सेंटीमीटर (निकट बिंदु) से लेकर अनंत (दूर बिंदु) तक की वस्तुओं को स्पष्ट रूप से देख सके।
जब हम किसी दूर की वस्तु को देखते हैं, तो नेत्र लेंस पतला हो जाता है और उसकी फोकस दूरी बढ़ जाती है। इसके विपरीत, जब हम किसी निकट की वस्तु को देखते हैं, तो नेत्र लेंस मोटा हो जाता है और उसकी फोकस दूरी कम हो जाती है। यह परिवर्तन सिलिअरी मांसपेशियों द्वारा नियंत्रित होता है।
व्यतिकरण और विवर्तन में अंतर:
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व्यतिकरण:
- यह दो या दो से अधिक प्रकाश तरंगों के अध्यारोपण के कारण होता है।
- इसमें फ्रिंज की चौड़ाई लगभग समान होती है।
- सभी फ्रिंज की तीव्रता समान होती है।
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विवर्तन:
- यह प्रकाश तरंगों के अवरोधकों के किनारों से मुड़ने के कारण होता है।
- इसमें फ्रिंज की चौड़ाई समान नहीं होती है।
- सभी फ्रिंज की तीव्रता समान नहीं होती है, केंद्रीय फ्रिंज सबसे तीव्र होता है।
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