
भोजन
क) खाद्य पदार्थ:
- अनाज:
- सब्जियां और फल:
- पोषक तत्वों का महत्व:
- प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ:
- अन्य खाद्य पदार्थ:
40 वर्ष पूर्व: 40 वर्ष पहले, भारत में मुख्य भोजन अनाज थे, जिनमें चावल और गेहूं शामिल थे। ये अनाज ज्यादातर लोगों के आहार का एक अभिन्न हिस्सा थे। इसके अलावा, बाजरा और दालें भी महत्वपूर्ण थीं।
आज: आज भी चावल और गेहूं मुख्य भोजन बने हुए हैं, लेकिन मक्का (भारतीय मक्का) की लोकप्रियता भी बढ़ी है। मक्का अब चावल और गेहूं के बाद तीसरा सबसे महत्वपूर्ण खाद्य फसल है। लोग अब स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं, इसलिए वे बिना पॉलिश किए चावल का उपयोग करते हैं, क्योंकि इसमें विटामिन ए, बी और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है।
40 वर्ष पूर्व: प्राचीन भारत में लोग कई प्रकार की सब्जियां और फल खाते थे, लेकिन उपलब्धता सीमित थी और मौसमी फल और सब्जियों का ही अधिक उपयोग होता था।
आज: आज, विभिन्न प्रकार की सब्जियां और फल पूरे वर्ष उपलब्ध हैं। वैश्विक व्यापार और बेहतर कृषि तकनीकों के कारण, लोग अब विभिन्न प्रकार के फलों और सब्जियों का आनंद ले सकते हैं, जो पहले उपलब्ध नहीं थे।
40 वर्ष पूर्व: पुराने समय में, भोजन के स्वाद से ज्यादा उसके पोषण मूल्य पर जोर दिया जाता था। भोजन आसानी से पचने वाला होना चाहिए और उम्र के हिसाब से उपयुक्त होना चाहिए।
आज: आज लोग भोजन में पोषक तत्वों के महत्व को समझने लगे हैं। वे प्रोटीन, विटामिन, और खनिजों से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करने की कोशिश करते हैं।
40 वर्ष पूर्व: 40 वर्ष पहले, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का चलन इतना अधिक नहीं था, और लोग ज्यादातर ताजा और प्राकृतिक खाद्य पदार्थों का सेवन करते थे।
आज: आज के समय में, प्रसंस्कृत और पैक्ड खाद्य पदार्थों का प्रचलन बढ़ गया है। शहरी क्षेत्रों में, लोग इन खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन कर रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
40 वर्ष पूर्व: पहले के समय में मांसाहारी भोजन भी प्रचलित था, जिसमें मांस, मछली और मुर्गी शामिल थे। दूध और दूध से बने उत्पादों का भी उपयोग होता था।
आज: आज भी मांसाहारी भोजन का प्रचलन है, लेकिन शाकाहारी और पौधों पर आधारित भोजन की लोकप्रियता भी बढ़ रही है। लोग अब स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति अधिक जागरूक हो रहे हैं, इसलिए वे शाकाहारी विकल्पों को पसंद कर रहे हैं।
इन परिवर्तनों के साथ, यह महत्वपूर्ण है कि हम स्वस्थ भोजन की आदतों को बनाए रखें और अपने आहार में पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों को शामिल करें।
भाग (Division) एक गणितीय संक्रिया है जिसका उपयोग यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि एक संख्या में कोई दूसरी संख्या कितनी बार आती है। इसे समझने के लिए, निम्नलिखित चरणों का पालन करें:
- भाग के भागों को समझें:
- भाज्य (Dividend): वह संख्या जिसे विभाजित किया जाना है।
- भाजक (Divisor): वह संख्या जिससे विभाजित किया जा रहा है।
- भागफल (Quotient): विभाजन का परिणाम, यानी भाज्य में भाजक कितनी बार आता है।
- शेषफल (Remainder): यदि भाज्य भाजक से पूरी तरह विभाजित नहीं होता है, तो बचा हुआ मान शेषफल कहलाता है।
- भाग करने की प्रक्रिया:
भाग करने के लिए, आपको भाज्य को भाजक से विभाजित करना होता है। उदाहरण के लिए, यदि आप 20 को 5 से विभाजित करना चाहते हैं (20 ÷ 5), तो आप यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि 5, 20 में कितनी बार आता है।
यहाँ एक सरल उदाहरण दिया गया है:
20 ÷ 5 = 4 (क्योंकि 5 x 4 = 20)
इस उदाहरण में:
- भाज्य = 20
- भाजक = 5
- भागफल = 4
- शेषफल = 0 (क्योंकि 20, 5 से पूरी तरह विभाजित हो जाता है)
- लंबा भाग (Long Division):
जब संख्याएँ बड़ी होती हैं, तो लंबा भाग विधि का उपयोग किया जाता है। इसमें निम्नलिखित चरण शामिल होते हैं:
- भाज्य को भाग के चिन्ह के अंदर लिखें और भाजक को बाहर लिखें।
- भाजक को भाज्य के पहले अंक में देखें कि यह कितनी बार आता है।
- भागफल को भाज्य के ऊपर लिखें।
- भाजक को भागफल से गुणा करें और परिणाम को भाज्य के नीचे लिखें।
- घटाएं और अगले अंक को नीचे लाएं।
- यह प्रक्रिया तब तक दोहराएं जब तक कि सभी अंक विभाजित न हो जाएं।
- उदाहरण:
मान लीजिए कि आपको 456 को 12 से विभाजित करना है:
- 12 को 45 में देखें (3 बार आता है)। भागफल में 3 लिखें।
- 12 x 3 = 36। 45 के नीचे 36 लिखें और घटाएं (45 - 36 = 9)।
- अगले अंक 6 को नीचे लाएं। अब आपके पास 96 है।
- 12 को 96 में देखें (8 बार आता है)। भागफल में 8 लिखें।
- 12 x 8 = 96। 96 के नीचे 96 लिखें और घटाएं (96 - 96 = 0)।
इसलिए, 456 ÷ 12 = 38
यह प्रक्रिया आपको भाग करने में मदद करेगी, चाहे संख्याएँ छोटी हों या बड़ी। अभ्यास करते रहें!
- तलना: मछली को तलने के लिए, उसे पहले धोकर साफ कर लें। फिर, उसे मसाले और नमक से अच्छी तरह मिला लें। एक पैन में तेल गरम करें और मछली को सुनहरा भूरा होने तक तल लें।
- भूनना: मछली को भूनने के लिए, उसे पहले धोकर साफ कर लें। फिर, उसे मसाले और नमक से अच्छी तरह मिला लें। एक बेकिंग शीट पर तेल लगाएं और मछली को उस पर रखें। मछली को ओवन में 180 डिग्री सेल्सियस पर 20-25 मिनट तक भूनें।
- स्टीम करना: मछली को स्टीम करने के लिए, उसे पहले धोकर साफ कर लें। फिर, उसे मसाले और नमक से अच्छी तरह मिला लें। एक स्टीमर में पानी डालें और उसे उबाल लें। मछली को स्टीमर में रखें और उसे 10-15 मिनट तक स्टीम करें।
- करी बनाना: मछली की करी बनाने के लिए, उसे पहले धोकर साफ कर लें। फिर, उसे मसाले और नमक से अच्छी तरह मिला लें। एक पैन में तेल गरम करें और उसमें प्याज और हरी मिर्च भूनें। फिर, उसमें टमाटर, अदरक और लहसुन का पेस्ट डालें और अच्छी तरह भूनें। अब, उसमें मसाले और नमक डालें और अच्छी तरह मिलाएं। मछली को पैन में डालें और उसे 5-7 मिनट तक पकाएं। अंत में, धनिया पत्ती से सजाकर परोसें।
- 500 ग्राम मछली
- 1 प्याज, बारीक कटा हुआ
- 2 हरी मिर्च, बारीक कटी हुई
- 1 टमाटर, बारीक कटा हुआ
- 1 चम्मच अदरक-लहसुन का पेस्ट
- 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 1 चम्मच धनिया पाउडर
- 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
- नमक स्वादानुसार
- तेल आवश्यकतानुसार
- धनिया पत्ती, बारीक कटी हुई
- मछली को धोकर साफ कर लें और उसे मसाले और नमक से अच्छी तरह मिला लें।
- एक पैन में तेल गरम करें और उसमें प्याज और हरी मिर्च भूनें।
- टमाटर, अदरक और लहसुन का पेस्ट डालें और अच्छी तरह भूनें।
- लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, हल्दी पाउडर और नमक डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
- मछली को पैन में डालें और उसे 5-7 मिनट तक पकाएं।
- धनिया पत्ती से सजाकर परोसें।
- फल या सब्जियां: आम, नींबू, गाजर, मिर्च, आदि।
यह अचार का मुख्य घटक है और स्वाद और बनावट प्रदान करता है।
- तेल: सरसों का तेल, तिल का तेल, या कोई अन्य वनस्पति तेल।
तेल अचार को संरक्षित करने में मदद करता है और स्वाद को बढ़ाता है।
- मसाले: नमक, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर, मेथी, राई, जीरा, आदि।
मसाले अचार को विशिष्ट स्वाद और सुगंध देते हैं।
- सिरका या नींबू का रस:
ये सामग्री अचार को खट्टा स्वाद देती हैं और इसे संरक्षित करने में मदद करती हैं।
नारंगी का शरबत बनाने की विधि यहाँ दी गई है:
- सामग्री:
- 4-5 नारंगी
- 2-3 चम्मच चीनी (स्वादानुसार)
- 1/2 चम्मच काला नमक
- 1/4 चम्मच भुना जीरा पाउडर (वैकल्पिक)
- बर्फ के टुकड़े
- पानी
- विधि:
- सबसे पहले, नारंगियों को धोकर छील लें।
- नारंगी के टुकड़ों को मिक्सर में डालें और अच्छी तरह से पीस लें।
- अब इस मिश्रण को एक छलनी से छान लें ताकि बीज और रेशे निकल जाएं।
- छने हुए रस में चीनी, काला नमक और भुना जीरा पाउडर (यदि उपयोग कर रहे हैं) डालें।
- इसे अच्छी तरह मिलाएं ताकि चीनी पूरी तरह से घुल जाए।
- अब इसमें ठंडा पानी और बर्फ के टुकड़े डालें।
- अच्छी तरह मिलाएं और ठंडा-ठंडा परोसें।
यह स्वादिष्ट और ताज़ा नारंगी का शरबत गर्मी के मौसम में आनंद लेने के लिए बिल्कुल सही है। आप चाहें तो इसमें पुदीने की पत्तियाँ भी मिला सकते हैं।
- सादी दाल: यह सबसे आम तरीका है। दाल को बिना किसी अतिरिक्त सामग्री के सीधे परोसा जाता है। इसे रोटी, चावल या पराठे के साथ खाया जा सकता है।
- तड़का दाल: इस तरीके में दाल को घी या तेल में जीरा, राई, लहसुन और हरी मिर्च जैसे मसालों के साथ तड़का लगाया जाता है। इससे दाल का स्वाद और भी बढ़ जाता है।
- दाल मखनी: यह एक लोकप्रिय दाल है जो मक्खन और क्रीम के साथ बनाई जाती है। यह बहुत ही स्वादिष्ट और पौष्टिक होती है।
- दाल शोरबा: यह एक पतली दाल होती है जिसे आमतौर पर सूप के रूप में परोसा जाता है। यह सर्दियों के लिए एक बढ़िया विकल्प है।
अपनी पसंद के अनुसार, आप किसी भी तरीके से दाल परोस सकते हैं।