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सुंदरता

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खून की खराबी या रक्त की अशुद्धि, गंदगी दूर किए बिना, सुंदरता का सपना देखना व्यर्थ है amrutam 
खूबसूरती, सुंदरता बढ़ाने का स्र्विटम प्राकृतिक उपाय

ज्यादातर लोग केवल बाहरी चिकित्सा कर ठीक होने की कोशिश करते हैं जबकि आयुर्वेद चिकित्सा चंद्रोदय के मुताबिक ये सब समस्यायों की जड़ खून की खराबी या रक्त की अशुद्धि की वजह से होते हैं।

चेहरे पर लाइन हो या झुर्रियां। काले निशान, ढीली त्वचा, स्किन प्रोब्लम, चेहरे का रंग बदलना, कील, मुंहासे इन सबका कारण एक की खराबी है।

ब्लड में गंदगी का एक कारण पेट में लम्बे समय सूक्ष्म कृमि या कीड़े भी होते हैं। जिसका दुष्प्रभाव सबसे पहले चेहरे की त्वचा पर दिखता है।

आयुर्वेद में अभ्यंग का विशेष महत्व बताया है। मालिश करने से त्वचा की मरम्मत होती रहती है। खून का संचार सुचारू होता है। संक्रमण साफ होते रहते हैं। इसीलिए आयुर्वेद महर्षियों ने सुबह की धूप में अभ्यंग करने का निर्देश दिया है, ताकि त्वचा निखरेकर हड्डी भी मजबूत हों।

दुनिया के स्वास्थ्य वैज्ञानिकों ने भी माना है कि सूरज की किरणों से प्राप्त विटामिन डी अस्थियों को ताकत देता है।

सर्वप्रथम आप खून साफ करने वाली आयुर्वेदिक दवाएं कम से कम 2 से तीन महीने लेना शुरू करें और प्रत्येक शनिवार धूप में बैठकर ओषधि तेल KAYAKEY Oil की मालिश करें।

यदि त्वचा कटी, फटी, रूखी, सुखी या बेजान हो, तो Skinkey oil पूरे शरीर में लगाकर एक घंटे धूप में बैठे। इससे शरीर के सारे जर्म्स, कीटाणु खत्म हो जायेंगे और शरीर में फुर्ती एवं निखार आएगा।

आयुर्वेद के 5000 साल करीब 700 प्राचीन ग्रंथ, हस्त लिखित पांडुलिपियों में लिखा है कि रोग बाहर नहीं अपितु हमारी लापरवअंही, गलत खानपान था अनियमित दिनचर्या के कारण देह के अंदर से प्रकट होते हैं।

आयुर्वेद सार संहिता के अनुसार नीम, राेहिश घांस, खदिरा, बाकुची, दारूहल्दी, मंजिष्ठा, उसीरा, ताम्र भस्म, रक्तचंदन, चित्रकमूल, करोंदा, घृतकुमारी, चिरौंजी, अमलताश, त्रिफला, शुद्ध गुगल, सनाए आदि 30 जड़ी बूटियां एक शुद्धि में उपयोगी हैं।

खून साफ करने वाली आयुर्वेदिक जड़ीबूटियां।उपरोक्त घटक द्रव्यों का काढ़ा बनाकर आंवला मुरब्बा, हरड़ मुरब्बा, गुलकंद के साथ तीन से चार माह तक निरंतर और नियमित लिया जाए, तो चेहरे के सभी निशान, झुर्रियां, झाईयां मिट जाती है और पूरा शरीर दमक कर खूबसूरती बढ़ती है।

आयुर्वेद के पुराने शास्त्रों का बहुत ही गहराई से अध्ययन कर आधुनिक तरीके से अनुसंधान के बाद एक विशेष ओषधि का आप सेवन कर सकते हैं। ये स्किन की माल्ट के नाम से अमेजन, अमृतम, nykaa, अमलर्थ पर ऑनलाइन मिल जायेगी।

स्किन की माल्ट का के घटक देव, फार्मूला जाने

Skinkey Malt - Product Details Material

Neem 350 mg, Daruhaldi 100 mg, Manjistha 800 mg, Usira 500 mg, Bakuchi 200 mg, Anantmool 40 mg, Gandhak Rasayan 155 mg, Ras Manikya 85 mg, Karanj 300 mg, Rakta Chandan 100 mg, Chitrakmool 100 mg, Shuddh Hartaal 20 mg

Tamra Bhasma 40 mg, Rock salt 10 mg, Amla 1 gm, Karonda 2 gm, Bel 100 mg, Ghee Kuwar, Khadira 350 mg,

Triphala Guggal 300 mg, Kanchanar Guggal 100 mg, Daakh 100 mg, Nagakeshar 20 mg, Pepper 50 mg, Nutmeg 10 mg, Sweet Neem 100 mg,

Coriander ext 20 mg Amlatash 40 mg, Sanay 10 mg, Giloy ext 40mg, Chironji 200 mg, Plum 200 mg, Forest basil seed 100 mg, Saron 2 mg, Javitri 10 mg,

Swarnamakshi Bhasma 100 mg, Madhuyashti 45 mg, Ila 2 mg, Ajwain 5 mg, Cinnamon 9 mg, Apamarg 45 mg, Vaibidang 45 mg, Kapoor 5 mg

How To Use

Consume one or two tablespoons with 100-200 ml warm water or milk on an empty stomach or as directed by your physician.

Amrutam Skinkey Body Oil

Skin Treatment। 100 ml

लगातार 7 दिन आयुर्वेदिक ओषधि तेल से पूरे शरीर की धूप में बैठकर मालिश करे।

स्किन की ऑयल का फार्मूला

Product Details Material

Manjishtha 250 mg, Annatmool 150 mg, Babchi 150 mg, Chameli 125 mg, Daruhaldi 125 mg, Khadira 125 mg, Chakramard 125 mg, Harad 100 mg,

Baheda 70 mg, Amla 70 mg, Kali mirch 70 mg, Kapoor 70 mg,

Suddha gandhak 50 mg. Neem 1 ml, Karanj 1 ml, Chalmogra oil 1 ml,

Arand oil 5 ml, Narial oil 2ml, Sugandhit drav q.s.

How To Use

We recommend applying Amrutam Skinkey Body Oil in the sun, before bathing.n Skinkey Body Oil should be massaged gently into your skin in large circular motions.n

We recommend using this herbal body oil everyday for a minimum of three months. While using Amrutam Skinkey Body oil, tingling or itching sensations are normal. It is the herbs in infused in the recipe that release excess heat and toxins.

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उत्तर लिखा · 10/12/2022
कर्म · 1790
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हिंदी क्या है?

हिंदी एक इंडो-आर्यन भाषा है, जो मुख्य रूप से भारत में बोली जाती है। यह भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक है और दुनिया भर में करोड़ों लोगों द्वारा बोली जाती है।

  • यह देवनागरी लिपि में लिखी जाती है।
  • हिंदी में संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश, फारसी, अरबी और अंग्रेजी भाषाओं के शब्द शामिल हैं।

हिंदी भाषा में शताब्दी होने का क्या उपाय है?

हिंदी भाषा में शताब्दी होने का अर्थ है कि हिंदी भाषा को और अधिक विकसित और समृद्ध बनाने के लिए प्रयास करना। इसके लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं:

  1. हिंदी भाषा के साहित्य को बढ़ावा देना।
  2. हिंदी भाषा में शिक्षा को बढ़ावा देना।
  3. हिंदी भाषा में वैज्ञानिक और तकनीकी लेखन को बढ़ावा देना।
  4. हिंदी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देना।

हिंदी भाषा के सौंदर्य क्या हैं?

हिंदी भाषा में अनेक सौंदर्य हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

  • सरलता: हिंदी भाषा सरल और समझने में आसान है।
  • मधुरता: हिंदी भाषा मधुर और सुनने में अच्छी लगती है।
  • समृद्धि: हिंदी भाषा समृद्ध है और इसमें अनेक शब्द और अभिव्यक्तियाँ हैं।
  • लचीलापन: हिंदी भाषा लचीली है और इसे विभिन्न प्रकार के लेखन और बोलने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

अधिक जानकारी के लिए, आप इन लिंक पर जा सकते हैं:

उत्तर लिखा · 13/3/2025
कर्म · 680
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अब्राहम लिंकन ने किताबों की मनमोहक दुनिया और प्रकृति की सुंदरता को निहारने की सलाह इसलिए दी क्योंकि दोनों ही चीजें मनुष्य के विकास और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण हैं।

किताबें:

  • ज्ञान और जानकारी का स्रोत: पुस्तकें ज्ञान और जानकारी का भंडार होती हैं। वे हमें इतिहास, विज्ञान, कला, संस्कृति और मानव अनुभव के बारे में सिखाती हैं।
  • विचारों को उत्तेजित करती हैं: पुस्तकें हमें नए विचारों और दृष्टिकोणों से परिचित कराती हैं, जो हमारी सोच को उत्तेजित करती हैं और हमें दुनिया को नए तरीकों से देखने के लिए प्रेरित करती हैं।
  • भाषा और संचार कौशल में सुधार: पुस्तकें पढ़ने से हमारी भाषा और संचार कौशल में सुधार होता है। हम नए शब्दों और वाक्यांशों को सीखते हैं, और हम अधिक प्रभावी ढंग से संवाद करने की क्षमता विकसित करते हैं।

प्रकृति:

  • शांति और सुकून का स्रोत: प्रकृति हमें शांति और सुकून प्रदान करती है। जब हम प्रकृति में होते हैं, तो हम तनाव और चिंता से मुक्त हो जाते हैं और हम अपने भीतर शांति का अनुभव करते हैं।
  • प्रेरणा और रचनात्मकता का स्रोत: प्रकृति हमें प्रेरणा और रचनात्मकता प्रदान करती है। जब हम प्रकृति को देखते हैं, तो हम आश्चर्य और विस्मय से भर जाते हैं, और हम नए विचारों और संभावनाओं के बारे में सोचने के लिए प्रेरित होते हैं।
  • शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद: प्रकृति हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। जब हम प्रकृति में होते हैं, तो हम व्यायाम करते हैं, ताजी हवा में सांस लेते हैं, और सूरज की रोशनी में विटामिन डी प्राप्त करते हैं।

लिंकन का मानना था कि किताबों और प्रकृति दोनों ही हमें बेहतर इंसान बनने में मदद कर सकते हैं। वे हमें ज्ञान, प्रेरणा, शांति और स्वास्थ्य प्रदान करते हैं। इसलिए, उन्होंने हमें इन दोनों चीजों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया।

अब्राहम लिंकन के विचारों पर अधिक जानकारी के लिए आप इन वेबसाइटों पर जा सकते हैं:

उत्तर लिखा · 13/3/2025
कर्म · 680
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एक बगीचे की सुंदरता कई चीजों से होती है, जिनमें शामिल हैं:

  • पौधों की विविधता: विभिन्न प्रकार के फूल, पेड़, झाड़ियाँ और घास बगीचे को रंगीन और आकर्षक बनाते हैं।
  • रंगों का संयोजन: फूलों और पत्तियों के रंगों का सही संयोजन बगीचे को सुंदर बनाता है।
  • आकार और बनावट: पौधों के आकार और बनावट में विविधता बगीचे को दिलचस्प बनाती है।
  • व्यवस्था: पौधों को इस तरह से व्यवस्थित करना कि वे एक-दूसरे के पूरक हों और एक सुंदर दृश्य बनाएं।
  • स्वच्छता: एक साफ-सुथरा बगीचा हमेशा सुंदर दिखता है।
  • फर्नीचर और सजावट: बगीचे में बेंच, टेबल और अन्य सजावटी वस्तुएं बगीचे को आरामदायक और आकर्षक बनाती हैं।
  • पानी: पानी बगीचे को जीवन देता है और इसे शांत और ताज़ा बनाता है।
  • प्रकाश: प्रकाश बगीचे को एक जादुई और रहस्यमय वातावरण प्रदान करता है।

कुल मिलाकर, एक बगीचे की सुंदरता इस बात पर निर्भर करती है कि ये सभी तत्व एक साथ कैसे काम करते हैं ताकि एक सुंदर और सामंजस्यपूर्ण स्थान बनाया जा सके।

अधिक जानकारी के लिए, आप इन वेबसाइटों पर जा सकते हैं:

उत्तर लिखा · 13/3/2025
कर्म · 680
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             धूप में बैठने का पहला फायदा है शरीर की मांसपेशियों का तंदरुस्त हो जाना। जिन लोगों को शरीर में दर्द और जोड़ों में दर्द की परेशानी है वो रोज कम से कम आधा घंटा धूप में जरूर बैठें। सच में वे अपना हर दर्द भूल जाएंगे, सूरज की रोशनी का ताप उन्हें जले पर मरहम की तरह महसूस होगा।

             अगला फायदा भी मांसपेशियों से ही जुड़ा है, ना केवल वे लोग जिन्हें शरीर में दर्द रहता है, बल्कि हर किसी के लिए जरूरी है मांसपेशियों का खुलना। इससे हम हरदम एक्टिव महसूस करते हैं।

             क्या आपको रात को सही तरीके से नींद नहीं आती? या फिर आपको हमेशा ही नींद ना आने की बीमारी है? यदि हां तो आप धूप में जरूर बैठें, खासतौर से सर्दियों की धूप आपके लिए फायदेमंद है। धूप आपके दिमाग की रक्त नलिकाओं में रक्त का संचार बढ़ाती है जिससे दिमाग को आराम मिलेगा। ऐसे में रात को नींद अच्छी आएगी।

               धूप उनके शरीर को ना केवल बाहरी, बल्कि अंदरूनी गर्मी भी पहुंचाएगी। शरीर खुलेगा और शरीर में ऊर्जा भी महसूस होगी। इसके अलावा यदि रक्त के संचार के कम होने से सर्दियों में आपके हाथ-पांव सूज जाते हैं, तब भी धूप का सहारा लें। क्योंकि इस परिस्थिति में धूप से अच्छी प्राकृतिक दवा कोई नहीं है।

              शरीर में विटामिन डी की कमी होने पर डॉक्टर धूप लेने की सलाह देते हैं। दरअसल सूरज की रोशनी विटामिन डी का सबसे बेहतर स्रोत है और रोज धूप में बैठने से विटामिन डी की कमी पूरी होती है।

Source:SpeakingTree

उत्तर लिखा · 21/12/2018
कर्म · 68420
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अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना होता है – अलम + कार। यहाँ पर अलम का अर्थ होता है ‘आभूषण’। मानव समाज बहुत ही सौन्दर्योपासक है, उसकी प्रवृत्ति के कारण ही अलंकारों को जन्म दिया गया है। जिस तरह से एक नारी अपनी सुन्दरता को बढ़ाने के लिए आभूषणों को प्रयोग में लाती हैं, उसी प्रकार भाषा को सुन्दर बनाने के लिए अलंकारों का प्रयोग किया जाता है। अर्थात जो शब्द काव्य की शोभा को बढ़ाते हैं, उसे अलंकार कहते हैं।
उत्तर लिखा · 19/12/2018
कर्म · 68420